पटना: बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए सोमवार को अपना संकल्प पत्र जारी कर दिया है. इस संकल्प पत्र पर जहां विपक्षी हमला कर रहे हैं. इसे जुमला और झूठ का पुलिंदा बता रहे हैं. तो वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि बीजेपी ने अपने 5 साल के शासन के अनुभव के आधार पर इस बार संकल्प पत्र को तैयार किया है.
राजनीतिक विशेषज्ञ डीएम दिवाकर का कहना है कि 2014 में जब बीजेपी ने घोषणा पत्र जारी किया था तो उसमें कई वादे किए थे. जिसमें बेरोजगारी जैसे मुद्दे पर तो बहुत ज्यादा काम नहीं हुआ. इस बार संकल्प पत्र में बेसिक चीजों का ध्यान रखा गया है खासकर पार्टी को पता है कि अब आप जनहित के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं. प्रोफेसर दिवाकर का यह भी कहना है कि बीजेपी ने अपने पुराने एजेंडे को भी नहीं छोड़ा है. इस संकल्प पत्र में बीजेपी ने अपने पुराने मुद्दों को लेकर गंभीरता दिखाई है.
किसान और युवा के लिए सोचा है संकल्प पत्र में
वहीं, प्रोफेसर अजय झा का कहना है कि बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में कांग्रेस के 72000 के मुकाबले तो कुछ नहीं कहा है लेकिन इसमें कई ऐसी चीजें हैं जिसमें मध्यवर्ग, किसान और छोटे व्यापारियों के साथ युवा वर्ग के लिए सोचा है. जो लोग उनकी तरफ उम्मीद की नजर से देख रहे हैं.
विशेषज्ञ बता रहे हैं इसे एक अच्छा संकल्प पत्र
बीजेपी पर विपक्ष लगातार हमलावर है कि पहले 5 साल में इन्होंने कोई भी वादा पूरा नहीं किया. वहीं, बीजेपी का लगातार दावा रहा है कि अधिकांश वादों को पूरा किया गया है और कई ऐसी चीजें भी की है जो पिछले घोषणा पत्र में नहीं था. नरेंद्र मोदी की सरकार ने पूरी दुनिया में देश का सम्मान बढ़ाया है. विशेषज्ञ इसे एक अच्छा संकल्प पत्र बता रहे हैं. लेकिन यह भी कहते हैं कि मोदी सरकार इस पर कितना खड़ा उतरती है यह देखना जरुरी होगा.