पटना: बिहार के राजनीतिक क्षितिज पर युवा सितारे चमकने को तैयार हैं. तेजस्वी यादव, चिराग पासवान और कन्हैया कुमार तीनों उभरते सितारों के बीच प्रतिस्पर्धा है. तेजस्वी यादव और कन्हैया कुमार के बीच राजनीतिक अदावत पहले से चली आ रही है. महागठबंधन की एकता के बावजूद दोनों नेता एक मंच पर आने को तैयार नहीं हैं. फिलहाल कन्हैया कुमार और तेजस्वी यादव एक ही गठबंधन का हिस्सा है.
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जगजाहिर है तेजस्वी-कन्हैया की अदावत: तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार बड़ी लड़ाई के लिए निकल चुके हैं और दोनों नेता को कांग्रेस की छतरी में आने से परहेज नहीं है. फिर भी तेजस्वी कन्हैया कुमार के साथ मंच साझा करना नहीं चाहते हैं. विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के दौरान संयुक्त प्रचार अभियान चले, लेकिन तेजस्वी ने कन्हैया कुमार के साथ मंच साझा नहीं किया. उल्टे बेगूसराय लोकसभा सीट पर कन्हैया कुमार के खिलाफ अल्पसंख्यक उम्मीदवार खड़ा कर दिया और आखिरकार कन्हैया कुमार को लोकसभा चुनाव में शिकस्त मिली.
प्रजापति समुदाय के कार्यक्रम में आने वाले थे दोनों: कन्हैया कुमार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से चुनाव लड़े थे, लेकिन बाद में वह पाला बदलकर कांग्रेस में आ गए हैं. राजधानी पटना में बुधवार को प्रजापति समुदाय के द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में तेजस्वी यादव और कन्हैया कुमार दोनों को आमंत्रित किया गया था. तेजस्वी यादव को जैसे ही खबर मिली कि कन्हैया कुमार मंच पर पहुंच चुके हैं. उन्होंने कार्यक्रम से कन्नी काट लिया. यह पहला मौका नहीं है, जब तेजस्वी यादव ने कन्हैया कुमार से दूरी बनाए. इसके पहले कई मौकों पर तेजस्वी और कन्हैया के बीच दूरियां दिखी.
लालू परिवार की वजह से बिहार में कन्हैया की सक्रियता नहीं: मिल रही जानकारी के मुताबिक तेजस्वी और लालू परिवार के दबाव के चलते ही कन्हैया कुमार की सक्रियता बिहार की राजनीति में कांग्रेस पार्टी की ओर सुनिश्चित नहीं की जा सकी है.नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव बड़ी लड़ाई के लिए निकल चुके हैं. भाजपा से दो-दो हाथ के लिए गठबंधन बनाने की तैयारी है और 12 जून को भाजपा विरोधी नेताओं की बैठक बुलाई गई है. बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी हिस्सा लेंगे.
आरजेडी प्रवक्ता ने दी सफाई: भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि तेजस्वी यादव और कन्हैया कुमार की बीच राजनीतिक लड़ाई है. तेजस्वी यादव को ऐसा महसूस होता है कि कन्हैया कुमार भविष्य में उन्हें चुनौती दे सकते हैं. ऐसे में जब भी तेजस्वी यादव को मौका मिलता है तो कन्हैया कुमार का कद छोटा करने से नहीं चूकते हैं. राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा है कि तेजस्वी यादव को आमंत्रण देने के लिए आयोजक पहुंचे थे. मैं भी वहां मौजूद था उपमुख्यमंत्री ने कहा था कि मेरा पहले से कार्यक्रम तय है, लेकिन फिर भी समय मिलेगा तो मैं आऊंगा.
"तेजस्वी यादव और कन्हैया कुमार की बीच राजनीतिक लड़ाई है. तेजस्वी यादव को ऐसा महसूस होता है कि कन्हैया कुमार भविष्य में उन्हें चुनौती दे सकते हैं. ऐसे में जब भी तेजस्वी यादव को मौका मिलता है तो कन्हैया कुमार का कद छोटा करने से नहीं चूकते हैं" - प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, बीजेपी
कांग्रेस ने कहा दोनों में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं: शक्ति यादव ने कहा कि मेरी पार्टी की ओर से प्रतिनिधि कार्यक्रम में गए थे. भविष्य में दोनों नेता मंच साझा करेंगे या नहीं इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता. कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा है कि कन्हैया कुमार हमारे दल के बड़े नेता हैं और राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान भी है. बिहार में उनकी भूमिका क्या होगी या तो पार्टी तय करेगी, लेकिन दोनों नेताओं में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है दोनों महागठबंधन को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं.
"तेजस्वी यादव को आमंत्रण देने के लिए आयोजक पहुंचे थे. मैं भी वहां मौजूद था उपमुख्यमंत्री ने कहा था कि मेरा पहले से कार्यक्रम तय है, लेकिन फिर भी समय मिलेगा तो मैं आऊंगा. भविष्य में दोनों नेता मंच साझा करेंगे या नहीं इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता" - शक्ति यादव, प्रवक्ता, आरजेडी
"कन्हैया कुमार हमारे दल के बड़े नेता हैं और राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान भी है. बिहार में उनकी भूमिका क्या होगी या तो पार्टी तय करेगी, लेकिन दोनों नेताओं में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है दोनों महागठबंधन को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं"- राजेश राठौर, मुख्य प्रवक्ता, कांग्रेस
एक-दूसरे को बढ़ते नहीं देखना चाहते दोनों: वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि युवा नेताओं में प्रतिस्पर्धा है और एक दूसरे को आगे बढ़ते देखना नहीं चाहते. कन्हैया कुमार और तेजस्वी यादव में भी उसी तरह की लड़ाई है तेजस्वी या नहीं चाहते कि कोई युवा नेता बिहार के अंदर उभरे और भविष्य में उनके लिए चुनौती बने ऐसे में तेजस्वी कन्हैया कुमार के साथ मंच साझा करना मुनासिब नहीं समझते हैं. तेजस्वी यादव भाजपा से दो-दो हाथ के लिए रणनीति बना रहे हैं और भविष्य में बड़ी लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रहे हैं ऐसे में सवाल यह उठता है कि लोकसभा चुनाव के दौरान क्या दोनों नेताओं के बीच खटास कमेगी या फिर तेजस्वी लोकसभा चुनाव के दौरान भी कन्हैया कुमार के साथ मंच साझा करने से बचेंगे.
"युवा नेताओं में प्रतिस्पर्धा है और एक दूसरे को आगे बढ़ते देखना नहीं चाहते. कन्हैया कुमार और तेजस्वी यादव में भी उसी तरह की लड़ाई है तेजस्वी या नहीं चाहते कि कोई युवा नेता बिहार के अंदर उभरे और भविष्य में उनके लिए चुनौती बने ऐसे में तेजस्वी कन्हैया कुमार के साथ मंच साझा करना मुनासिब नहीं समझते हैं" - कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक