पटना: पिछले कुछ समय से सीएम नीतीश कुमार को लेकर आरजेडी नरम हुआ है, जबकि बीजेपी और जेडीयू के रिश्ते में पहले जैसी मिठास नहीं रही है. ऐसे में महागठबंधन की ओर से नीतीश को अलग-अलग तरीके से साथ आने के लिए 'आमंत्रण' दिए जा रहे हैं. इन सब के बीच दरभंगा में लालू के करीबी अब्दुल बारी सिद्दीकी से मिलने मुख्यमंत्री उनके घर पहुंच गए. जिसके बाद तरह-तरह के कयास लगने लगे हैं.
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सीएम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दरभंगा के अलीनगर प्रखंड स्थित मिर्जापुर गांव में बाढ़ पीड़ितों का हालचाल लेने पहुंचे. उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के रहने,खाने- पीने, पशुओं के चारे और मेडिकल सुविधा की व्यवस्था का जायजा लिया. वहीं मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीड़ितों से मिलने के बाद अलीनगर के आरजेडी विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी से भी उनके आवास पर भेंट की.
मुख्यमंत्री ने व्यवस्थाओं का लिया जायजा
सीएम हेलीकॉप्टर से सीधे अलीनगर प्रखंड स्थित मदरसा बघेला के मैदान में उतरे और वहां से सड़क मार्ग से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मिर्जापुर गांव पहुंचे. मिर्जापुर गांव के स्कूल पर बाढ़ पीड़ितों के रहने की व्यवस्था की गई है. वहां पहुंचकर मुख्यमंत्री ने सामुदायिक रसोई घर, पशुओं के चारा, पीने का पानी, मेडिकल की व्यवस्था आदि का जायजा लिया. बता दें कि अलीनगर प्रखंड में बाढ़ से सबसे अधिक नुकसान हुआ है.
सिद्दीकी के घर पहुंचे नीतीश
बाढ़ पीड़ितों के बीच 15 मिनट रुकने के बाद सीएम करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित आरजेडी विधायक अब्दुल बारी सिद्धकी के रूपसपुर स्थित आवास पर पहुंचे. जहां वे करीब 15 मिनट तक रुके. इस दौरान मुख्यमंत्री और सिद्दीकी के बीच चाय पर बातचीत हुई. इसके बाद वहां से मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर के पास पहुंचे और वापस पटना के लिए निकल गए.
सियासी अटकलें तेज
मुख्यमंत्री जब बाढ़ पीड़ित का हालचाल ले रहे थे तो वहां स्थानीय विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी और बिहार सरकार के मंत्री मदन सहनी मौजूद थे. सिद्दीकी से अचानक अकेले में मुलाकात को लेकर क्षेत्र में राजनीतिक चर्चा तेज हो गई है. बाढ़ के बहाने मुख्यमंत्री का अब्दुल बारी सिद्दीकी से मिलना किसी नए सियासी बदलाव का संकेत तो नहीं.
नीतीश के लिए आरजेडी नरम
लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से आरजेडी लगातार नीतीश कुमार को लेकर नरमी बरत रहा है. चमकी बुखार पर भी सीएम के बजाय स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को लेकर पार्टी मुखर दिखी. रघुवंश प्रसाद से लेकर शिवानंद तिवारी तक ने नीतीश से महागठबंधन में वापस आने की अपील भी की. जबकि राबड़ी देवी ने भी कहा कि अगर वे आना चाहें तो हम विचार करेंगे.
बीजेपी-जेडीयू में तल्खी
दरअसल, लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद मोदी मंत्रिमंडल में जेडीयू को जगह नहीं मिल पाई. नीतीश कुमार ने सांकेतिक भागीदारी से इनकार करते हुए अपने सांसद को आखिरी समय में मंत्री बनने से रोक लिया था. गौर करने वाली बात ये भी है कि तीन तलाक, धारा 370, एनआरसी, राम मंदिर जैसे मुद्दों पर जेडीयू का रुख बीजेपी से ठीक उलट है. अभी हाल में बिहार पुलिस के आरएसएस और अन्य दूसरे हिंदू संगठनों पर नजर रखने के आदेश पर भी बीजेपी से थोड़ी तल्खी बढ़ी है.
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जेडीयू की सफाई
हालांकि जेडीयू ने सीएम और आरजेडी विधायक की मुलाकात पर सफाई दी है. मंत्री श्याम रजक ने कहा कि अलीनगर के आरजेडी विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी का गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. ऐसे में सिद्दीकी ने सीएम नीतीश कुमार से आग्रह किया था कि वे वहां का भी दौरा करें. लिहाजा मुख्यमंत्री उनके कहने पर उनसे मिले. इसमें सियासी एंगल ढूंढना ठीक नहीं.