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'BJP और JDU की सरकार जीत कर भी हार गई, विपक्ष हुआ ताकतवर, नीतीश करें राष्ट्रीय राजनीति का रूख' - prem kumar mani on nitish

नीतीश कुमार के पुराने सहयोगी और राजनीतिक विश्लेषक प्रेम कुमार मणि ने कहा है कि नीतीश कुमार को खुद को पहचानने का समय आ गया है. राष्ट्रीय राजनीति उनका इंतजार कर रही है. बिहार के चक्कर में वो देश की राजनीति से दूर हो रहे है. साथ ही प्रेम कुमार मणि ने कहा कि बिहार में जेडीयू और बीजेपी की साख खत्म हो चुकी है.

Political analyst on nitish kumar
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Published : Dec 27, 2020, 3:24 PM IST

पटना: जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2 दिनों के राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई है. पिछले विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद से अभी तक बिहार की राजनीति में कई मोड़ देखने को मिले हैं. बिहार में मंत्रिमंडल के विस्तार की बात हो या फिर अरुणाचल प्रदेश में जदयू के सफाए की, इसके बाद बिहार की सियासत में तपिश बढ़ती हुई दिख रही है.

नीतीश को मणि की नसीहत
नीतीश कुमार के पुराने सहयोगी प्रेम कुमार मणि का मानना है जिस तरह से विधानसभा चुनाव में जनता ने अपना निर्णय जाहिर किया है, इसका नीतीश कुमार को इशारा समझ जाना चाहिए था. देर से ही सही लेकिन अब भी नीतीश को संभल जाना चाहिए. बिहार में बीजेपी और जेडीयू सरकार की साख समाप्त हो चुकी है.

नीतीश कुमार को राजनीतिक विश्लेषक की नसीहत

'नीतीश कुमार बड़े समाजवादी नेताओं में से एक हैं. जो वर्तमान राजनीति में काफी सक्रिय हैं. उन्हें अब बिहार तक खुद को सीमित नहीं रखकर राष्ट्रीय राजनीति की ओर अग्रसर होना चाहिए. जिस तरह से मात्र दशमलव 0. 2% वोट का अंतर एनडीए और महागठबंधन के बीच है वह बड़ा इशारा करती है. जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में यही अंतर तकरीबन 23% थी. अरुणाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी द्वारा जदयू के सभी विधायकों को विलय कराने का मामला बहुत गंभीर है.'- प्रेम कुमार मणि, राजनीतिक विश्लेषक

पटना: जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2 दिनों के राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई है. पिछले विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद से अभी तक बिहार की राजनीति में कई मोड़ देखने को मिले हैं. बिहार में मंत्रिमंडल के विस्तार की बात हो या फिर अरुणाचल प्रदेश में जदयू के सफाए की, इसके बाद बिहार की सियासत में तपिश बढ़ती हुई दिख रही है.

नीतीश को मणि की नसीहत
नीतीश कुमार के पुराने सहयोगी प्रेम कुमार मणि का मानना है जिस तरह से विधानसभा चुनाव में जनता ने अपना निर्णय जाहिर किया है, इसका नीतीश कुमार को इशारा समझ जाना चाहिए था. देर से ही सही लेकिन अब भी नीतीश को संभल जाना चाहिए. बिहार में बीजेपी और जेडीयू सरकार की साख समाप्त हो चुकी है.

नीतीश कुमार को राजनीतिक विश्लेषक की नसीहत

'नीतीश कुमार बड़े समाजवादी नेताओं में से एक हैं. जो वर्तमान राजनीति में काफी सक्रिय हैं. उन्हें अब बिहार तक खुद को सीमित नहीं रखकर राष्ट्रीय राजनीति की ओर अग्रसर होना चाहिए. जिस तरह से मात्र दशमलव 0. 2% वोट का अंतर एनडीए और महागठबंधन के बीच है वह बड़ा इशारा करती है. जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में यही अंतर तकरीबन 23% थी. अरुणाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी द्वारा जदयू के सभी विधायकों को विलय कराने का मामला बहुत गंभीर है.'- प्रेम कुमार मणि, राजनीतिक विश्लेषक

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