पटना : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Political strategist Prashant Kishor) बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं. प्रशांत किशोर बिहार में जन सुराज यात्रा के जरिए जनता की नब्ज टटोलने की कोशिश में जुटे हैं. जन सुराज पदयात्रा के 41 वें दिन प्रशांत किशोर 13 नवंबर को पहला अधिवेशन बेतिया में करने जा रहे हैं. माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर बेतिया अधिवेशन में कोई बड़ा राजनीतिक ऐलान कर सकते हैं. नई पार्टी बनाने को लेकर भी प्रशांत किशोर पत्ते खोल सकते हैं.
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बिहार में पांव जमाना चाहते हैं पीके: आपको बता दें कि प्रशांत किशोर भाजपा और जदयू के लिए रणनीतिकार के रूप में काम कर चुके हैं. नीतीश कुमार से उनकी नज़दीकियां इतनी बढ़ी कि वह पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिए गए. जदयू में प्रशांत किशोर को नीतीश कुमार का उत्तराधिकारी माना जाने लगा. लेकिन राजनीतिक मतभेदों के चलते दूरियां बढ़ गईं. वर्तमान परिस्थितियों में प्रशांत किशोर बिहार की सियासत में भाग्य आजमाना चाहते हैं. राजनीति में पांव जमाने के लिए प्रशांत किशोर ने पदयात्रा की शुरुआत की है.
बिहार में प्रशांत किशोर की जन सुराज यात्रा: पूरे बिहार की पदयात्रा करने का फैसला प्रशांत किशोर ने लिया है. प्रशांत किशोर जनता के बीच जाकर केंद्र सरकार और बिहार सरकार की नाकामियों को बता रहे हैं. अच्छे लोगों को मत देने का आह्वान कर रहे हैं. प्रशांत किशोर के राजनीतिक पहल को लेकर बिहार के राजनीतिक दलों की बेचैनी बढ़ गई हैं. राजनीतिक दल प्रशांत किशोर को बिहार की सियासत में अप्रसांगिक करार दे रहे हैं. प्रशांत किशोर से गठबंधन करने को लेकर भी राजनीतिक दलों का रुख नकारात्मक है.
केंद्र और राज्य सरकार की नाकामियों को उजागर कर रहे पीके: जन सुराज यात्रा के दौरान प्रशांत किशोर जनता से रूबरू हो रहे हैं और केंद्र के साथ-साथ बिहार सरकार की नाकामियों को भी उजागर कर रहे हैं. प्रशांत किशोर ने आम लोगों से आह्वान किया कि 'आप हमें वोट ना दें मेरा लेकिन अनुरोध है कि वैसे लोगों को आप वोट दें जो आपकी चिंता करें और आपकी समस्याओं का निदान करें'. राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि प्रशांत किशोर का बिहार में कोई राजनीतिक वजूद नहीं है. बिहार की जनता के लिए प्रशांत किशोर ने कुछ भी नहीं किया है. वह सिर्फ अपने व्यवसायिक हितों की चिंता करते हैं. भविष्य में उनके साथ गठबंधन की कोई संभावना नहीं है.
महागठबंधन के नेताओं की प्रतिक्रिया: जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा है प्रशांत किशोर एक व्यवसाई हैं और बिहार की जनता का समर्थन उन्हें हासिल होने वाला नहीं है. बिहार की राजनीति में वह सफल होने वाले नहीं हैं. प्रशांत किशोर भाजपा की बी टीम है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा है कि प्रशांत किशोर की भूमिका बिहार की राजनीति में नहीं है. एक राजनीतिज्ञ के रूप में उनकी पहचान भी नहीं है. जहां तक गठबंधन का सवाल है तो इसमें हमें कोई संभावना दिखाई नहीं देती.
'पीके की पार्टी से गठबंधन का सवाल नहीं': हम पार्टी के नेता और बिहार सरकार के मंत्री संतोष तोमर ने कहा है कि प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में भाग्य आजमा रहे हैं. लेकिन वह सफल होने वाले नहीं हैं. महागठबंधन की सरकार बेहतर चल रही है और किसी दूसरे दल से गठबंधन का सवाल नहीं है.
'कांग्रेस की बी टीम के रूप में काम कर रहे प्रशांत किशोर': भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि प्रशांत किशोर एक व्यवसायी हैं और वह अपने व्यवसायिक हितों के लिए काम करते हैं. फिलहाल वह भाजपा विरोध की राजनीति कर रहे हैं. लेकिन उन्हें कामयाबी हासिल होने वाली नहीं है. प्रशांत किशोर कांग्रेस की बी टीम के रूप में काम कर रहे हैं.
क्या बोले वरिष्ठ पत्रकार: वरिष्ठ पत्रकार अशोक मिश्र का मानना है कि प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति को समझने की कोशिश कर रहे हैं. जनता के बीच जाकर उनसे नज़दीकियां बढ़ा रहे हैं. राजनीतिक पार्टी का ऐलान वह कब करेंगे इसे लेकर तो संशय है, लेकिन आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में वह मजबूती से कदम बढ़ाने के लिए तैयार हैं. भविष्य में इसके असर भी देखने को मिल सकते हैं. पहले चुनाव में भले ही उम्मीद के मुताबिक सफलता ना मिले लेकिन दूसरे और तीसरे चुनाव में सफलता मिलने की संभावना होगी ।