पटनाः पुलिस मुख्यालय (Bihar Police Headquarter) ने थानों में होने वाले सामान्य खर्च के लिए बिहार के सभी थानों को तीन श्रेणियों में बांटकर राशि आवंटित करने का निर्णय लिया है. दरअसल बिहार के थानों को सक्षम और छोटे-मोटे खर्च के लिए आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से पुलिस मुख्यालय ने एक विशेष पहल की है. इसके तहत सभी थानों का एक खाता खोला (Police Stations Bank Account Open In Bihar) जाएगा, जिसमें सालाना खर्चों के लिए एक खाता पैरंट चाइल्ड अकाउंट के तर्ज पर काम करेगा. जिसकी मॉनिटरिंग बिहार पुलिस मुख्यालय से होगी.
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इस सिलसिले में एडीजी जितेन्द्र सिंह गंगवार ने बताया कि बिहार में कुल 1067 थाने हैं, जिन्हें तीन श्रेणियों ए बी और सी में बांटा गया है. ए श्रेणी वाले थानों को 1,00000 सालाना प्रदान किया जाएगा तो वहीं बी श्रेणी वाले थानों को 60,000 मुहैया कराया जाएगा. जबकि सी श्रेणी यानी छोटे थानों को 40,000 सालाना प्रदान किया जाएगा.
पुलिस मुख्यालय के अनुसार, इसके तहत सभी थानों में निर्धारित राशि की एक चौथाई राशि हमेशा उनके खाते में मौजूद रहेगी. यह राशि जैसे ही खत्म होगी तुरंत करंट अकाउंट में उतनी राशि ट्रांसफर हो जाएगी. पुलिस मुख्यालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 900 थानों को बैंक खाता खोलने का निर्देश दिया गया है, जिसमें से 400 थानों में खाता खोलने की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है. जिसमें राशि भी ट्रांसफर कर दी गई है.
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बिहार पुलिस मुख्यालय ने निजी बैंक एचडीएफसी के साथ बैठक कर पूरी योजना के तहत काम करने का निर्देश दिया है. 15 दिनों के अंदर सभी थानों का खाता खोलकर राशि ट्रांसफर करने को कहा गया. इसका मुख्य उद्देश्य ये है कि कैदियों को ले जाने और लाने वाले खर्च के साथ-साथ स्टेशनरी, ट्यूबलाइट और थानों में छोटे मोटे खर्चे इन पैसों से किए जाएं.
बता दें कि पहले थानों को पैसे निकासी के लिए बड़ी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था. अब थाने के बैंक अकाउंट से तुरंत पैसे निकाले जा सकेंगे. यह राशि छोटी-मोटी जरूरतों के साथ-साथ इमरजेंसी फंड के तौर पर भी काम करेगी. इससे थानों की आत्मनिर्भरता भी बढ़ेगी.
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