पटना : पटना हाइकोर्ट (Patna High Court) ने बिहार में पुलिस स्टेशनों की दयनीय अवस्था और बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होने के मामले पर सुनवाई की. एसीजे जस्टिस सीएस सिंह की खंडपीठ ने राज्य सरकार को मॉडल पुलिस थाने के निर्माण पर विचार करने के लिए राज्य के विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमिटी गठित करने का निर्देश दिया. राज्य सरकार की ओर से बिहार व अन्य राज्यों के मॉडल पुलिस थाने के सम्बन्ध में जानकारी दी गई. कोर्ट ने जानना चाहा कि इस सम्बन्ध में किस तरह कार्रवाई हो सकती है.
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कोर्ट ने बिहार राज्य पुलिस भवन निर्माण निगम में काफी पद के रिक्त होने को काफी गम्भीरता से लिया. उन्होंने राज्य सरकार को इन रिक्त पदों को शीघ्र भरने को कहा, ताकि पुलिस थाना भवनों का निर्माण कार्य तेजी से हो सके. साथ ही पुलिस थाना भवनों के निर्माण के लिए उपलब्ध फंड के उपयोग और वितरण पर भी कोर्ट में चर्चा हुई. कोर्ट ने अगली सुनवाई में इस बारे में जानकारी देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया. इस मामले पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.
पूर्व की में उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को कॉर्डिनेटर के रूप में कार्य करने के लिए वरीय पुलिस अधिकारी का नाम का सुझाव देने को कहा था. राज्य सरकार की ओर से एडीजी कमल किशोर सिंह का नाम कॉर्डिनेटर के रूप में दिया गया था. बता दें कि राज्य में 1263 थाने हैं, जिनमें 471 पुलिस स्टेशनों के अपने भवन तक नहीं है. उन्हें किराये के भवन में काम करना पड़ता है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता सोनी श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया था कि जो थाने सरकारी भवन में चल रहे हैं, उनकी भी हालत अच्छी नहीं है.