पटनाः बिहार में बढ़ते अपराध और राजधानी पटना में बढ़ती चोरी जैसी घटनाओं को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की थी. बैठक में सीएम ने पुलिस के संबंधित अधिकारियों को रात्रि गश्ती के दौरान चौकसी बढ़ाने के आदेश दिये थे. इसके बावजूद पटना पुलिस रात के वक्त शहर के प्रमुख चौक-चौराहों, ब्रिज और गलियों से नदारद है.
हालात ये हैं कि राजधानी पटना के प्रमुख चौक चौराहों पर देर रात नजर आने वाले पुलिसकर्मी भी अब चौक-चौराहों पर ड्यूटी देते नजर नहीं आ रहे हैं. हालांकि बढ़ते अपराध को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संबंधित अधिकारियों को अपराध पर नकेल कसने और रात्रि गश्ती को और प्रभावी ढंग से चलाने के आदेश जारी किये थे.
नहीं हो रहा सीएम के आदेश का पालन
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद ईटीवी भारत ने पटना सिटी इलाके के आलमगंज थाना, सुल्तानगंज थाना, पीरबहोर थाना, कंकड़बाग थाना, गांधी मैदान थाना, कोतवाली थाना, जक्कनपुर थाना, हवाई अड्डा थाना, श्री कृष्णा पुरी थाना क्षेत्र के रात्रि गश्ती की ग्राउंड रियलिटी चेक की तो नतीजे हैरान और परेशान करने वाले थे.
रात में ज्यादातर इलाकों में नहीं दिखी पुलिस
ईटीवी भारत की टीम ने रात 12:00 बजे से लेकर 2 बजकर 30 मिनट तक इन थाना क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में घूम- घूमकर पुलिसकर्मियों द्वारा किए जा रहे रात्रि गश्ती की ग्राउंड रियलिटी जानने की कोशिश की. राजधानी के किसी भी इलाके में रात्रि गश्ती के लिए पुलिस के जवान नजर नहीं आएं. लेकिन पटना के कदमकुआं थाना क्षेत्र और सचिवालय थाना की पुलिस रात्रि गश्ती में मुस्तैदी के साथ अपनी ड्यूटी करती नजर आई.
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'रात्रि गश्ती को तेज करने के दिए गए हैं आदेश'
वहीं, इस मामले पर पूछे जाने पर पटना जोनल आईजी संजय कुमार ने बताया कि इन दिनों अपराधिक और चोरी की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए रात्रि गश्ती को और तेज करने के आदेश जारी किए गए हैं. साथ ही पटना पुलिस के जवानों को गली कूचे में साइकिल और पैदल गश्ती करने का आदेश दिया गया है. इसी कड़ी में कई थानों के औचक निरीक्षण भी किए गए हैं.
'वसूली के समय ही सड़कों पर खड़ी रहती है पुलिस'
लेकिन पुलिस के दावों के उलट जो तस्वीर हमने पटना की सड़कों की दिखाई है, वह हर किसी को हैरान और परेशान कर देगी. रात 12:00 बजे से लेकर 2:30 बजे तक जब हमने ग्राउंड जीरो की रियलिटी टेस्ट की तो पुलिस ना ही चौक चौराहों पर नजर आई और ना ही गली कूचे में.
हालात यह है कि देर रात सड़कों पर चलने वाले लोग कहते हैं कि पुलिस रात में सुरक्षा के लिए मौजूद नहीं रहती वो तो वसूली के लिए सड़कों पर खड़ी रहती है. सुरक्षा की बात कौन करे, पुलिसकर्मियों की जब वसूली पूरी हो जाती है तब उनकी ड्यूटी भी पूरी हो जाती है.