पटना: राजधानी समेत बिहार के कई अन्य इलाकों में इन दिनों अपराधी दिनदहाड़े हत्या की घटना को अंजाम दे रहे हैं. आम लोग रात में राजधानी और पटना से जुड़ने वाली पुलों पर खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं. गश्ती के नाम पर पुलों पर एक औपचारिकता ही पूरी की जाती है.
रात में नहीं हो रही गश्ती
पटना में रात के समय अधिकतर पुलों पर पुलिस फोर्स या गश्ती वाहन नदारद रहती है. जिसका फायदा उठाकर अपराधी प्रायः घटना को अंजाम आसानी से देते हैं.
चिरैयाटांड़ पुल पर लूट
रविवार को जिस तरह से चिरैयाटांड़ पुल पर दंपति की अपराधियों ने निशाना बनाकर लूटपाट के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी, यह कहीं ना कहीं यह दर्शाता है कि पुलिस के लाख दावे के बावजूद भी रात में गश्ती नहीं हो रही है.
फौजी की गोली मारकर हत्या
पटना के पुलों पर यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी साल 2018 में लूटपाट के दौरान फौजी की गोली मारकर हत्या इसी पुल पर की गई थी. दरअसल रात के वक्त पुलों पर सन्नाटा रहता है.
जिसका फायदा अपराधी उठाकर घटना को अंजाम देकर रफूचक्कर हो जाते हैं पुलिस हाथ पर हाथ धर बैठे रहती है.पटना के चिरैयाटांड़ पुल, जीपीओ, जेपी सेतु, रूपसपुरा फ्लाईओवर समेत दीघा ब्रिज, गांधी सेतु पर रात्रि में पुलिस की गश्ती नदारद देखने को मिलती है.
पैदल गश्ती करने का आदेश
पुलिस मुख्यालय के मुताबिक अपराध पर लगाम लगाने के लिए पैदल गश्ती करने का आदेश सभी जिले के एसपी को दिया गया है. एसपी को निर्देश दिया है कि सभी थानों में यह व्यवस्था लागू करें. साथ ही पुलिस मुख्यालय के दिए गए निर्देश में यह भी कहा गया है कि पैदल गश्ती सही से हो रही है कि नहीं, इसकी जांच एसडीपीओ सर्किल इंस्पेक्टर से समीक्षा कर करें.
लापरवाही बरतने पर कार्रवाई
पुलिस पैदल गश्ती कर रही है या सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है, इसकी समीक्षा प्रतिदिन होनी चाहिए. अगर कोई पुलिसकर्मी कार्य में लापरवाही बरतते नजर आए तो, उन पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. पुलिस मुख्यालय के अनुसार सिपाही और हवलदार को पैदल गश्ती की ड्यूटी दी गई है.