पटना: बिहार पुलिस के मुखिया डीजीपी संजीव कुमार सिंघल (DGP Sanjeev Kumar Singhal) ने अग्निपथ योजना के विरोध को देखते हुए सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को विशेष अलर्ट (Police Headquarters Alert) पर रहने का निर्देश दिया है. सभी जिले के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया गया है कि लॉज हॉस्टल और कोचिंग संस्थानों (Hostel Coaching Institutes Monitoring In Bihar) से जुड़े इलाकों में विशेष निगरानी की जाए. संभावित आंदोलनों और प्रदर्शनों को देखते हुए सतर्क रहते हुए पुलिस बलों की आवश्यक प्रतिनियुक्ति की जाए.
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पुलिस मुख्यालय का अलर्ट: डीजीपी संजीव कुमार सिंघल ने सभी जिले के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया कि छोटी-छोटी घटनाओं पर भी नजर रखें ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके. सभी जिले के क्षेत्रीय पुलिस पदाधिकारियों को छात्रावास और लॉज के मालिकों से बात कर सुझाव देने को कहा गया है कि वह सिर्फ प्रमाणित छात्रों को ही रहने की अनुमति दें.
बिहार में छात्रावास कोचिंग संस्थानों की निगरानी: दरअसल अग्निपथ को लेकर हाल के दिनों में पटना यूनिवर्सिटी के कई छात्रावासों में एक साथ छापेमारी की गई थी जिसमें कई अवैध रूप से पूर्ववर्ती छात्र रह रहे थे और कई आपत्तिजनक समान भी बरामद हुआ था. जिसके बाद बिहार पुलिस मुख्यालय अलर्ट है. पुलिस मुख्यालय ने अग्निपथ योजना के संभावित प्रदर्शन को देखते हुए रेलवे स्टेशन तथा राजमार्गों पर विशेष सतर्कता बरतने को कहा है. संविदा पर नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने और गंभीर आरोप संबंधित विभागीय कार्यो के निष्पादन के लिए पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया है.
वज्र और प्लानटू में नवनियुक्त सिपाहियों को होगी पदस्थापना: डीजीपी संजीव कुमार सिंघल ने नवनियुक्त सिपाहियों के पास आउट परेड कर उनकी पदस्थापना वज्र व प्लानटू में करने का सुझाव दिया है. इसके साथ साथ अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए बनाई गई व्रज और प्लाटून को अधिक सशक्त बनाने का निर्देश दिया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा मोस्ट वांटेड अपराधियों की गिरफ्तारी की जा सके. वहीं पुलिस कर्मियों की सुरक्षा के लिए विधि व्यवस्था कर्तव्य के दौरान पुलिसकर्मियों को बॉडी प्रोटेक्टर शिर्डी हेलमेट आदि से लैस होकर जाने का निर्देश दिया गया है.
'अग्निपथ' आंदोलन को किसने दी हवा? : बता दें कि 'अग्निपथ स्कीम' के विरोध में 17 जून को उपद्रवियों ने दानापुर स्टेशन पर जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की थी. प्रदर्शनकारियों ने कई ट्रेनों को फूंक दिया था. इस मामले में 170 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई , जबकि 86 लोगों को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार किए गए लोगों के मोबाइल पर कुछ कोचिंग सेंटर के वीडियो फुटेज और वाट्सएप मैसेज मिले थे. जिसकी जांच की जा रही है. 7 कोचिंग संस्थानों के संचालक भी जिला प्रशासन के रडार पर हैं.