पटनाः बक्सर के गंगा घाटों पर मिले शवों के बाद बिहार सरकार एक्शन में दिख रही थी. बिहार सरकार के निर्देश के बाद पुलिस मुख्यालय की ओर से भी एडीजी लॉ एंड आर्डर ने पटना, भागलपुर, बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, लखीसराय, मुंगेर, बेगूसराय, खगड़िया, नवगछिया, कटिहार, सहित गंगा तटीय जिलों के एसपी और एसएसपी को निर्देश जारी किया था. लेकिन पटना के गंगा घाटों पर ही इन निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है. पुलिस मुख्यालय ने सतत निगरानी रखने का आदेश दिया है, लेकिन राजधानी के दीघा घाट पर इसके लिए पुलिस बल की तैनाती अभी तक नहीं की गई है.
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पटना के घाटों पर नहीं हो रहा हैं सरकारी निर्देशों का पालन
बता दें कि राज्य सरकार के विशेष सचिव विकास वैभव की तरफ से सभी जिले के डीएम, एसएसपी और एसपी को निर्देश जारी किया गया था कि शवों की नियमानुसार अंत्येष्टि सुनिश्चित की जाए. साथ ही साथ शवों की अंत्येष्टि वाले घाटों के साथ-साथ अन्य घाटों पर भी पुलिस बल या चौकीदार की नियुक्ति करने को कहा है ताकि कोई भी व्यक्ति गंगा में बिना अंत्येष्टि के शव को प्रवाहित ना कर सके.
सरकार के इस फरमान की जमीनी हकीकत क्या है इसकी पड़ताल करने जब ईटीवी भारत की टीम ने पटना के गंगा घाटों पर पहुंची तो वहां आदेश के अनुसार कुछ भी होता नहीं दिखा. न तो पुलिस बल और ना ही कोई चौकीदार की मौजूदगी मिली.
ऐसे कैसे रुकेगा लावारिस शवों का घाटों पर मिलना?
राज्य सरकार के निर्देश के बाद पुलिस मुख्यालय ने अपने निर्देश में शवदाह स्थलों, घाटों पर पुलिस बल या गृह रक्षक, चौकीदार की प्रतिनियुक्ति करने को साथ पुलिस बल द्वारा गस्ती सुनिश्चित करने को कहा था. लेकिन हमारी पड़ताल में राजधानी पटना के गंगा घाटों पर निर्देशों का पालन होता नहीं दिखा.
ऐसे में सवाल है कि जब पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी निर्देंश का पालन राजधानी में ही नहीं होगा तो कैसे मान लिया जाए कि राज्य की सुशासन सरकार में अब मां गंगा की कलकल बहती धारा पर कोई शव तैरता हुआ नहीं दिखाई देगा?