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Bihar Police Letter Post: पुलिस विभाग अब डाक के माध्यम से भेजेगी पत्र, बचेंगे करोड़ों रुपए, जानें पूरा मामला - dgp rs bhatti

बिहार पुलिस मुख्यालय की ओर से यह पहल की गई है कि अब डाक विभाग के द्वारा पुलिस विभाग का भी डाक भेजा जाएगा. इसको लेकर पुलिस मुख्यालय और डाक विभाग के द्वारा एमओयू साइन किया गया है.

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पुलिस विभाग अब डाक के माध्यम से भेजेगी पत्र
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 13, 2023, 4:57 PM IST

एडीजी जेएस गंगवार ने की प्रेस वार्ता

पटना: बिहार पुलिस मुख्यालय लगातार मॉडर्नाइजेशन की तरफ बढ़ता नजर आ रहा है. आपने देखा होगा कि पहले बिहार पुलिस विभाग में सिपाहियों के द्वारा एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय डाक लेकर भेजा जाता था, लेकिन अब ईमेल के माध्यम से और डाक विभाग के माध्यम से संदेश भेजे जाएंगे. जिसको लेकर पुलिस मुख्यालय और डाक विभाग के द्वारा एमओयू साइन किया गया है.

पुलिस विभाग के पत्र भी भेजेगा डाक विभाग: बता दें कि बिहार पुलिस मुख्यालय की ओर से यह पहल की गई है कि अब डाक विभाग के द्वारा पुलिस विभाग का भी डाक भेजा जाएगा. वहीं डाक ले जाने में फंसे पुलिस बल जिनकी संख्या कम से कम 1000 है, उन्हें अपराध नियंत्रण एवं विधि व्यवस्था में लगाया जाएगा. अति महत्वपूर्ण होने पर ही किसी पुलिसकर्मी के द्वारा डाक भेजा जाएगा, अन्यथा सभी पत्र डाक के माध्यम से जाएंगे.

बिहार के सभी थानों में ईमेल की सुविधा: इसके साथ ही बिहार के सभी थानों में ईमेल की सुविधा दे दी गई है. अब ईमेल के माध्यम से सभी थानों में और अधिकारियों के पास संदेश पहुंचाया जाएगा. बैंक के पत्र, एटीएम या परिवहन विभाग के ड्राइविंग लाइसेंस हो, यह सभी डाक विभाग के माध्यम से ही भेजा जाता है. इसी पहल को देखते हुए पुलिस मुख्यालय के द्वारा यह शुरूआत की गई है.

डीजीपी आर एस भट्टी ने साइन किया एमओयू: इसी को लेकर बिहार के डीजीपी आर एस भट्टी के द्वारा डाक विभाग से बातचीत कर एक एमओयू साइन किया गया है, जिसके माध्यम से सभी पत्र डाक विभाग के द्वारा भेजे जाएंगे. बताया गया कि इसका पैसा भी पुलिस मुख्यालय के द्वारा डाक विभाग को दिया जाएगा. बिहार पुलिस मुख्यालय एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने इस पूरे मामले को लेकर प्रेसवार्ता कर जानकारी दी.

एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने क्या कहा: एडीजी ने प्रेस वार्ता कर बताया कि बिहार में लगभग 1066 थाने हैं और सभी थाने में एक पुलिसकर्मी डाक ले जाने के लिए प्रतिनियुक्ति किए गए हैं, जिसके लिए काफी पैसे भी वहन करने पड़ते हैं. अमूमन अगर देखा जाए तो 6 करोड़ रुपए लगभग प्रतिवर्ष डाक में व्यय होता है, लेकिन अगर पुलिस विभाग का पत्र डाक के माध्यम से भेजा जाए तो यही खर्च लगभग सालाना एक करोड़ में ही संभव हो जाएगा.

"अमूमन देखा जाए तो 6 करोड़ रुपए लगभग प्रतिवर्ष डाक में व्यय होता है, लेकिन अगर पुलिस विभाग का पत्र डाक के माध्यम से भेजा जाए तो यही खर्च लगभग सालाना एक करोड़ में ही संभव हो जाएगा. प्रतिवर्ष लगभग ढाई लाख पत्र पुलिस विभाग के द्वारा भेजा जाता है लेकिन अब यही काम डाक विभाग के द्वारा कराया जाएगा जिससे पैसे की भी काफी बचत होगी साथ-साथ पुलिसकर्मियों का बल भी थाने में बढ़ेगा."- जितेन्द्र सिंह गंगवार, एडीजी पुलिस मुख्यालय

पुलिस कर्मियों को अपराध नियंत्रण में लगाया जाएगा: एडीजी ने बताया कि लेटर लाने, ले जाने के काम में लगे उन सभी पुलिसकर्मियों को विधि व्यवस्था में लगाया जाएगा, जिससे अपराध पर भी नियंत्रण किया जा सकेगा.बताया कि इन्हीं सभी बातों को देखते हुए पुलिस मुख्यालय के द्वारा यह कदम उठाया गया है. बताया कि 50 ग्राम तक के लेटर का मात्र 15 रुपए, वहीं 200 किलोमीटर से लेकर हजार किलोमीटर तक लेटर डाक विभाग के द्वारा भेजा जाएगा तो मात्र 35 रुपए ही वहन करने पड़ेंगे.

पढ़ें: 'क्रिमिनल को नहीं दौड़ाओंगे तो...' : बिहार DGP का एक्शन शुरू, क्राइम कंट्रोल का फॉर्मूला बताया

एडीजी जेएस गंगवार ने की प्रेस वार्ता

पटना: बिहार पुलिस मुख्यालय लगातार मॉडर्नाइजेशन की तरफ बढ़ता नजर आ रहा है. आपने देखा होगा कि पहले बिहार पुलिस विभाग में सिपाहियों के द्वारा एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय डाक लेकर भेजा जाता था, लेकिन अब ईमेल के माध्यम से और डाक विभाग के माध्यम से संदेश भेजे जाएंगे. जिसको लेकर पुलिस मुख्यालय और डाक विभाग के द्वारा एमओयू साइन किया गया है.

पुलिस विभाग के पत्र भी भेजेगा डाक विभाग: बता दें कि बिहार पुलिस मुख्यालय की ओर से यह पहल की गई है कि अब डाक विभाग के द्वारा पुलिस विभाग का भी डाक भेजा जाएगा. वहीं डाक ले जाने में फंसे पुलिस बल जिनकी संख्या कम से कम 1000 है, उन्हें अपराध नियंत्रण एवं विधि व्यवस्था में लगाया जाएगा. अति महत्वपूर्ण होने पर ही किसी पुलिसकर्मी के द्वारा डाक भेजा जाएगा, अन्यथा सभी पत्र डाक के माध्यम से जाएंगे.

बिहार के सभी थानों में ईमेल की सुविधा: इसके साथ ही बिहार के सभी थानों में ईमेल की सुविधा दे दी गई है. अब ईमेल के माध्यम से सभी थानों में और अधिकारियों के पास संदेश पहुंचाया जाएगा. बैंक के पत्र, एटीएम या परिवहन विभाग के ड्राइविंग लाइसेंस हो, यह सभी डाक विभाग के माध्यम से ही भेजा जाता है. इसी पहल को देखते हुए पुलिस मुख्यालय के द्वारा यह शुरूआत की गई है.

डीजीपी आर एस भट्टी ने साइन किया एमओयू: इसी को लेकर बिहार के डीजीपी आर एस भट्टी के द्वारा डाक विभाग से बातचीत कर एक एमओयू साइन किया गया है, जिसके माध्यम से सभी पत्र डाक विभाग के द्वारा भेजे जाएंगे. बताया गया कि इसका पैसा भी पुलिस मुख्यालय के द्वारा डाक विभाग को दिया जाएगा. बिहार पुलिस मुख्यालय एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने इस पूरे मामले को लेकर प्रेसवार्ता कर जानकारी दी.

एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने क्या कहा: एडीजी ने प्रेस वार्ता कर बताया कि बिहार में लगभग 1066 थाने हैं और सभी थाने में एक पुलिसकर्मी डाक ले जाने के लिए प्रतिनियुक्ति किए गए हैं, जिसके लिए काफी पैसे भी वहन करने पड़ते हैं. अमूमन अगर देखा जाए तो 6 करोड़ रुपए लगभग प्रतिवर्ष डाक में व्यय होता है, लेकिन अगर पुलिस विभाग का पत्र डाक के माध्यम से भेजा जाए तो यही खर्च लगभग सालाना एक करोड़ में ही संभव हो जाएगा.

"अमूमन देखा जाए तो 6 करोड़ रुपए लगभग प्रतिवर्ष डाक में व्यय होता है, लेकिन अगर पुलिस विभाग का पत्र डाक के माध्यम से भेजा जाए तो यही खर्च लगभग सालाना एक करोड़ में ही संभव हो जाएगा. प्रतिवर्ष लगभग ढाई लाख पत्र पुलिस विभाग के द्वारा भेजा जाता है लेकिन अब यही काम डाक विभाग के द्वारा कराया जाएगा जिससे पैसे की भी काफी बचत होगी साथ-साथ पुलिसकर्मियों का बल भी थाने में बढ़ेगा."- जितेन्द्र सिंह गंगवार, एडीजी पुलिस मुख्यालय

पुलिस कर्मियों को अपराध नियंत्रण में लगाया जाएगा: एडीजी ने बताया कि लेटर लाने, ले जाने के काम में लगे उन सभी पुलिसकर्मियों को विधि व्यवस्था में लगाया जाएगा, जिससे अपराध पर भी नियंत्रण किया जा सकेगा.बताया कि इन्हीं सभी बातों को देखते हुए पुलिस मुख्यालय के द्वारा यह कदम उठाया गया है. बताया कि 50 ग्राम तक के लेटर का मात्र 15 रुपए, वहीं 200 किलोमीटर से लेकर हजार किलोमीटर तक लेटर डाक विभाग के द्वारा भेजा जाएगा तो मात्र 35 रुपए ही वहन करने पड़ेंगे.

पढ़ें: 'क्रिमिनल को नहीं दौड़ाओंगे तो...' : बिहार DGP का एक्शन शुरू, क्राइम कंट्रोल का फॉर्मूला बताया

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