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पराली जलाने से बिहार में भी फैल रहा जहर, प्रेम कुमार बोले- किसान चौपाल से फैलाएंगे जागरुकता - पटना'

सोमवार को पटना के हवा में पीएम 2.5 का स्तर 3 सौ 13 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया. वहीं मुजफ्फरपुर का पीएम 2.5 स्तर देश में सबसे अधिक 3 सौ 32 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा.

poison spreading in Bihar
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Published : Nov 19, 2019, 12:48 PM IST

पटना: दिल्ली के बाद बिहार के भी कई जिलों में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है. इसकी वजह यहां भी किसानों का खेतों में पराली जलाना बताया जाता है. किसानों की ओर से पराली जलाने से पर्यावरण में जहर घुल रहा है. इसको लेकर प्रशासन जागरुकता अभियान चलाने जा रहा है ताकि राजधानी सहित अन्य जिलों में भी दिल्ली जैसे हालात ना बन जाए.

प्रदूषण के चपेट में आया बिहार
दरअसल, राज्य के कई जिलों में प्रदूषण जैसे हालात बन गए हैं. लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हो रहे हैं. प्रदूषण का मुख्य कारण किसानों की ओर से जलाने वाला पराली है. पराली जलाने से दिल्ली ही नहीं देश के कई हिस्से प्रदूषण की चपेट में है. राजधानी और मुजफ्फरपुर जैसे शहर में भी प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है. पटना की हवा सोमवार को देश में सबसे अधिक प्रदूषित रही.

poison spreading in Bihar
फैल रही है जहरीली हवा

किसान जला रहे हैं पराली
सोमवार को पटना के हवा में पीएम 2.5 का स्तर 3 सौ 13 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया. वहीं मुजफ्फरपुर का पीएम 2.5 स्तर देश में सबसे अधिक 3 सौ 32 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा. वैसे तो बिहार के आधे जिले जहां बाढ़ की चपेट में रहते हैं तो आधे जिलों में सूखे का प्रभाव रहता है. लेकिन दक्षिणी बिहार में जहां सिंचाई नहरों से होता है. उन इलाकों में किसान पराली जला रहे हैं. जिस कारण प्रदूषण का स्तर प्रतिदिन बढ़ने लगा है.

poison spreading in Bihar
सरकार चलाएगी जागरुकता अभियान

हवा में घुल रहा है जहरीला रसायन
अनुमान के तौर पर फसल अवशेष जलाने से वातावरण में 40% कार्बन डाइऑक्साइड 32% कार्बन मोनोऑक्साइड और 50% हाइड्रोकार्बन का उत्सर्जन होता है. फसल अवशेषों में कीटनाशकों के अवशेष होने के कारण इसे जलाने से जहरीला रसायन डायअवसिन हवा में घुल जाता है.

पराली जलाने से बिहार में फैल रहा जहर

यह भी पढ़े- बक्सर: 20 नवंबर को नहीं आएगी रामायण एक्सप्रेस, लोगों में छाई मायूसी

पराली मुक्त बनाने के लिए सरकार उठा रही कदम
राज्य सरकार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने भी कहा कि पराली जलाने से वातावरण में जहर घुल रहा है और सरकार इस पर काबू पाने की कोशिश भी कर रही है. उन्होंने कहा कि किसानों को जागरूक करने के लिए किसान चौपाल लगाया जा रहा है. प्रेम कुमार ने कहा कि 8 हजार पंचायतों में प्रशासन की ओर से किसान चौपाल लगाया जाएगा. जो 20 नवंबर से लेकर 5 दिसंबर तक चलेगा. चौपाल के जरिए यह बताया जाएगा कि किस तरीके से फसल अवशेष का उपयोग किसान सकारात्मक तरीके से करें.

पटना: दिल्ली के बाद बिहार के भी कई जिलों में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है. इसकी वजह यहां भी किसानों का खेतों में पराली जलाना बताया जाता है. किसानों की ओर से पराली जलाने से पर्यावरण में जहर घुल रहा है. इसको लेकर प्रशासन जागरुकता अभियान चलाने जा रहा है ताकि राजधानी सहित अन्य जिलों में भी दिल्ली जैसे हालात ना बन जाए.

प्रदूषण के चपेट में आया बिहार
दरअसल, राज्य के कई जिलों में प्रदूषण जैसे हालात बन गए हैं. लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हो रहे हैं. प्रदूषण का मुख्य कारण किसानों की ओर से जलाने वाला पराली है. पराली जलाने से दिल्ली ही नहीं देश के कई हिस्से प्रदूषण की चपेट में है. राजधानी और मुजफ्फरपुर जैसे शहर में भी प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है. पटना की हवा सोमवार को देश में सबसे अधिक प्रदूषित रही.

poison spreading in Bihar
फैल रही है जहरीली हवा

किसान जला रहे हैं पराली
सोमवार को पटना के हवा में पीएम 2.5 का स्तर 3 सौ 13 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया. वहीं मुजफ्फरपुर का पीएम 2.5 स्तर देश में सबसे अधिक 3 सौ 32 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा. वैसे तो बिहार के आधे जिले जहां बाढ़ की चपेट में रहते हैं तो आधे जिलों में सूखे का प्रभाव रहता है. लेकिन दक्षिणी बिहार में जहां सिंचाई नहरों से होता है. उन इलाकों में किसान पराली जला रहे हैं. जिस कारण प्रदूषण का स्तर प्रतिदिन बढ़ने लगा है.

poison spreading in Bihar
सरकार चलाएगी जागरुकता अभियान

हवा में घुल रहा है जहरीला रसायन
अनुमान के तौर पर फसल अवशेष जलाने से वातावरण में 40% कार्बन डाइऑक्साइड 32% कार्बन मोनोऑक्साइड और 50% हाइड्रोकार्बन का उत्सर्जन होता है. फसल अवशेषों में कीटनाशकों के अवशेष होने के कारण इसे जलाने से जहरीला रसायन डायअवसिन हवा में घुल जाता है.

पराली जलाने से बिहार में फैल रहा जहर

यह भी पढ़े- बक्सर: 20 नवंबर को नहीं आएगी रामायण एक्सप्रेस, लोगों में छाई मायूसी

पराली मुक्त बनाने के लिए सरकार उठा रही कदम
राज्य सरकार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने भी कहा कि पराली जलाने से वातावरण में जहर घुल रहा है और सरकार इस पर काबू पाने की कोशिश भी कर रही है. उन्होंने कहा कि किसानों को जागरूक करने के लिए किसान चौपाल लगाया जा रहा है. प्रेम कुमार ने कहा कि 8 हजार पंचायतों में प्रशासन की ओर से किसान चौपाल लगाया जाएगा. जो 20 नवंबर से लेकर 5 दिसंबर तक चलेगा. चौपाल के जरिए यह बताया जाएगा कि किस तरीके से फसल अवशेष का उपयोग किसान सकारात्मक तरीके से करें.

Intro: अन्नदाता किसान लोगों के लिए परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं पराली जलाने से पर्यावरण में जहर उल्टा जा रहा है दिल्ली के बाद राजधानी पटना और मुजफ्फरपुर जैसे शहर भी प्रदूषण के चपेट में है सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए किसान चौपाल लगाने की तैयारी कर रही है


Body: पराली जलाने से दिल्ली ही नहीं देश के कई हिस्से प्रदूषण की चपेट में है राजधानी पटना और मुजफ्फरपुर जैसे शहर में भी प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है पटना की हवा सोमवार को देश में सबसे अधिक प्रदूषित रहे सोमवार को पटना के हवा में पीएम 2.5 का स्तर 313 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया मुजफ्फरपुर का पीएम 2.5 स्तर देश में सबसे अधिक 332 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा ।
वैसे तो बिहार के आधे जिले जहां बाढ़ की चपेट में रहते हैं वही आधे जिलों में सूखे का प्रभाव रहता है लेकिन दक्षिणी बिहार में जहां सिंचाई नहरों से होती है उन इलाकों में किसान पराली जला रहे हैं।
अनुमान के तौर पर फसल अवशेष जलाने से वातावरण में 40% कार्बन डाइऑक्साइड 32% कार्बन मोनोऑक्साइड और 50% हाइड्रोकार्बन का उत्सर्जन होता है फसल अवशेषों में कीटनाशकों के अवशेष होने के कारण इसे जलाने से विषय ला रसायन डायअवसिन हवा में घुल जाता है । पिछले साल बिहार में 32 लाख टन फसल अवशेष जलाए गए थे।


Conclusion:बिहार सरकार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने भी माना कि पराली जलाने से वातावरण में जहर घोल रहा है और सरकार इस पर काबू पाने की कोशिश भी कर रही है किसानों को जागरूक करने के लिए किसान चौपाल लगाया जा रहा है। प्रेम कुमार ने कहा कि 8000 पंचायतों में हम किसान चौपाल लगाने जा रहे हैं 20 नवंबर से लेकर 5 दिसंबर तक बिहार में किसान चौपाल लगाया जाएगा चौपाल के जरिए यह बताया जाएगा कि किस तरीके से फसल अवशेष का उपयोग किसान सकारात्मक तरीके से करें।
कृषि मंत्री ने कहा कि फसल अवशेष का उपयोग किया जा सकता है फसल अवशेषों का किस तरीके से सकारात्मक उपयोग हो इस बाबत भी किसानों को जागरूक किया जाएगा
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