पटना: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच (PMCH Patna) इन दिनों दलालों का अड्डा बन गया है. इसके कारण गरीब मरीजों का आर्थिक दोहन हो रहा है. अस्पताल में दलाल सिस्टम इतना ज्यादा हावी है कि यदि मरीज उनके संपर्क में न जाए तो उन्हें एक्स-रे और जांच कराने में कई दिनों का समय लग जाता है. यदि मरीजों को डॉक्टर से दिखाने के बाद नंबर लेना हो तो 5 से 6 दिन बाद का नंबर मिल रहा है. लेकिन अगर दलालों का सहारा लेते हैं, तो हाथों-हाथ सभी कार्य हो जाते हैं.
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पीएमसीएच पैथोलॉजी विभाग (Pathology Department In PMCH) के पास दलालों का जमवाड़ा लगा रहता है. 20 से 30 की संख्या में दलाल घूमते रहते हैं. वे गरीब और परेशान मरीजों पर अपनी नजर गड़ाए रहते हैं. पैथोलॉजी के पास ही दवा काउंटर है. यहां दलाल एक-एक कर सभी से उनकी बीमारी जानते हैं और उनका पर्चा चेक करते हैं.
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उस पर्चे में जांच के लिए जो भी सलाह दी गई रहती है, उसे लेकर दलाल लोगों को बताते हैं कि यह जांच पीएमसीएच में उपलब्ध नहीं है. इस प्रकार के जांच के लिए 1,500 से 2,000 रुपये देने पर जांच करा दिया जाएगा. लेकिन वास्तविक रेट बाहर में इससे कम ही रहता है. वहीं, जो जांच पीएमसीएच में होता है, उसे कराने के लिए भी 200 से ₹300 प्रति जांच डिमांड करते हैं.
आप वीडियो में साफ देख सकते हैं कि किस प्रकार से दलाल लोगों का दोहन कर रहे हैं. एक दलाल लाइनअप करता है, तो दूसरा उसे लेकर पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी तक जाता है. ईटीवी भारत की टीम को देखते ही दलाल पैथोलॉजी के पास से रफूचक्कर हो गए. हालांकि इससे पहले कई लोग दलालों के दोहन के शिकार होते नजर आए.
राकेश ने कहा कि उन्हें समझ में आ गया कि यह कोई दलाल है. इसके बाद राकेश ने खुद ही जानकारी हासिल कर बाहर में जांच के लिए पता किया. उसे पता चला कि यह जांच 400 रुपये में ही हो जाता है. उन्होंने कहा कि पीएमसीएच कैंपस में डॉक्टर से दिखाने के बाद से कई दलाल उसे रोक चुके है. राकेश ने कहा कि यहां दलालों का एक बहुत बड़ा गैंग है.
'मैं अपने मां को दिखाने आया हूं. उन्हें एक्स-रे और कई पैथोलॉजिकल जांच के लिए बोला गया है. एक्स-रे के लिए पता चला कि 3 दिन बाद एक्स-रे हो पाएगा और पैथोलॉजी से जानकारी मिली कि पर्ची कटाने का टाइम समाप्त हो गया है. मुझे 12:45 से सिर्फ 5 मिनट अधिक हो गया था. एक्स-रे कराने के लिए कई दलाल संपर्क कर चुके हैं.' -राजीव कुमार, शेखपुरावासी
इसके साथ ही पटना के अदालतगंज से अपनी मां का इलाज कराने पहुंचे संतोष कुमार ने कहा कि उन्हें बताया जाता है कि पीएमसीएच में सभी प्रकार के जांच उपलब्ध हैं. लेकिन यहां आने पर पता चलता है कि जो जांच उन्हें प्रिस्क्राइब किया गया है, उनमें से एक और दो ही पीएमसीएच में उपलब्ध है. अन्य जांच बाहर से कराना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि एक दलाल ने उन्हें पकड़कर कहा कि सभी जांच बाहर से कराने होंगे. एमआरआई के लिए कहा कि 2,000 से 2500 के बीच खर्च करना होगा. संतोष ने कहा कि वे अपने स्तर से बाहर जांच करा लेंगे. लेकिन पीएमसीएच में किसी के कहने पर जांच नहीं कराएंगे. क्योंकि वह समझ चुके हैं कि यहां दलालों का एक बहुत बड़ा गैंग है. अब तक उनसे 10 से ज्यादा दलाल संपर्क कर चुके हैं.
इस पूरे मसले पर जब अधीक्षक की राय जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने पहले फोन नहीं उठाया. इसके बाद कार्यालय पहुंचने पर लगभग आधे घंटे तक इंतजार कराया. इसके बावजूद अधीक्षक लंच का हवाला देते हुए बगैर कोई बात किए अस्पताल से निकल गए. इससे साफ पता चल रहा है कि अधीक्षक कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं.