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PMCH की बेरुखी आई सामने, पैसे के अभाव में बिना इलाज किए कांवड़िया को किया बाहर - पीएमसीएच में मरीज परेशान

यूपी के प्रतापगढ़ से बाबाधाम जा रहे एक कांवड़िया की तबीयत रास्ते में ही बिगड़ गई. जब इलाज के लिये वो पीएमसीएच गया तो एक बोतल पानी चढ़ाकर उसे वापस भेज दिया गया. पैसे नहीं होने के कारण उसे वार्ड से बाहर निकाल दिया गया और दवा भी मुहैया नहीं कराई गई.

अस्पताल की कुव्यवस्था से मरीज परेशान
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Published : Aug 13, 2019, 3:11 PM IST

Updated : Aug 13, 2019, 3:25 PM IST

पटना: राजधानी के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में बदइंतजामी एक बार फिर देखने को मिली है. अस्पताल प्रशासन की बेरुखी और डॉक्टरों की लापरवाही के कारण मरीज को प्राइवेट अस्पताल का रूख करना पड़ रहा है. यूपी के प्रतापगढ़ से बाबाधाम जा रहे एक कांवड़िया की तबीयत रास्ते में ही बिगड़ गई. जब इलाज के लिये वो पीएमसीएच गया तो एक बोतल पानी चढ़ाकर उसे वापस भेज दिया गया.

दर्द से कराह रहे मरीज को स्लाइन की और आवश्यकता थी. लेकिन पैसे नहीं होने के कारण उसे वार्ड से बाहर निकाल दिया गया और दवा भी मुहैया नहीं कराई गई. मरीज सड़क पर बैठकर घंटों इंतजार करता रहा. जब किसी ने सुध नहीं ली तो उसने थक कर प्राइवेट अस्पताल का रुख किया.

पेश है रिपोर्ट

क्या कहते हैं पीएमसीएच के उपाधीक्षक
मीडिया ने मरीज से पूछताछ करने की कोशिश की तो उसने खुलकर अपनी बातों को नहीं रखा. शायद उसे किसी बात का डर था. लेकिन उसने जो भी बताया उससे ये साफ होता है कि पीएमसीएच में उसका इलाज ठीक से नहीं किया गया. इधर, मामले में जब पीएमसीएच के उपाधीक्षक से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बात उन्हें कोई खबर नहीं है.

patna
रंजीत जैमूआर, उपाधीक्षक, पीएमसीएच

अस्पताल की कुव्यवस्था से मरीज परेशान
सूबे की सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लाख दावे करती है पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है. दूर-दराज से मरीज इलाज कराने पीएमसीएच आते हैं लेकिन अस्पताल की कुव्यवस्था के कारण उन्हें निराश होकर निजी अस्पताल जाना पड़ता है. ऐसे में उन मरीजों को काफी परेशानी होती है जो गरीब तबके के हैं. उनके पास इतने पैसा नहीं कि वो प्राइवेट अस्पताल में जाकर महंगे इलाज करा सकें. सरकार को ऐसे मामलों पर गंभीरता बरतने की जरूरत है.

पटना: राजधानी के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में बदइंतजामी एक बार फिर देखने को मिली है. अस्पताल प्रशासन की बेरुखी और डॉक्टरों की लापरवाही के कारण मरीज को प्राइवेट अस्पताल का रूख करना पड़ रहा है. यूपी के प्रतापगढ़ से बाबाधाम जा रहे एक कांवड़िया की तबीयत रास्ते में ही बिगड़ गई. जब इलाज के लिये वो पीएमसीएच गया तो एक बोतल पानी चढ़ाकर उसे वापस भेज दिया गया.

दर्द से कराह रहे मरीज को स्लाइन की और आवश्यकता थी. लेकिन पैसे नहीं होने के कारण उसे वार्ड से बाहर निकाल दिया गया और दवा भी मुहैया नहीं कराई गई. मरीज सड़क पर बैठकर घंटों इंतजार करता रहा. जब किसी ने सुध नहीं ली तो उसने थक कर प्राइवेट अस्पताल का रुख किया.

पेश है रिपोर्ट

क्या कहते हैं पीएमसीएच के उपाधीक्षक
मीडिया ने मरीज से पूछताछ करने की कोशिश की तो उसने खुलकर अपनी बातों को नहीं रखा. शायद उसे किसी बात का डर था. लेकिन उसने जो भी बताया उससे ये साफ होता है कि पीएमसीएच में उसका इलाज ठीक से नहीं किया गया. इधर, मामले में जब पीएमसीएच के उपाधीक्षक से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बात उन्हें कोई खबर नहीं है.

patna
रंजीत जैमूआर, उपाधीक्षक, पीएमसीएच

अस्पताल की कुव्यवस्था से मरीज परेशान
सूबे की सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लाख दावे करती है पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है. दूर-दराज से मरीज इलाज कराने पीएमसीएच आते हैं लेकिन अस्पताल की कुव्यवस्था के कारण उन्हें निराश होकर निजी अस्पताल जाना पड़ता है. ऐसे में उन मरीजों को काफी परेशानी होती है जो गरीब तबके के हैं. उनके पास इतने पैसा नहीं कि वो प्राइवेट अस्पताल में जाकर महंगे इलाज करा सकें. सरकार को ऐसे मामलों पर गंभीरता बरतने की जरूरत है.

Intro:सुपरस्पेशलिटी अस्पताल पीएमसीएच में प्रशासनिक बदइंतजामी के कारण मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिलने से प्राइवेट अस्पतालों का कर रहे हैं रूख
मामला यूपी जिले के प्रतापगढ़ से आए मरीज के साथ इलाज मे बरती गई कोताही, एवं ठीक से इलाज नहीं होने के कारण प्राइवेट अस्पताल में की ओर जाने को हुए मजबुर


Body:सुबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच जहां राज्य भर के कोने-कोने से हजारों मरीज अपने बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच आते हैं, पीएमसीएच जहां पर निशुल्क इलाज और दवा की सुविधा उपलब्ध कराई जाती हैं, लेकिन इन दिनों अस्पताल प्रशासन की बेरुखी और डॉक्टरों के रवैया के कारण या यूं कहें कि प्रशासन ने बदइंतजामी के कारण गरीब मरीजों के साथ बेहतर इलाज नहीं हो पा रहा है, जिससे मरीज बेहतर इलाज के लिए प्राइवेट अस्पतालों का रुख कर रहे हैं, ऐसे में ताजा मामला यूपी जिले के प्रतापगढ़ से आए एक मरीज के साथ हुई है, बताया जाता है कि वह मरीज एक कांवरिया है, जो बैजनाथ धाम जा रहा था, बीच रास्ते में उसकी तबीयत बिगड़ गई और वह अपना इलाज के लिए पीएमसीएच आ गया, पीएमसीएच में एडमिट तो कर लिया गया और इलाज के नाम पर उसे एक बोतल पानी भी चढ़ा दिया गया, मगर दवा उसे नहीं मिली और उसे और भी पानी चढ़ाने के लिए उसे पैसों की मांग की गई जिसको लेकर वह वार्ड से निकल के बाहर सड़क पर बैठकर घंटों इंतजार किया उसके बाद प्राइवेट अस्पताल का रुख किया


Conclusion:मीडिया को जब इस बात की खबर लगी तो उस मरीज से पूछना चाहा लेकिन वह मीडिया के सामने खुलकर अपनी बात को नहीं का पाया, शायद उसे किसी बात का डर था, हालांकि उसके बातों से स्पष्ट दिख रहा था कि अस्पताल में उससे बेहतर इलाज नहीं हुआ और उसे पैसों की मांग की गई थी, हालांकि इस मामले में अस्पताल प्रशासन ने कहा कि उसे कुछ नहीं मालूम है और जांच के बाद कार्रवाई करेंगे, अब सवाल उठता है कि एक ओर जहां सरकार इसे सुपर स्पेशलिटी का दर्जा दी है, और यहां अस्पताल में गरीबों के लिए बेहतर और निशुल्क इलाज का दावा करता है, लेकिन आज भी अस्पताल प्रशासन के बदइंतजाम के कारण गरीब मरीजों का क्या हश्र हो रहा है बताने के लिए काफी है, जरूरत है सरकार को ऐसे मामलों पर गंभीरता बरतने की था कि पीएमसीएच में आए गरीब मरीजों का इलाज बेहतर ढंग से हो सके


बाईट:-पिडीत मरीज,प्रतापगढ,यूपी
बाईट:-रंजीत जैमूआर, उपाधीक्षक,पीएमसीएच
Last Updated : Aug 13, 2019, 3:25 PM IST
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