पटना: स्पेशल स्टेटस को लेकर हाल के कुछ दिनों में भाजपा और जदयू के बीच विवाद (Tension Between BJP And JDU) गहराया है. दोनों ओर से तल्ख टिप्पणी किए जा रहे हैं. दोनों दलों के नेता आर पार की लड़ाई के मूड में हैं. हालांकि प्रधानमंत्री ने सीजफायर की कोशिश की है और अब भाजपा नेता नीतीश कुमार को सबसे बड़े समाजवादी नेता करार दे रहे हैं.
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इस साल भाजपा और जदयू कई मुद्दों को लेकर आमने-सामने है. जातिगत जनगणना, उत्तर प्रदेश चुनाव और फिर स्पेशल स्टेटस को लेकर दोनों दलों के बीच आर-पार की लड़ाई छिड़ी है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह स्पेशल स्टेटस को लेकर अभियान चला रहे हैं तो, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ललन सिंह पर सीधा हमला बोल रहे हैं. भाजपा की ओर से तल्ख टिप्पणी भी हुई है.
पार्टी सांसद छेदी पासवान ने यहां तक कह दिया था कि, नीतीश कुमार कुर्सी के लिए दाऊद इब्राहिम से भी हाथ मिला सकते हैं. इस पर जदयू की ओर से भी प्रतिवाद किया गया. इन सबके बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विवाद को कम करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ की है और नीतीश कुमार को समाजवादी नेता करार दिया है. प्रधानमंत्री के बयान के बाद भाजपा नेताओं के भी सुर बदल गए हैं.
बीजेपी के पार्टी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा है कि, नीतीश कुमार जहां समाजवाद को मजबूत कर रहे हैं, वहीं लालू प्रसाद यादव परिवारवाद को ताकत दे रहे हैं. नीतीश समाजवादी नेता है तो, लालू परिवारवादी नेता हैं. समाजवाद का मतलब बताते हुए उन्होंने नीतीश कुमार की जमकर तारीफ की है. पीएम के बयान के बाद माना जा रहा है कि, बिहार में भाजपा और जदयू के बीच की दूरियां कुछ कम होगी, लेकिन ये भी सत्य है कि ऐसा करना उतना आसान नहीं होगा.
बता दें कि, पीएम नरेंद्र मोदी ने जिस तरीके से सीएम नीतीश कुमार की तारीफ की है. उससे बिहार में विरोधियों के बीच हलचल बढ़ गई है और उनको तीखी मिर्ची लगी है. पीएम ने कहा है कि, परिवारवादी पार्टियां लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन है. जब परिवार ही सर्वोपरि होता है, परिवार को बचाओ पार्टी बचे न बचे, देश बचे न बचे. ये जब होता है तो सबसे बड़ा नुकसान प्रतिभा को होता है. सार्वजनिक जीवन में जितनी अधिक प्रतिभा आए वो जरूरी है. इस दौरान पीएम ने सीएम नीतीश को समाजवादी करार दिया. इसी बयान को लेकर विपक्ष पीएम मोदी और सीएम नीतीश पर हमलावर है.
दरअसल, इन दिनों बिहार में नीतीश कुमार की कार्यशैली और बिहार के विकास को लेकर खुद एनडीए के कई नेता ही उनपर सवाल खड़े कर रहे हैं. बीजेपी के नेताओं का तो यहां तक कहना है कि जो राशि केंद्र से मिलती है, वो बिहार में खर्च ही नहीं हो पती. यही वजह है कि बिहार का विकास सही तरीके से नहीं हो पा रहा है. विशेष राज्य के दर्जे की मांग बेमानी है. अब एक बार फिर ललन सिंह ने विशेष राज्य के दर्जे की मांग दोहरा कर पीएम का ध्यान आकृष्ट कराते हुए लिखा कि- 'देश के प्रधान बिहार पर दें ध्यान'
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