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PM मोदी ने खाया लिट्टी-चोखा... और साध लिया बिहार?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली के हुनर हाट में बिहारी व्यंजन लिट्टी-चोखा का स्वाद चखा. जिसपर बिहार में सियासत तेज हो गई है. लोग भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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Published : Feb 20, 2020, 11:48 PM IST

Updated : Feb 21, 2020, 9:01 AM IST

पटना: बिहार का लिट्टी-चोखा इन दिनों एकबार फिर चर्चा में है. दरअसल, पीएम मोदी ने दिल्ली के हुनर हाट में लिट्टी-चोखा का स्वाद लिया. जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ गई है. पक्ष-विपक्ष आमने-सामने है. विपक्ष जहां इसे पॉलिटिकल स्टंट बता रहा है. वहीं, सत्ता पक्ष का कहना है कि बेवजह विपक्ष हाय-तौबा मचा रहा है.

'बिहारी खाना खाकर पीएम ने बिहार का मान बढ़ाया'
गुरुवार से सोशल मीडिया पर अचानक से लिट्टी-चोखा ट्रेंड करने लगा. पीएम मोदी के हाथ में प्लेट लिए लिट्टी-चोखा के साथ छाए रहे. कहते हैं जब चुनाव सामने हो तो नेताओं के देखने के अंदाज को भी सियासी आइने से ही देखा जाता है. सियासत में सबकुछ शीशे की तरह साफ नहीं होता है. लेकिन जब धूल हटती तो सबकुछ चमकने लगता है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

दिल्ली में खाना, बिहार में सियासत
अब ये किसने सोचा था कि दिल्ली के हाट में खाट पर बैठकर मोदी जी लिट्टी चोखा का स्वाद चखेंगे. और इसपर सियासत हजार किलोमीटर दूर बिहार में होगी. शायद पीएम को यह बिहारी व्यंजन पसंद हो, पर समय की नजाकत को जिस तरह उन्होंने चुना वो लोगों को पूरी तरह से पच नहीं रहा.

पीएम मोदी और लिट्टी-चोखा पर जब आम लोगों की राय पूछी गई तो मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई. कुछ लोगों का कहना है कि पीएम ने लिट्टी-चोखा खाकर बिहार का मान बढ़ाया है. तो कुछ लोग कहते हैं कि इससे लिट्टी-चोखा को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी.

लिट्टी बनाता कारिगर.
लिट्टी बनाता कारिगर.

'लिट्टी-चोखा के बजाए बिहार पर ध्यान दें पीएम'
वहीं, कुछ लोग कहते हैं कि बिहार की पहचान पहले से ही लिट्टी-चोखा है. ऐसे में पीएम खा रहें हैं तो बड़ा क्या है. हां, अगर लिट्टी-चोखा के बजाए प्रधानमंत्री बिहार के हित का ख्याल करें तो कुछ बात बने. बता दें कि गुरुवार को प्रधानमंत्री ने दिल्ली के हुनर-हाट में लिट्टी-चोखा का मजा लिया. जिसके बाद से बिहारी व्यंजन लिट्टी-चोखा एक बार फिर सुर्खियों में हैं.

कैसे बनता है लिट्टी-चोखा?
लिट्टी-चोखा बनाने के लिए गोयठा(उपले) वाली आग सबसे उपयुक्त मानी जाती है. इसमें लिट्टी यानी आटे की लोई में मसालेदार सत्तू को भरा जाता है, फिर उसे इस आग में सेंका जाता है. साथ ही बैंगन और टमाटर को भी आग में सेंका जाता है. फिर चोखा के लिए बैगन, टमाटर और हरी मिर्च का प्रयोग किया जाता है. समय के साथ लिट्टी बनाने के तरीके में काफी परिवर्तन आ जा चुका है, लेकिन नहीं बदला तो इसका स्वाद और इसके प्रति लोगों की दीवानगी. पटना के वीरचंद पटेल इलाके में आज भी एक दुकान है जहां गोयठा पर बना लिट्टी-चोखा बिकता है.

पटना: बिहार का लिट्टी-चोखा इन दिनों एकबार फिर चर्चा में है. दरअसल, पीएम मोदी ने दिल्ली के हुनर हाट में लिट्टी-चोखा का स्वाद लिया. जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ गई है. पक्ष-विपक्ष आमने-सामने है. विपक्ष जहां इसे पॉलिटिकल स्टंट बता रहा है. वहीं, सत्ता पक्ष का कहना है कि बेवजह विपक्ष हाय-तौबा मचा रहा है.

'बिहारी खाना खाकर पीएम ने बिहार का मान बढ़ाया'
गुरुवार से सोशल मीडिया पर अचानक से लिट्टी-चोखा ट्रेंड करने लगा. पीएम मोदी के हाथ में प्लेट लिए लिट्टी-चोखा के साथ छाए रहे. कहते हैं जब चुनाव सामने हो तो नेताओं के देखने के अंदाज को भी सियासी आइने से ही देखा जाता है. सियासत में सबकुछ शीशे की तरह साफ नहीं होता है. लेकिन जब धूल हटती तो सबकुछ चमकने लगता है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

दिल्ली में खाना, बिहार में सियासत
अब ये किसने सोचा था कि दिल्ली के हाट में खाट पर बैठकर मोदी जी लिट्टी चोखा का स्वाद चखेंगे. और इसपर सियासत हजार किलोमीटर दूर बिहार में होगी. शायद पीएम को यह बिहारी व्यंजन पसंद हो, पर समय की नजाकत को जिस तरह उन्होंने चुना वो लोगों को पूरी तरह से पच नहीं रहा.

पीएम मोदी और लिट्टी-चोखा पर जब आम लोगों की राय पूछी गई तो मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई. कुछ लोगों का कहना है कि पीएम ने लिट्टी-चोखा खाकर बिहार का मान बढ़ाया है. तो कुछ लोग कहते हैं कि इससे लिट्टी-चोखा को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी.

लिट्टी बनाता कारिगर.
लिट्टी बनाता कारिगर.

'लिट्टी-चोखा के बजाए बिहार पर ध्यान दें पीएम'
वहीं, कुछ लोग कहते हैं कि बिहार की पहचान पहले से ही लिट्टी-चोखा है. ऐसे में पीएम खा रहें हैं तो बड़ा क्या है. हां, अगर लिट्टी-चोखा के बजाए प्रधानमंत्री बिहार के हित का ख्याल करें तो कुछ बात बने. बता दें कि गुरुवार को प्रधानमंत्री ने दिल्ली के हुनर-हाट में लिट्टी-चोखा का मजा लिया. जिसके बाद से बिहारी व्यंजन लिट्टी-चोखा एक बार फिर सुर्खियों में हैं.

कैसे बनता है लिट्टी-चोखा?
लिट्टी-चोखा बनाने के लिए गोयठा(उपले) वाली आग सबसे उपयुक्त मानी जाती है. इसमें लिट्टी यानी आटे की लोई में मसालेदार सत्तू को भरा जाता है, फिर उसे इस आग में सेंका जाता है. साथ ही बैंगन और टमाटर को भी आग में सेंका जाता है. फिर चोखा के लिए बैगन, टमाटर और हरी मिर्च का प्रयोग किया जाता है. समय के साथ लिट्टी बनाने के तरीके में काफी परिवर्तन आ जा चुका है, लेकिन नहीं बदला तो इसका स्वाद और इसके प्रति लोगों की दीवानगी. पटना के वीरचंद पटेल इलाके में आज भी एक दुकान है जहां गोयठा पर बना लिट्टी-चोखा बिकता है.

Last Updated : Feb 21, 2020, 9:01 AM IST
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