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पटना: लॉकडाउन में 'किलकारी' बच्चों को करा रहा शारिरिक गतिविधि - news in hindi

किलकारी के शिक्षक ने बताया कि इस एक्टिविटी का मुख्य मकसद बच्चों को शारीरिक गतिविधि कराना है.

पटना
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Published : Jul 13, 2020, 9:59 PM IST

पटना: लॉकडाउन के दौरान भी 'किलकारी' बच्चों को प्रतिदिन कुछ ना कुछ नया सिखाने का प्रयास कर रहा है. इसको लेकर किलकारी के थिएटर टीचर रवि भूषण मुकुल ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से अब तक बच्चों को लगभग 75 अलग-अलग एक्टिविटी सिखाया जा चुका है.

इसी क्रम को आगे बढ़ते हुए एक नई एक्टिविटी उपांग डांस शुरू की गई है. इसे फेस डांस भी कहते हैं. दरअसल, अभिनय में उपांग का भी काफी अहम योगदान रहता है.

बच्चों को शारीरिक एक्टविटी कराना है मकसद
किलकारी के शिक्षक ने बताया कि इस एक्टिविटी का मुख्य मकसद बच्चों को शारीरिक गतिविधि कराना है. किलकारी में एक नए एक्ट की शुरुआत की गई है. इस उपांग डांस में अभिनय और नृत्य का तालमेल बेहद जरूरी है. इसे फेस डांस भी कहा जाता है. दर्जनों बच्चों को रियाज कराया जा रहा है. बच्चों को भी यह काफी अच्छा और नया लग रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

उन्होंने बताया कि नृत्य एक ऐसी कला है, जो देखने में सरल किन्तु होती टफ है. डांस के जरिए मानवीय अभिव्यक्तियों का प्रदर्शन किया जाता है.

'नया और मनोरंजक डांस'
किलकारी की छात्रा श्रुति राज ने बताया कि हमें फेस डांस देखकर काफी अच्छा लगा. यह नया और मनोरंजक था. फेस डांस के जरिये हमे कुछ नया सिखने को मिल रहा है. इस डांस में अभिनय के साथ-साथ नृत्य करते समय आंख, कान, नाक का उपयोग बेहद जरूरी होता है. स्टेज डांस के जरिए हम लोग इसका अच्छी तरीके से अभ्यास कर पा रहे. इस डांस के जरिए हमारे सेंस ऑर्गन भी बेहतर तरीके से कार्य कर पा रहे हैं. जिससे हमें अपने अभिनय और नृत्य में काफी मदद मिलेगी. अभिनय में उपांग का महत्व 75% रहता है.

पटना: लॉकडाउन के दौरान भी 'किलकारी' बच्चों को प्रतिदिन कुछ ना कुछ नया सिखाने का प्रयास कर रहा है. इसको लेकर किलकारी के थिएटर टीचर रवि भूषण मुकुल ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से अब तक बच्चों को लगभग 75 अलग-अलग एक्टिविटी सिखाया जा चुका है.

इसी क्रम को आगे बढ़ते हुए एक नई एक्टिविटी उपांग डांस शुरू की गई है. इसे फेस डांस भी कहते हैं. दरअसल, अभिनय में उपांग का भी काफी अहम योगदान रहता है.

बच्चों को शारीरिक एक्टविटी कराना है मकसद
किलकारी के शिक्षक ने बताया कि इस एक्टिविटी का मुख्य मकसद बच्चों को शारीरिक गतिविधि कराना है. किलकारी में एक नए एक्ट की शुरुआत की गई है. इस उपांग डांस में अभिनय और नृत्य का तालमेल बेहद जरूरी है. इसे फेस डांस भी कहा जाता है. दर्जनों बच्चों को रियाज कराया जा रहा है. बच्चों को भी यह काफी अच्छा और नया लग रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

उन्होंने बताया कि नृत्य एक ऐसी कला है, जो देखने में सरल किन्तु होती टफ है. डांस के जरिए मानवीय अभिव्यक्तियों का प्रदर्शन किया जाता है.

'नया और मनोरंजक डांस'
किलकारी की छात्रा श्रुति राज ने बताया कि हमें फेस डांस देखकर काफी अच्छा लगा. यह नया और मनोरंजक था. फेस डांस के जरिये हमे कुछ नया सिखने को मिल रहा है. इस डांस में अभिनय के साथ-साथ नृत्य करते समय आंख, कान, नाक का उपयोग बेहद जरूरी होता है. स्टेज डांस के जरिए हम लोग इसका अच्छी तरीके से अभ्यास कर पा रहे. इस डांस के जरिए हमारे सेंस ऑर्गन भी बेहतर तरीके से कार्य कर पा रहे हैं. जिससे हमें अपने अभिनय और नृत्य में काफी मदद मिलेगी. अभिनय में उपांग का महत्व 75% रहता है.

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