पटना: बिहार प्रदेश में मार्च माह में ही तापमान बढ़ोतरी से गर्मी बढ़ गया है. पेयजल की समस्या ना हो इसके लिए विभाग लगातार समीक्षा बैठक कर रही और अधिकारियों से जानकारी ले रही है. जानकारी के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में 1 महीने बाद यानी अप्रैल से गर्मी बढ़ने के आसार को देखते पानी की समस्या का सामना ना करना पड़े. इसके लिए पूर्व में ही विभाग व्यवस्था को लेकर निरीक्षण करा कर संभावित निराकरण किया जाएगा.
मंत्री रामप्रीत पासवान से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के किसी भी जिले से पानी को लेकर समस्या ना हो. इसके निराकरण किया जा रहा है. अधिकारियों का दावा है कि इस बार बिहार प्रदेश के कई हिस्सों में बाढ़ और अधिक बारिश के कारण वाटर लेवल डाउन होने की चिंता नहीं है. लेकिन विभाग अपने से हर एक बिंदु पर समस्या का निदान करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है, जिससे कि प्रदेश के किसी भी इलाके में जल की समस्या ना हो.
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विभाग यह जानने की कोशिश कर रही है कि किस पंचायत किस गांव में गर्मी के समय में पानी की समस्या हो सकती है, उसे किस प्रकार दूर कर ग्रामीणों को पेयजल मुहैया कराई जाएगी. इसके लिए कार्य योजना बनाई जा रही है, क्योंकि 2019 में बिहार प्रदेश में पानी को लेकर हाहाकार मच गया था, कई पंचायत में वाटर लेबल इतना नीचे चला गया था कि वहां पानी पीने को लेकर ग्रामीणों की काफी समस्या बढ़ गई थी.
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छपरा के जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर परसा विधानसभा के प्रखंड के दर्जनों वार्ड में अभी तक नल जल योजना का काम शुरू नहीं हुआ है. नगर नगर पंचायत होते हुए भी लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. लेकिन सरकार तो दावा कर रही है कि जिस पंचायत में नल जल योजना का काम पूरा नहीं हुआ है. वहां के मुखिया चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.