पटना: पेट्रोल डीजल का बढ़ता दाम हर पार्टी का मुद्दा बनता है. सरकार बनने पर दाम कम किये जाने के वादे सुनने को मिलते हैं. लेकिन जब सरकार बन जाती है तो यह वादा सिर्फ वादा बनकर ही रह जाता है. आज की वर्तमान सरकार ने 2014 में बढ़े हुए पेट्रोल और डीजल के दामों को मुख्य मुद्दा बनाया और कांग्रेस सरकार को पराजित किया. लेकिन अब बीजेपी की सरकार में भी पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं.
दरअसल सितंबर माह वर्ष 2013 में कांग्रेस के शासनकाल में पेट्रोल की कीमत 80 रुपये के पार पहुंच गई थी. आज उसी बीजेपी की सरकार में डीजल और पेट्रोल के भाव आसमान छू रहे हैं. हालात यह हैं कि बढ़े हुए पेट्रोल और डीजल के कारण ट्रांसपोर्टेशन महंगा हो गया है.
दाम पर राजनीतिक खेल
पेट्रोल की कीमत बढ़ने से आम जनजीवन पर इसका खासा असर पड़ा है. चार पहिया वाहन और दो पहिया वाहन चालक बढ़ें हुए पेट्रोल और डीजल के मूल्यों पर सवाल उठा रहे हैं. और सरकार से पूछ रहे हैं कि उन वादों का क्या हुआ जो चुनाव के दौरान किया गया था. आज की वर्तमान सरकार जिन मूल्यों का हवाला देकर सत्ता में आई है, उन मूल्यों और लोगों की समस्याओं को नजर अंदाज किया जा रहा है.
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'जनता हमेशा पस्त रहती है और सरकार हमेशा मस्त रहती है. पेट्रोल-डीजल के मूल्य जिस तरह से बढ़े हैं वह आम आदमियों की परेशानियों का सबब बनते जा रहे हैं.'- मनोज, एडवोकेट
पेट्रोल और डीजल की कीमत समान
वर्तमान कि अगर बात करें तो आज वर्तमान में बीजेपी के शासन काल में भी अब पेट्रोल और डीजल की कीमत समान हो गई है. राजधानी पटना में गुरुवार को पेट्रोल की कीमत 89.11 रुपये रही.
'जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और पेट्रोल डीजल 68 और 70 रुपये हुआ करता था. तब बीजेपी के नेता बढ़े हुए तेल के मूल्य और रसोई गैस के मूल्यों को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन करते थे.'- आशु , ट्रांसपोर्टर
क्या कहते हैं कृषि सेस पर लोग
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के माध्यम से पेश किए गए बजट में डीजल प्रति लीटर 4 कृषि सेस और पेट्रोल पर 2.5 रुपये लीटर लगा दिया गया है. हालांकि फिलहाल सरकारी तेल कंपनियों द्वारा डीजल और पेट्रोल के भाव में हाल के दिनों तक किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है.
क्या कहते हैं किसान
पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरवाने आए किसान कहते हैं, आज के हालात ऐसे हैं कि घर परिवार अब नहीं चलेगा. जिस तरह से आज डीजल और पेट्रोल के भाव समान हो गए हैं वैसे हालात में किसानों का घर अब नहीं चलेगा.
'17 रु मूल्य से पेट्रोल के भाव का दर याद है और देखते ही देखते किस तरह से पेट्रोल और डीजल के भाव आसमान छूने लगे हैं. और बढ़े हुए डीजल के मूल्यों के कारण कृषि में समस्याएं आना स्वाभाविक है.'- रामप्रवेश , किसान
पेट्रोल डीजल के मूल्य वृद्धि पर भड़के लोग
लोकडाउन के बाद हाल के दिनों में डीजल और पेट्रोल के मूल्यों में काफी वृद्धि देखी गई. और इस मामले पर बोलते हुए एडवोकेट अंशुमान कहते हैं के पूर्व की भांति वर्तमान स्थिति और भी विकट हो गई है. हाल के दिनों में पूरे भारत में छह-सात महीने और खास करके राजधानी पटना में लॉकडाउन के हालात रहे हैं.
'लॉकडाउन खत्म होते ही जिस तरह से तेल के कीमत आसमान छू रहे हैं. उससे आम आदमी के घर चलाने का अंदाजा निकाला जा सकता है . जहां हाल के वर्षों में ही ट्रांसपोर्टेशन में अगर 4 रु खर्च करने पड़ते थे तो आज के दिनों में उसके लिए 10 रुपए लिए जा रहे हैं. लॉकडाउन की वजह से लोगों की आमदनी तो बढ़ी नहीं पर सरकार के द्वारा बढ़े हुए पेट्रोल और डीजल के मूल्यों का बोझ आम आदमी को उठाना पड़ रहा है.'- अंशुमान , एडवोकेट
गौरतलब हो कि हर दिन सुबह 6:00 बजे पेट्रोल और डीजल के भाव तय किए जाते हैं. वहीं हर महीने की 1 तारीख को भी गैस और तेल की नई दरों को लागू किया जाता है.