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Bihar Caste Census : जातीय जनगणना को चुनौती देने वाली याचिका पर कल होगी हाईकोर्ट में सुनवाई

जातिगत जनगणना और आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना हाइकोर्ट में आज की सुनवाई टल गई है, अब ये सुनवाई कल 2 मई को होगी. याचिकाकर्ता ने बिहार में हो रही जातिगत जनगणना के खिलाफ ये कह कर इस पर अपत्ति जताई है कि जातियों की गणना व आर्थिक सर्वेक्षण राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में नहीं आता.

Patna High Court News
Patna High Court
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Published : May 1, 2023, 1:54 PM IST

पटनाः राज्य सरकार द्वारा राज्य में जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना हाइकोर्ट में 2 मई 2023 को सुनवाई की जाएगी. याचिकाकर्ता अखिलेश कुमार व अन्य की याचिकाओं पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ कल इस पर सुनवाई करेगी. पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार ने जातियों और आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है. उन्होंने कहा कि ये सर्वेक्षण कराने का अधिकार राज्य सरकार को नहीं है.

ये भी पढ़ेंः Bihar Caste Census: बिहार में जातिगत जनगणना के क्या हैं फायदे और नुकसान? एक क्लिक में जानें सबकुछ

दोनों पक्षों ने रखी अपनी-अपनी बातः अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार जातियों की गणना व आर्थिक सर्वेक्षण राज्य सरकार के क्षेत्रधिकार में नहीं आता है. उन्होंने ये भी कहा था कि प्रावधानों के तहत इस तरह का सर्वेक्षण केंद्र सरकार करा सकती है. ये केंद्र सरकार की शक्ति के अंतर्गत आता है. कोर्ट को बताया गया था कि इस सर्वेक्षण के लिए राज्य सरकार पांच सौ करोड़ रुपए खर्च कर रही है. इस पर राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल ने इसकी सुनवाई की योग्यता पर बुनियादी आपत्ति की थी. उन्होंने कहा कि ये याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. कोर्ट ने इसे अमान्य करते हुए कहा था कि ये प्रावधानों के उल्लंघन और पांच सौ करोड़ रुपये से सम्बंधित मामला है.

2 मई को होगी इस मामले पर अगली सुनवाईः पटना हाईकोर्ट ने इस मामलें पर अब 2 मई, 2023 को सुनवाई की नई तिथि निर्धारित की है. इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से वकील दीनू कुमार व ऋतु राज और राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल पीके शाही कोर्ट के समक्ष अपने-अपने पक्षों को प्रस्तुत कर रहे हैं.

पटनाः राज्य सरकार द्वारा राज्य में जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना हाइकोर्ट में 2 मई 2023 को सुनवाई की जाएगी. याचिकाकर्ता अखिलेश कुमार व अन्य की याचिकाओं पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ कल इस पर सुनवाई करेगी. पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार ने जातियों और आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है. उन्होंने कहा कि ये सर्वेक्षण कराने का अधिकार राज्य सरकार को नहीं है.

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दोनों पक्षों ने रखी अपनी-अपनी बातः अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार जातियों की गणना व आर्थिक सर्वेक्षण राज्य सरकार के क्षेत्रधिकार में नहीं आता है. उन्होंने ये भी कहा था कि प्रावधानों के तहत इस तरह का सर्वेक्षण केंद्र सरकार करा सकती है. ये केंद्र सरकार की शक्ति के अंतर्गत आता है. कोर्ट को बताया गया था कि इस सर्वेक्षण के लिए राज्य सरकार पांच सौ करोड़ रुपए खर्च कर रही है. इस पर राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल ने इसकी सुनवाई की योग्यता पर बुनियादी आपत्ति की थी. उन्होंने कहा कि ये याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. कोर्ट ने इसे अमान्य करते हुए कहा था कि ये प्रावधानों के उल्लंघन और पांच सौ करोड़ रुपये से सम्बंधित मामला है.

2 मई को होगी इस मामले पर अगली सुनवाईः पटना हाईकोर्ट ने इस मामलें पर अब 2 मई, 2023 को सुनवाई की नई तिथि निर्धारित की है. इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से वकील दीनू कुमार व ऋतु राज और राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल पीके शाही कोर्ट के समक्ष अपने-अपने पक्षों को प्रस्तुत कर रहे हैं.

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