पटना: राजधानी पटना में ट्रेन हादसों (Train Accident) को लेकर रेलवे प्रशासन सख्त हो गया है. ऐसे में रेल प्रशासन पटना-गया रेलखंड में करीब 20 अवैध रेलवे क्रॉसिंग की घेराबंदी (Illegal Railway Crossing Siege) कर आवागमन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रहा है. इसी क्रम में नदवां रेलवे स्टेशन के समीप अवैध रेलवे क्रॉसिंग की घेराबंदी की जा रही है. जिसको लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध जताया और रेलवे प्रशासन से पहले वैकल्पिक रास्ता देने की मांग की.
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स्थानीय लोगों का कहना है कि सैकड़ों सालों से लोगों के आवागमन का एकमात्र रास्ता यही है. अगर रेलवे प्रशासन इस रास्ते को भी बंद कर देगा, तो लोगों की परेशानी बढ़ जाएगी. लोगों ने बताया कि 5 पंचायत के तकरीबन 40 गांव का मुख्य रास्ता सिर्फ ये रेलवे क्रॉसिंग ही है.
लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि लगातार रेलवे से ओवरब्रिज और रास्ते की मांग चल रही है. लेकिन प्रशासन कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है. अब जो रास्ता है उसे भी ये लोग बंद कर रहे हैं. ऐसे में लोगों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
लोगों का कहना है कि रास्ता बंद होने से सबसे ज्यादा परेशानी एंबुलेंस और स्कूल जाने वाले बच्चों की बढ़ जायेगी. क्योंकि इसी रास्ते से 40 गांव के लोग आना जाना करते हैं. जिसको लेकर रेलवे प्रशासन से वैकल्पिक रास्ते की मांग की गई है.
नदवां पंचायत के सरपंच मुन्ना प्रसाद ने बताया कि 40 गांव में जितने भी स्कूल कॉलेज, निजी नर्सिंग होम हैं. सब इसी रास्ते का इस्तेमाल कर अपने कामों को कम समय में पूरा कर लेते हैं. अगर रेलवे प्रशासन की ओर से वैकल्पिक रास्ता नहीं दिया गया, तो इमरजेंसी में मरीजों को अस्पताल ले जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. साथ ही रोजाना स्कूल जाने वाले बच्चों को अतिरिक्त समय देने पड़ेगा. ऐसे में वैकल्पिक रास्ता होना बेहद जरूरी है. वैकल्पिक रास्ता नहीं होने पर आंदोलन किया जाएगा.
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