ETV Bharat / state

Chaiti Chhath 2023:- चैती छठ में बांस की टोकरी की बढ़ी डिमांड, खरीदने के लिए बाजारों में उमड़ी भीड़

लोक आस्था के महापर्व छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान शनिवार से नहाए खाए के साथ शुरू हो रहा है. इसके साथ ही बाजारों में इन दिनों बांस की टोकरी सूप और फल लेने के लिए लोगों की काफी भीड़ उमड़ रही है. कहा जाता है कि बांस की टोकरी वंश वृद्धि और सुख समृद्धि का प्रतीक है.

बांस की बनी टोकरी के लिए उमड़ी लोगों की भीड़
बांस की बनी टोकरी के लिए उमड़ी लोगों की भीड़
author img

By

Published : Mar 24, 2023, 9:20 AM IST

चैती छठ में बांस की बनी टोकरी के लिए उमड़ी लोगों की भीड़

पटनाः बिहार के मसौढ़ी में इन दिनों महिलाएं और पुरूष चैती छठ की तैयारी में लगें है. चैती छठ खासकर ग्रामीण इलाकों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. खासकर यह उस वक्त होता है जब खेतों में लगे हुए फसल की कटनी हो जाती है, जिस वजह से किसानों के बीच काफी खुशी का माहौल होता है. मसौढ़ी के बाजारों में छठ पर्व को लेकर सूप, टोकरी, फल खरीदने के लिए भीड़ उमड़ी है. टोकरी बाजारों में बहुत ज्यादा भीड़ दिख रही है.

ये भी पढ़ेंः पटना में चैती छठ की तैयारी शुरू, घाटों की साफ-सफाई में जुटे मजदूर

शुद्धता का प्रतीक है बांस की टोकरीः दरअसल किसान और मजदूर वर्ग के लोग प्रत्येक वर्ष चैती छठ काफी हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं और लाखों की संख्या में हर छठ घाटों पर भीड़ उमड़ती है. पौराणिक मान्यता के अनुसार बांस से बनी टोकरी और छठ पर्व के लिए काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं क्योंकि यह एक शुद्धता का प्रतीक होता है और के साथ ही यह भी कहा जाता है कि जिस तरह बांस मिट्टी में बिना रुकावट के आगे बढ़ता है. उसी तरह वंश वृद्धि के लिए यह एक प्रतीक माना जाता है, इसलिए छठ पर्व में इसका खास महत्व होता है.

"घर परिवार के सुखी जीवन और वंश वृद्धि के लिए ये छठ करते हैं. घर में सुख समृद्धि हो इसी के लिए छठ किया जाता है. छठ में बांस की टोकरी और सूप से पूजा करना अच्छा माना जाता है. इसलिए इसकी खरीदारी करने आएं हैं"- सरीता देवी, निवासी दौलतपुर मसौढ़ी

25 मार्च से शुरू हो रहा चैती छठ : आपको बता दें कि 25 मार्च यानी शनिवार से नहाए खाए के साथ चार दिवसीय अनुष्ठान लोक आस्था का महापर्व चैती छठ की शुरुआत हो रही है. बाजारों में छठ व्रत करने वालों की भीड़ उमड़ी हुई है खास का टोकरी और सूप लेने के लिए लोगों की होड़ मची हुए है, क्योंकि बांस से बनी टोकरी और हो सुख समृद्धि और वंश के प्रतीक माना जाता है इसलिए छठ में इसकी खास मान्यता होती है.

चैती छठ में बांस की बनी टोकरी के लिए उमड़ी लोगों की भीड़

पटनाः बिहार के मसौढ़ी में इन दिनों महिलाएं और पुरूष चैती छठ की तैयारी में लगें है. चैती छठ खासकर ग्रामीण इलाकों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. खासकर यह उस वक्त होता है जब खेतों में लगे हुए फसल की कटनी हो जाती है, जिस वजह से किसानों के बीच काफी खुशी का माहौल होता है. मसौढ़ी के बाजारों में छठ पर्व को लेकर सूप, टोकरी, फल खरीदने के लिए भीड़ उमड़ी है. टोकरी बाजारों में बहुत ज्यादा भीड़ दिख रही है.

ये भी पढ़ेंः पटना में चैती छठ की तैयारी शुरू, घाटों की साफ-सफाई में जुटे मजदूर

शुद्धता का प्रतीक है बांस की टोकरीः दरअसल किसान और मजदूर वर्ग के लोग प्रत्येक वर्ष चैती छठ काफी हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं और लाखों की संख्या में हर छठ घाटों पर भीड़ उमड़ती है. पौराणिक मान्यता के अनुसार बांस से बनी टोकरी और छठ पर्व के लिए काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं क्योंकि यह एक शुद्धता का प्रतीक होता है और के साथ ही यह भी कहा जाता है कि जिस तरह बांस मिट्टी में बिना रुकावट के आगे बढ़ता है. उसी तरह वंश वृद्धि के लिए यह एक प्रतीक माना जाता है, इसलिए छठ पर्व में इसका खास महत्व होता है.

"घर परिवार के सुखी जीवन और वंश वृद्धि के लिए ये छठ करते हैं. घर में सुख समृद्धि हो इसी के लिए छठ किया जाता है. छठ में बांस की टोकरी और सूप से पूजा करना अच्छा माना जाता है. इसलिए इसकी खरीदारी करने आएं हैं"- सरीता देवी, निवासी दौलतपुर मसौढ़ी

25 मार्च से शुरू हो रहा चैती छठ : आपको बता दें कि 25 मार्च यानी शनिवार से नहाए खाए के साथ चार दिवसीय अनुष्ठान लोक आस्था का महापर्व चैती छठ की शुरुआत हो रही है. बाजारों में छठ व्रत करने वालों की भीड़ उमड़ी हुई है खास का टोकरी और सूप लेने के लिए लोगों की होड़ मची हुए है, क्योंकि बांस से बनी टोकरी और हो सुख समृद्धि और वंश के प्रतीक माना जाता है इसलिए छठ में इसकी खास मान्यता होती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.