पटना: बिहार में पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban) के बावजूद अवैध शराब के कारोबार (Illegal Liquor Business) में संलिप्त हजारों लोग जेलों में बंद हैं. अवैध शराब कारोबारियों के पास से बरामद हजारों गाड़ियों की नीलामी भी जिला परिवहन विभाग (District Transport Department) के द्वारा की गई. हाल के दिनों में अवैध शराब के कारोबार में पकड़ी गई गाड़ियों को नीलामी में खरीदने वालों को अब रजिस्ट्रेशन नंबर लेने में पसीने छूटते नजर आ रहे हैं.
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पटना डीटीओ कार्यालय में रोजाना दर्जनों लोग नीलामी में खरीदी गई गाड़ियों के नए रजिस्ट्रेशन के लिए कतार में लगे नजर आते हैं. हालांकि, कई दिनों से चक्कर लगाने के बाद भी इन वाहन मालिकों की गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है. नीलामी में खरीदे गए वाहनों के मालिक कहते हैं कि हालात ये हैं कि कई महीने पहले नीलामी में उन लोगों ने वाहनों की खरीद की थी. गाड़ी खरीद के कई महीने बीत जाने के बाद भी वो नए रजिस्ट्रेशन नंबर के लिए डीटीओ ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं.
गौरतलब है कि अवैध शराब के कारोबार में पकड़ी गई गाड़ियों को पटना जिला परिवहन विभाग के द्वारा नीलाम किया जाता है और नीलामी के बाद इन गाड़ियों को 15 साल का एक नया रजिस्ट्रेशन नंबर प्रदान किया जाता है. किसी नए रजिस्ट्रेशन नंबर को लेकर पटना डीटीओ कार्यालय में रोजाना दर्जनों लोगों की भीड़ जमा रहती है.
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लोगों का कहना है कि लगातार पटना डीटीओ के बदल जाने से नीलामी में खरीदे गए वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है. हालात ये है कि परिवहन सचिव के द्वारा लिखित आदेश देने के बाद भी पटना डीटीओ इन गाड़ियों के नए रजिस्ट्रेशन नंबर जारी नहीं कर रहा है. इस कारण उनकी गाड़ियां घर में पड़े-पड़े हाथी का दांत साबित हो रही हैं.