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Opposition Unity: देश में होगा तीसरा गठबंधन..! PDA को लेकर सियासत तेज, 2024 में BJP को पटखनी देने की तैयारी... - Patriotic Democratic Alliance

देश में NDA, UPA के बाद तीसरा गठबंधन PDA को लेकर सियासत शुरू हो गई है. 23 जून को बिहार के पटना में हुई बैठक के बाद दूसरी बैठक शिमला में तय की गई है. इससे पहले ही गठबंधन का नाम भी सामने आ गया है. विपक्ष 2024 में भाजपा को पटखनी देने की तैयारी में जुट गया है. पढ़ें पूरी खबर...

PDA को लेकर सियासत तेज
PDA को लेकर सियासत तेज
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Published : Jun 26, 2023, 9:39 PM IST

Updated : Jun 26, 2023, 9:46 PM IST

PDA को लेकर सियासत तेज

पटनाः लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एक बार फिर विपक्षी पार्टिया गठबंधन के मुड में है. बिहार के पटना में 23 जून को विपक्षी एकता की बैठक के बाद महागठबंधन बनने की चर्चा है. इस गठबंधन का नाम भी तय कर लिया गया है. जुलाई में शिमला में होने वाली बैठक में PDA (Patriotic Democratic Alliance) नामक गठबंधन पर मुहर लग जाएगी. इसके बाद देश की विपक्षी पार्टी एक होकर भाजपा को चुनौती देने का काम करेंगे.

यह भी पढ़ेंः Bihar News: NDA के सामने PDA, विपक्षी महागठबंधन का नया नाम तय, शिमला में होगी घोषणा

23 जून को पटना में बैठक होने के बाद से बिहार में सिसायत तेज हो गई है. अभी दूसरी बैठक शिमला में होने वाली है, इसी बीच महागठबंधन का नाम भी सामने आने के बाद से भाजपा के नेता लगातार विपक्ष पर निशाना साध रहे हैं. बता दें कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी नेता डी राजा ने एनडीए से मुकाबले के लिए पीडीए का नाम सुझाया है. हालांकि इस नाप पर मुहर लगना बाकी है.

Patriotic Democratic Alliance
Patriotic Democratic Alliance

पीडीए के नाम पर भड़की BJP: इधर, विपक्ष के महागठबंधन को लेकर भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह ने निशाना साधा है. पीडीए नाम पर विपक्ष को घेरते हुए कहा कि पीडीए का मतलब परिवारवादी डेमोक्रेटिक एलायंस है. तमाम वैसे दल पीडीए में शामिल हैं, जो परिवार वादी हैं. आने वाले दिनों में वैसे दल निश्चित तौर पर किनारे हो जाएंगे जो परिवारवादी या भ्रष्टाचारी नहीं है. शिमला बैठक में आपको यह देखने को मिलेगा.

"NDA राष्ट्रभक्त है, NDA से सबका साथ, सबका विकास है और PDA परिवारवादी डेमोक्रेटिक एलायंस है. इसमें सभी परिवारवाद वाले लोग शामिल हैं. PDA में पूरा नेहरू खानदान, मुलायम सिंह खानदान, लालू प्रसाद खानदान, शिबू सोरेन खानदान, ये सारे परिवारवादियों और भष्ट्राचारियों का गठबंधन है. इसमें जो परिवारवादी और भष्ट्रचारी नहीं हैं, वे शिमला के बैठक में शामिल नहीं होंगे." - अरविंद सिंह, प्रवक्ता, BJP

राजद ने पलटवार कियाः इधर भाजपा के बयान पर राजद ने पलटवार किया. राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि हम भाजपा को चुनौती देने के लिए तैयार हैं. तमाम दल एकजुट हो रहे हैं. शिमला में बैठक होगी और बैठक के दौरान तमाम बाधाएं दूर कर ली जाएगी. जहां तक नाम का सवाल है तो नाम पर भी आने वाले दिनों में सहमति बन जाएगी. जो मुझे परिवारवादी कह रहे हैं, उन्हें भी यह बताना चाहिए कि उनके दल में कितने नेताओं के पुत्र सत्ता सुख भोग रहे हैं.

"BJP को यह स्पष्ट करना चाहिए कि अमित शाह के पुत्र जय शाह, राजनाथ सिंह के पुत्र जयंत सिंह, सिंधिया परिवार, सीजी ठाकुर के पुत्र विवेक ठाकुर, आरके सिंन्हा के पुत्र ऋतिराज सिन्हा, क्या यह परिवारवाद के लोग नहीं है. ये लोग डर गए हैं. 23 की बैठक में सबकुछ तय हो चुका है. अगली बैठक में जो भी कमी है, उसे पूरा कर लिया जाएगा." -एजाज अहमद, प्रवक्ता, RJD

एक मजबूत ताकत बन रही हैः देश में नया गठबंधन को लेकर राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार ने भी अपनी राय दी है. उनका मानना है कि भाजपा राष्ट्र को सर्वोपरि मानती है और राष्ट्रवाद उनका मूल मंत्र है. भाजपा से दो-दो हाथ के लिए विपक्षी दलों ने भी पेट्रियोटिक शब्द का इस्तेमाल किया है. इस नाम पर सहमति बनती है या नहीं यह तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन विपक्षी दलों की कोशिश भाजपा को भाजपा के हथियार से ही काटने की है. जिस तरह से विपक्ष एक जुट हो रहे हैं, इससे साफ है कि एक मजबूत ताकत बन रही है.

"ताकत को रोकने के लिए तो एक मजबूत गठबंधन की जरूरत तो थी ही. अगर यह गठबंधन चुनाव के बाद होता है तो शायद भाजपा को रोकने में विपक्ष विफल हो जाएंगे. अगर गठबंधन बनानी ही है तो चुनाव के पहले बन जाना चाहिए. BJP के लिए राष्ट्रवाद एक टैग लाइन है. इसी राष्ट्रवाद को चैलेंज करने के लिए इन्होंने पेट्रियोटिक शब्द को लाया है." -डॉ. संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

1998 में बना NDA: NDA(National Democratic Alliance) यानि राष्ट्रीय जनतांत्रित गठबंधन(राजग) का गठन 1998 में करने की घोषणा की गई थी. जिसका संयोजन शरद यादव को बनाया गया था. यह पहला गठबंधन है, जो कांग्रेस की सरकार के विरोध में बना था, लेकिन यह एक साल बाद ही टूट गया. इसके बाद फिर इसके सदस्यों की संख्या बढ़ाकर 1999 में लोकसभा चुनाव नए सिरे से प्रयास किया गया. 1999 में सफलता मिली और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने. लेकिन 2004 में एक बार फिर कांग्रेस के समक्ष विपक्ष में बैठना पड़ा.

National Democratic Alliance
National Democratic Alliance

UPA का गठन 2004 में हुआः UPA(United Progressive Alliance) यानि संयुक्त प्रगतिशील गठबन्धन, जिसे कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2004 में जीत के बाद स्थापित किया. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को चेयरपर्सन बनाया गया था और डॉ. मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया गया था. UPA में मनमोहन सिंह दो बार प्रधानमंत्री बने थे. UPA के अध्यक्ष वर्तमान में सोनिया गांधी हैं. इसके देश में अब भाजपा के विरोध में तीसरा गठबंधन भी होने जा रहा है, जिसका नाम PDA(Patriotic Democratic Alliance) सामने आया है, जिसके लिए अभी अधिकारिक घोषणा होना बांकी है.

United Progressive Alliance
United Progressive Alliance

तीसरा गठबंधन PDA: देश में राजनीतिक गठबंधन की बात करें तो अब तक NDA और UPA ही था, लेकिन अब तीसरा गठबंधन PDA भी चर्चा में है, जो शिमला में जुलाई में होने वाली विपक्ष की बैठक में इसपर मुहर लग जाएगी. हालांकि इसको लेकर संशय है, क्यों कि UPA भी भाजपा सरकार के विपक्ष में गठबंधन ही हैं, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि PDA बनाया जाएगा.

PDA को लेकर सियासत तेज

पटनाः लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एक बार फिर विपक्षी पार्टिया गठबंधन के मुड में है. बिहार के पटना में 23 जून को विपक्षी एकता की बैठक के बाद महागठबंधन बनने की चर्चा है. इस गठबंधन का नाम भी तय कर लिया गया है. जुलाई में शिमला में होने वाली बैठक में PDA (Patriotic Democratic Alliance) नामक गठबंधन पर मुहर लग जाएगी. इसके बाद देश की विपक्षी पार्टी एक होकर भाजपा को चुनौती देने का काम करेंगे.

यह भी पढ़ेंः Bihar News: NDA के सामने PDA, विपक्षी महागठबंधन का नया नाम तय, शिमला में होगी घोषणा

23 जून को पटना में बैठक होने के बाद से बिहार में सिसायत तेज हो गई है. अभी दूसरी बैठक शिमला में होने वाली है, इसी बीच महागठबंधन का नाम भी सामने आने के बाद से भाजपा के नेता लगातार विपक्ष पर निशाना साध रहे हैं. बता दें कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी नेता डी राजा ने एनडीए से मुकाबले के लिए पीडीए का नाम सुझाया है. हालांकि इस नाप पर मुहर लगना बाकी है.

Patriotic Democratic Alliance
Patriotic Democratic Alliance

पीडीए के नाम पर भड़की BJP: इधर, विपक्ष के महागठबंधन को लेकर भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह ने निशाना साधा है. पीडीए नाम पर विपक्ष को घेरते हुए कहा कि पीडीए का मतलब परिवारवादी डेमोक्रेटिक एलायंस है. तमाम वैसे दल पीडीए में शामिल हैं, जो परिवार वादी हैं. आने वाले दिनों में वैसे दल निश्चित तौर पर किनारे हो जाएंगे जो परिवारवादी या भ्रष्टाचारी नहीं है. शिमला बैठक में आपको यह देखने को मिलेगा.

"NDA राष्ट्रभक्त है, NDA से सबका साथ, सबका विकास है और PDA परिवारवादी डेमोक्रेटिक एलायंस है. इसमें सभी परिवारवाद वाले लोग शामिल हैं. PDA में पूरा नेहरू खानदान, मुलायम सिंह खानदान, लालू प्रसाद खानदान, शिबू सोरेन खानदान, ये सारे परिवारवादियों और भष्ट्राचारियों का गठबंधन है. इसमें जो परिवारवादी और भष्ट्रचारी नहीं हैं, वे शिमला के बैठक में शामिल नहीं होंगे." - अरविंद सिंह, प्रवक्ता, BJP

राजद ने पलटवार कियाः इधर भाजपा के बयान पर राजद ने पलटवार किया. राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि हम भाजपा को चुनौती देने के लिए तैयार हैं. तमाम दल एकजुट हो रहे हैं. शिमला में बैठक होगी और बैठक के दौरान तमाम बाधाएं दूर कर ली जाएगी. जहां तक नाम का सवाल है तो नाम पर भी आने वाले दिनों में सहमति बन जाएगी. जो मुझे परिवारवादी कह रहे हैं, उन्हें भी यह बताना चाहिए कि उनके दल में कितने नेताओं के पुत्र सत्ता सुख भोग रहे हैं.

"BJP को यह स्पष्ट करना चाहिए कि अमित शाह के पुत्र जय शाह, राजनाथ सिंह के पुत्र जयंत सिंह, सिंधिया परिवार, सीजी ठाकुर के पुत्र विवेक ठाकुर, आरके सिंन्हा के पुत्र ऋतिराज सिन्हा, क्या यह परिवारवाद के लोग नहीं है. ये लोग डर गए हैं. 23 की बैठक में सबकुछ तय हो चुका है. अगली बैठक में जो भी कमी है, उसे पूरा कर लिया जाएगा." -एजाज अहमद, प्रवक्ता, RJD

एक मजबूत ताकत बन रही हैः देश में नया गठबंधन को लेकर राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार ने भी अपनी राय दी है. उनका मानना है कि भाजपा राष्ट्र को सर्वोपरि मानती है और राष्ट्रवाद उनका मूल मंत्र है. भाजपा से दो-दो हाथ के लिए विपक्षी दलों ने भी पेट्रियोटिक शब्द का इस्तेमाल किया है. इस नाम पर सहमति बनती है या नहीं यह तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन विपक्षी दलों की कोशिश भाजपा को भाजपा के हथियार से ही काटने की है. जिस तरह से विपक्ष एक जुट हो रहे हैं, इससे साफ है कि एक मजबूत ताकत बन रही है.

"ताकत को रोकने के लिए तो एक मजबूत गठबंधन की जरूरत तो थी ही. अगर यह गठबंधन चुनाव के बाद होता है तो शायद भाजपा को रोकने में विपक्ष विफल हो जाएंगे. अगर गठबंधन बनानी ही है तो चुनाव के पहले बन जाना चाहिए. BJP के लिए राष्ट्रवाद एक टैग लाइन है. इसी राष्ट्रवाद को चैलेंज करने के लिए इन्होंने पेट्रियोटिक शब्द को लाया है." -डॉ. संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

1998 में बना NDA: NDA(National Democratic Alliance) यानि राष्ट्रीय जनतांत्रित गठबंधन(राजग) का गठन 1998 में करने की घोषणा की गई थी. जिसका संयोजन शरद यादव को बनाया गया था. यह पहला गठबंधन है, जो कांग्रेस की सरकार के विरोध में बना था, लेकिन यह एक साल बाद ही टूट गया. इसके बाद फिर इसके सदस्यों की संख्या बढ़ाकर 1999 में लोकसभा चुनाव नए सिरे से प्रयास किया गया. 1999 में सफलता मिली और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने. लेकिन 2004 में एक बार फिर कांग्रेस के समक्ष विपक्ष में बैठना पड़ा.

National Democratic Alliance
National Democratic Alliance

UPA का गठन 2004 में हुआः UPA(United Progressive Alliance) यानि संयुक्त प्रगतिशील गठबन्धन, जिसे कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2004 में जीत के बाद स्थापित किया. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को चेयरपर्सन बनाया गया था और डॉ. मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया गया था. UPA में मनमोहन सिंह दो बार प्रधानमंत्री बने थे. UPA के अध्यक्ष वर्तमान में सोनिया गांधी हैं. इसके देश में अब भाजपा के विरोध में तीसरा गठबंधन भी होने जा रहा है, जिसका नाम PDA(Patriotic Democratic Alliance) सामने आया है, जिसके लिए अभी अधिकारिक घोषणा होना बांकी है.

United Progressive Alliance
United Progressive Alliance

तीसरा गठबंधन PDA: देश में राजनीतिक गठबंधन की बात करें तो अब तक NDA और UPA ही था, लेकिन अब तीसरा गठबंधन PDA भी चर्चा में है, जो शिमला में जुलाई में होने वाली विपक्ष की बैठक में इसपर मुहर लग जाएगी. हालांकि इसको लेकर संशय है, क्यों कि UPA भी भाजपा सरकार के विपक्ष में गठबंधन ही हैं, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि PDA बनाया जाएगा.

Last Updated : Jun 26, 2023, 9:46 PM IST
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