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बीजेपी गंभीर मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए बिहार में बना रही आतंक का वातावरण: राजद

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Published : Jul 19, 2022, 6:37 PM IST

बिहार में आतंकवाद का मुद्दा (issue of terrorism) राजनीति का केन्द्र बन रहा है. विपक्षी दल राजद (Opposition party RJD) ने इसे लेकर बीजेपी पर हमला बोला है. पार्टी का कहना है कि गंभीर मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बिहार में आतंक का वातावरण बनाया जा रहा है.

राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन
तेजस्वी यादव

पटना : राजद के पार्टी प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि बिहार में महंगाई और बेरोजगारी (inflation and unemployment in Bihar) जैसे गंभीर मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए प्रायोजित तरीके से बिहार में आतंक का‌ वातावरण (atmosphere of terror in bihar) बनाया जा रहा है. आजादी के बाद पहली बार अनाज पर भी टैक्स (tax on grain) लगाया गया है, जिसका‌ सीधा असर गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों पर पड़ने जा रहा है. यही स्थिति बेरोजगारी को लेकर है. रोजगार के अवसर लगाकर घटते जा रहे हैं. इससे बड़ी बात और क्या होगी कि भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी अनाजों पर लगाए गए टैक्स को सही ठहराने के लिए निर्लज्जतापूर्वक तर्कहीन बयान दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें: - बिहार टेरर मॉड्यूल : पकड़ा गया 3 नाम वाला शख्स, 'गजवा-ए-हिंद' ग्रुप का पाकिस्तान-बांग्लादेश कनेक्शन

राजद प्रवक्ता ने कहा कि सुशील मोदी ने कहा है कि जिस जीएसटी काउंसिल की बैठक में अनाजों पर टैक्स लगाने का‌ निर्णय हुआ है उसमें कांग्रेस, टीएमसी और सीपीएम सरकार के वित्त मंत्री भी शामिल थे. इतने दिनों तक मंत्री, विधायक और सांसद रहने वाले सुशील मोदी को यह भी नहीं पता है कि ऐसी बैठकों में निर्णय बहुमत से लिया जाता है और केन्द्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल में बहुमत केंद्र सरकार के पक्ष में है.



प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि अपने राजनीतिक अवसान के इस काल में सुशील मोदी को थोथी दलील देने की आदत से बाज आनी चाहिए. सरकार की ओर से लगाए गए इस टैक्स से ध्यान भटकाने के लिए सुनियोजित तरीके से बिहार में आतंकवाद का हौवा खड़ा किया जा रहा है‌, जिसका‌ दुष्प्रभाव अब‌ बिहार जैसे धार्मिक सहिष्णु प्रदेश में धार्मिक उन्माद के रूप में दिखाई भी पड़ने लगा है. यदि इसमें सच्चाई है तो‌ इसके लिए पूरी तरह से गृह विभाग दोषी है और नैतिकता के आधार पर गृह मंत्री को अपनी नाकामी स्वीकारते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए.

ये भी पढ़े :- VIDEO : PFI कनेक्शन में गिरफ्तार नुरुद्दीन जंगी के साथ पुलिस वाले सत्तू पार्टी करते नजर आए


खाद्य पदार्थों पर लगा है GST : आजादी के बाद पहली बार अनाज पर जीएसटी लगाया गया है. साथ ही दूध से बने कई पदार्थ पर जीएसटी लगाया गया है. गौरतलब है कि पैकेटबंद और लेबल वाले खाद्य पदार्थ मसलन आटा, दालें और अनाज सोमवार से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में आ गए हैं. इनके 25 किलोग्राम से कम वजन के पैक पर पांच प्रतिशत जीएसटी लागू हो गया है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी उन उत्पादों पर लगेगा, जिनकी आपूर्ति पैकेटबंद सामग्री के रूप में की जा रही है. हालांकि, इन पैकेटबंद सामान का वजन 25 किलोग्राम से कम होना चाहिए. दही और लस्सी जैसे पदार्थों के लिए यह सीमा 25 लीटर है.

पटना : राजद के पार्टी प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि बिहार में महंगाई और बेरोजगारी (inflation and unemployment in Bihar) जैसे गंभीर मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए प्रायोजित तरीके से बिहार में आतंक का‌ वातावरण (atmosphere of terror in bihar) बनाया जा रहा है. आजादी के बाद पहली बार अनाज पर भी टैक्स (tax on grain) लगाया गया है, जिसका‌ सीधा असर गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों पर पड़ने जा रहा है. यही स्थिति बेरोजगारी को लेकर है. रोजगार के अवसर लगाकर घटते जा रहे हैं. इससे बड़ी बात और क्या होगी कि भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी अनाजों पर लगाए गए टैक्स को सही ठहराने के लिए निर्लज्जतापूर्वक तर्कहीन बयान दे रहे हैं.

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राजद प्रवक्ता ने कहा कि सुशील मोदी ने कहा है कि जिस जीएसटी काउंसिल की बैठक में अनाजों पर टैक्स लगाने का‌ निर्णय हुआ है उसमें कांग्रेस, टीएमसी और सीपीएम सरकार के वित्त मंत्री भी शामिल थे. इतने दिनों तक मंत्री, विधायक और सांसद रहने वाले सुशील मोदी को यह भी नहीं पता है कि ऐसी बैठकों में निर्णय बहुमत से लिया जाता है और केन्द्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल में बहुमत केंद्र सरकार के पक्ष में है.



प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि अपने राजनीतिक अवसान के इस काल में सुशील मोदी को थोथी दलील देने की आदत से बाज आनी चाहिए. सरकार की ओर से लगाए गए इस टैक्स से ध्यान भटकाने के लिए सुनियोजित तरीके से बिहार में आतंकवाद का हौवा खड़ा किया जा रहा है‌, जिसका‌ दुष्प्रभाव अब‌ बिहार जैसे धार्मिक सहिष्णु प्रदेश में धार्मिक उन्माद के रूप में दिखाई भी पड़ने लगा है. यदि इसमें सच्चाई है तो‌ इसके लिए पूरी तरह से गृह विभाग दोषी है और नैतिकता के आधार पर गृह मंत्री को अपनी नाकामी स्वीकारते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए.

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खाद्य पदार्थों पर लगा है GST : आजादी के बाद पहली बार अनाज पर जीएसटी लगाया गया है. साथ ही दूध से बने कई पदार्थ पर जीएसटी लगाया गया है. गौरतलब है कि पैकेटबंद और लेबल वाले खाद्य पदार्थ मसलन आटा, दालें और अनाज सोमवार से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में आ गए हैं. इनके 25 किलोग्राम से कम वजन के पैक पर पांच प्रतिशत जीएसटी लागू हो गया है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी उन उत्पादों पर लगेगा, जिनकी आपूर्ति पैकेटबंद सामग्री के रूप में की जा रही है. हालांकि, इन पैकेटबंद सामान का वजन 25 किलोग्राम से कम होना चाहिए. दही और लस्सी जैसे पदार्थों के लिए यह सीमा 25 लीटर है.

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