पटना: अगर व्यक्ति में इच्छाशक्ति मजबूत हो तो कामयाबी उसके कदम चूमती है. इसी तरह की कहावत को राजधानी पटना की रहने वाली दो बेटियों ने चरितार्थ किया है. राजधानी पटना के सेंट जेवियर हाई स्कूल में पढ़ने वाली 2 बहनों, 16 वर्षीय रक्षिका राजेश और 14 वर्षिय आयुश्री ने राष्ट्रीय स्तर पर ताइक्वांडो खेल में गोल्ड लेकर बिहार का मान सम्मान बढ़ाया है. दोनों बहने अपने माता पिता के साथ-साथ बिहार का भी नाम ताइक्वांडो खेल कर रौशन कर रही है. शहर के राजेंद्र नगर इलाके के रहने वाले राजेश कुमार वर्मा पेशे से सरकारी डॉक्टर है. इनकी तीन बेटियां है और तीनों को ताइक्वांडो में महारत हासिल है.
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मां ने आत्मनिर्भर बनाने के लिए करवाया था एडमिशन
ताइक्वांडो खिलाड़ी रक्षिका राजेश और आयुश्री की मां अंजना वर्मा एक हाउसवाइफ है. हाउस वाइफ होने के साथ-साथ उन्हें पढ़ाई में काफी दिलचस्पी है. वे अपनी बेटियों के ताइक्वांडो खेलने को लेकर कहती हैं कि यह सेल्फ डिफेंस के साथ-साथ आत्मनिर्भर बनाता है. आज के दौर में इसकी काफी जरूरत है. इससे लड़कियां अपनी सुरक्षा खुद कर सकती है. वे कहती हैं कि यहीं सोचकर उन्होंने अपनी बेटियों को ताइक्वांडो सिखाना शुरू किया. वे बताती हैं कि शुरुआती दिनों में रक्षिका और आयुश्री को थोड़ी सी परेशानी हुई, लेकिन बाद में वे इसे एन्जॉय करने लगीं. अंजना वर्मा ने अपनी बेटियों को मार्शल आर्ट के जरिए आत्मनिर्भर बनाने के लिए 2009 से ही ताइक्वांडो के लिए एडमिशन करवा दिया था. उसी समय से दोनों को कोच अमरेंद्र कुमार लगातार ट्रेंनिंग देते रहे.
दोनों बहनों का करियर कुछ ऐसा रहा है...
रक्षिका के लिए सीखे गए गुर का टेस्ट 2015 में पहली बार हुआ जब बेगूसराय जिले में आयोजित राज्य स्तरीय ताइक्वांडो खेल में इनको हार का सामना करना पड़ा. लेकिन इस हार ने इन्हें और मजबूत किया. संघर्ष जारी रहा और फिर 2016 में रक्षिका ने राज्य स्तर की प्रतियोंगिता में गोल्ड मेडल जीत लिया. इसके बाद फिर 2016-17 में राष्ट्रीय स्तर पर आगरा में आयोजित ताइक्वांडो में सिलवर मिला, 2019 में दिल्ली में आयोजित ताइक्वांडो में गोल्ड लाकर रक्षिका ने अपने माता-पिता का मान सम्मान बढ़ाया.
बात अयुश्री की करें तो 2015 में अपने पहले ही मुकाबले में वे जिला स्तर की प्रतियोगिता में गोल्ड जीतकर आईं. उसके बाद राज्य स्तर पर भी गोल्ड उन्हें मिला. लेकिन 2017—18 में अयुश्री को हैदराबाद में हार का मुंह देखना पड़ा. लेकिन इन दोनों बहनों का हौसला बुलंद है और यह अपने देश का नाम रोशन करना चाहती है और इसके लिए लगातार संघर्ष कर रही हैं.
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सीएम कर चुके हैं सम्मानित
बता दें कि दोनों बहनों को बिहार सरकार द्वारा सम्मानित भी किया गया है, 11 फरवरी 2021 को बिहार सरकार द्वारा प्रशस्ति पत्र और नगद राशि देकर इनको सम्मान किया गया था. इसके अलावा इन दोनों बहनों को बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रशाद भी सम्मानित कर चुके है.