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पलामू से हुई थी पटना सीरियल ब्लास्ट में मौत की सजा पाये नोमान गिरफ्तारी

पटना सीरियल ब्लास्ट में फांसी की सजा पाये नोमान और उसके एक साथी को एनआईए की टीम ने पलामू से गिरफ्तार किया था. ये दोनों पहचान बदल कर रह रहे थे.

पटना सीरियल ब्लास्ट
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Published : Nov 1, 2021, 7:41 PM IST

पलामू: पटना सीरियल ब्लास्ट (Patna Serial Blasts) मामले में एनआईए कोर्ट ने 9 दोषियों को सोमवार को सजा सुनाई. ब्लास्ट के मौत सजा पाये नोमान और उसके एक साथी तौफीक को पलामू से 2014 में गिरफ्तार किया गया था. नोमान को एनआईए कोर्ट (NIA Court) ने फांसी की सजा सुनाई है. दोनों पलामू में लंबे वक्त तक पहचान बदलकर रह रहे थे. दोनों के पास बड़ी संख्या में फर्जी वोटर आईडी बरामद हुए थे. एनआईए के अधिकारियों को जानकारी मिली थी कि नोमान और तौफिक पलामू में अपना ठिकाना बनाए हुए हैं. इसी सूचना के आलोक में एनआईए और पलामू पुलिस की टीम ने 21 मई 2014 को मेदिनीनगर बारालोटा के शंकर लॉज में छापेमारी कर दोनों को गिरफ्तार किया था.

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नोमान और तौफीक ने बारालोटा के शंकर लॉज में बिना खिड़की वाले कमरे को किराये पर लिया था. कमरे में पंखा तक नहीं था. मई के महीने में भीषण गर्मी पड़ती है, इस गर्मी में भी दोनों कमरे से बाहर नहीं निकलते थे. उस दौरान एनआईए और पुलिस ने नोमान के पास से 11 फर्जी वोटर आईडी बरामद किए थे. दोनों पलामू में तीन महीने तक नाम बदल कर रह रहे थे. दोनों सिर्फ मेदनीनगर के छह मुहाना बाजार के इलाके में जाते थे. दोनों का स्थानीय लोगों से कोई संबंध नहीं. अपने आप को छात्र बता कर लॉज को किराए पर लिया था.

दोनों पलामू में अपना ठिकाना बदलने वाले थे. इससे पहले ही पुलिस की टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था. पटना ब्लास्ट के मुख्य आरोपी में से एक मजीबुल्ला ने पलामू में पहले रेकी की था. उसके बाद नोमान और तौफिक पलामू पंहुचे थे. उस दौरान एनआईए को दोनों का भागने का ट्रेन का टिकट मिला था. दोनों ने अलग-अलग नाम से महाबोधि एक्सप्रेस में बुकिंग करवाई थी. नोमान दिल्ली भागने वाला था. 24 मई को उसकी महाबोधि एक्सप्रेस में बुकिंग थी. लेकिन के 21 मई को ही वह गिरफ्तार हो गया. नोमान ने ए. कुमार के नाम से ट्रेन की टिकट बुक करवाई थी. दोनों के पास इस दौरान पुलिस ने प्रवीण तोगड़िया, अशोक सिंघल, उमा भारती, अश्विनी चौबे समेत संघ और वीएचपी के कई टॉप नेताओं की फोटो मिली थी.

ये भी पढ़ें- पटना सीरियल ब्लास्टः 8 साल बाद मिला इंसाफ, फैसला सुनकर मृतकों के परिजन बोले अब मिली शांति

पलामू: पटना सीरियल ब्लास्ट (Patna Serial Blasts) मामले में एनआईए कोर्ट ने 9 दोषियों को सोमवार को सजा सुनाई. ब्लास्ट के मौत सजा पाये नोमान और उसके एक साथी तौफीक को पलामू से 2014 में गिरफ्तार किया गया था. नोमान को एनआईए कोर्ट (NIA Court) ने फांसी की सजा सुनाई है. दोनों पलामू में लंबे वक्त तक पहचान बदलकर रह रहे थे. दोनों के पास बड़ी संख्या में फर्जी वोटर आईडी बरामद हुए थे. एनआईए के अधिकारियों को जानकारी मिली थी कि नोमान और तौफिक पलामू में अपना ठिकाना बनाए हुए हैं. इसी सूचना के आलोक में एनआईए और पलामू पुलिस की टीम ने 21 मई 2014 को मेदिनीनगर बारालोटा के शंकर लॉज में छापेमारी कर दोनों को गिरफ्तार किया था.

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नोमान और तौफीक ने बारालोटा के शंकर लॉज में बिना खिड़की वाले कमरे को किराये पर लिया था. कमरे में पंखा तक नहीं था. मई के महीने में भीषण गर्मी पड़ती है, इस गर्मी में भी दोनों कमरे से बाहर नहीं निकलते थे. उस दौरान एनआईए और पुलिस ने नोमान के पास से 11 फर्जी वोटर आईडी बरामद किए थे. दोनों पलामू में तीन महीने तक नाम बदल कर रह रहे थे. दोनों सिर्फ मेदनीनगर के छह मुहाना बाजार के इलाके में जाते थे. दोनों का स्थानीय लोगों से कोई संबंध नहीं. अपने आप को छात्र बता कर लॉज को किराए पर लिया था.

दोनों पलामू में अपना ठिकाना बदलने वाले थे. इससे पहले ही पुलिस की टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था. पटना ब्लास्ट के मुख्य आरोपी में से एक मजीबुल्ला ने पलामू में पहले रेकी की था. उसके बाद नोमान और तौफिक पलामू पंहुचे थे. उस दौरान एनआईए को दोनों का भागने का ट्रेन का टिकट मिला था. दोनों ने अलग-अलग नाम से महाबोधि एक्सप्रेस में बुकिंग करवाई थी. नोमान दिल्ली भागने वाला था. 24 मई को उसकी महाबोधि एक्सप्रेस में बुकिंग थी. लेकिन के 21 मई को ही वह गिरफ्तार हो गया. नोमान ने ए. कुमार के नाम से ट्रेन की टिकट बुक करवाई थी. दोनों के पास इस दौरान पुलिस ने प्रवीण तोगड़िया, अशोक सिंघल, उमा भारती, अश्विनी चौबे समेत संघ और वीएचपी के कई टॉप नेताओं की फोटो मिली थी.

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