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पटना के प्राइवेट अस्पताल में दुष्कर्म मामला : CCTV फुटेज खंगाल रही पुलिस, ICU में एडमिट मरीजों से भी पूछताछ

एक निजी अस्पताल में महिला से दुष्कर्म की कोशिश करने के आरोप के बाद पुलिस एक्टिव हो गई है. शास्त्री नगर थाने की पुलिस जांच करने पहुंची. आईसीयू में एडमिट मरीजों से भी पूछताछ की गयी. एसआई स्मिता कुमारी ने इसके लिए एक टीम गठित करने को लेकर पटना डीएम को पत्र भी लिखा है. पढ़ें रिपोर्ट...

शास्त्री नगर थाना
शास्त्री नगर थाना
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Published : May 22, 2021, 12:03 PM IST

Updated : May 22, 2021, 1:31 PM IST

पटना: शनिवार की सुबह शास्त्री नगर थाने की पुलिस पटना के एक निजी अस्पताल में पहुंची. पुलिस ने अस्पताल के आईसीयू में मौजूद सभी 10 कर्मियों से पूछताछ की. इसके साथ ही इस आईसीयू में घटना के दिन से भर्ती मरीजों से भी पूछताछ की गयी. बता दें कि पटना के इसी निजी अस्पताल में एक महिला से दुष्कर्म की कोशिश का आरोप लगा था. इस मामले को लेकर केस दर्ज हुआ था. अब पुलिस जांच में जुटी है.

यह भी पढ़ें- पटना: निजी अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में FIR, CCTV खंगालने में जुटी पुलिस

टीम गठित करन की मांग
इस पूरे मामले की जांच शास्त्री नगर थाने की एसआई स्मिता कुमारी कर रही हैं. उन्होंने पूछताछ के बाद अस्पताल के आईसीयू में भर्ती पुराने मरीजों और उनके परिजनों से भी इस पूरे मामले की जानकारी ली. स्मिता कुमारी ने अस्पताल प्रबंधन से भी इस पूरे मामले को लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. स्मिता कुमारी ने इस मामले की जांच के लिए पटना के जिलाधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर को एक टीम गठित करने को लेकर पत्र भी लिखा है.

क्या है पूरा मामला?
राजधानी के एक बड़े निजी अस्पताल के आईसीयू में कोरोना से जंग लड़ रही महिला से दुर्व्यवहार का आरोप लगाया गया था. महिला की बेटी के आरोप के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया था. घटना की सूचना के बाद शास्त्रीनगर थाने की एक टीम अस्पताल पहुंची थी और महिला के परिजनों से पूछताछ की थी.

इस बारे में महिला की बेटी का कहना था कि सोमवार को जब मैं अस्पताल पहुंची, तो मां ने इशारों में बताया कि उसके साथ रविवार की रात गलत काम हुआ है. रात में मेरे घर जाने के बाद आईसीयू में 3 से 4 लोग घुस गए और मेरी मां के साथ इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया.

जांच के लिए की थी पैरवी
राष्ट्रीय महिला आयोग ने महिला कोविड मरीज से कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की घटना की समयबद्ध जांच की पैरवी की थी. राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने बिहार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा था कि वे इस मामले का संज्ञान लें और जिला पुलिस अधिकारियों एवं अस्पताल को उचित दिशा-निर्देश दें. आयोग ने एक बयान में कहा कि महामारी के दौरान अस्पतालों में महिलाओं के साथ हो रहे अपराध को लेकर वह चिंतित हैं.

यह भी पढ़ें- ICU में गैंगरेप मामला: मौत के बाद पीड़िता की बेटी बोली- 'डर से थी चुप, अस्पताल पर चले मर्डर और दुष्कर्म का केस'

क्या कहना था अस्पताल प्रबंधन का?
अस्पताल प्रबंधन ने इस पूरे मामले को बेबुनियाद और झूठा बताया है. अस्‍पताल प्रशासन ने दावा किया था कि इस महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. वह बार-बार मेडिकल उपकरणों को निकाल देती है. जिस वार्ड में महिला का इलाज हो रहा है, वहां और भी कई मरीज भर्ती हैं. जैसा आरोप लगाया जा रहा है, वैसा कुछ वहां हो ही नहीं सकता.

अस्पताल प्रबंधन की ओर से पुलिस की जांच में हरसंभव सहयोग करने का दावा किया गया है. महिला की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा 1 लाख 60 हजार रुपये का माफ भी कर दिया गया था. फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की छानबीन में जुटी हुई है और मजिस्ट्रेट भी जिला प्रशासन के निर्देश पर अपने स्तर से जांच कर रहे हैं.

दर्ज किया गया है केस
राजधानी पटना में एक निजी अस्पताल में जिस कोरोना पीड़िता से दुष्कर्म की कोशिश का आरोप गया था, उसकी मौत हो गई है. अब मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मां की मौत के बाद बेटी ने इसे मर्डर करार देते हुए शास्त्रीनगर थाने में केस दर्ज कराया है. मृतका की बेटी के बयान पर धारा 166 बी, 354 और 136 धारा के तहत केस दर्ज किया गया है.

आंगनबाड़ी सेविका थी मृतका
जानकारी के अनुसार, मृतका आंगनबाड़ी सेविका थी और यह परिवार मूल रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा का रहने वाला है. बता दें कि मृतका की मौत के बाद निजी अस्पताल को बंद करवाने को लेकर सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया जा रहा है.

दोबारा शुरू हुई छानबीन
बेटी के आवेदन पर मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने छानबीन दोबारा शुरू कर दी है. बेटी के बयान को उस वक्त अस्पताल में मौजूद कर्मियों के बयान से मिलान किया जा रहा है. साथ ही पुलिस अस्पताल के सीसीटीवी को भी खंगाल रही है. पुलिस द्वारा छानबीन में पता चला है कि घटना वाली रात आईसीयू में 10 कर्मी तैनात थे. उनसे पूछताछ की जा रही है.

वहीं, पुलिस ने उस रात वार्ड में भर्ती मरीजों का पता और मोबाइल नंबर भी अस्पताल प्रशासन से लिया है. ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके. मिल रही जानकारी के अनुसार बदसलूकी और गलत इंजेक्शन देने के आरोप की अलग-अलग टीम बनाकर जांच कराई जाएगी.

यह भी पढ़ें- कोरोना पीड़िता से दुष्कर्म का मामला: न्यायिक जांच की मांग पर AISF का प्रदर्शन

यह भी पढ़ें- नोएडा की महिला से छेड़खानी मामला : पटना के राजेश्वरी हॉस्पिटल के खिलाफ जांच शुरू

यह भी पढ़ें- भागलपुर : महिला से छेड़छाड़ करने के आरोप में अस्पताल के वार्ड बॉय को पुलिस ने धरा

पटना: शनिवार की सुबह शास्त्री नगर थाने की पुलिस पटना के एक निजी अस्पताल में पहुंची. पुलिस ने अस्पताल के आईसीयू में मौजूद सभी 10 कर्मियों से पूछताछ की. इसके साथ ही इस आईसीयू में घटना के दिन से भर्ती मरीजों से भी पूछताछ की गयी. बता दें कि पटना के इसी निजी अस्पताल में एक महिला से दुष्कर्म की कोशिश का आरोप लगा था. इस मामले को लेकर केस दर्ज हुआ था. अब पुलिस जांच में जुटी है.

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टीम गठित करन की मांग
इस पूरे मामले की जांच शास्त्री नगर थाने की एसआई स्मिता कुमारी कर रही हैं. उन्होंने पूछताछ के बाद अस्पताल के आईसीयू में भर्ती पुराने मरीजों और उनके परिजनों से भी इस पूरे मामले की जानकारी ली. स्मिता कुमारी ने अस्पताल प्रबंधन से भी इस पूरे मामले को लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. स्मिता कुमारी ने इस मामले की जांच के लिए पटना के जिलाधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर को एक टीम गठित करने को लेकर पत्र भी लिखा है.

क्या है पूरा मामला?
राजधानी के एक बड़े निजी अस्पताल के आईसीयू में कोरोना से जंग लड़ रही महिला से दुर्व्यवहार का आरोप लगाया गया था. महिला की बेटी के आरोप के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया था. घटना की सूचना के बाद शास्त्रीनगर थाने की एक टीम अस्पताल पहुंची थी और महिला के परिजनों से पूछताछ की थी.

इस बारे में महिला की बेटी का कहना था कि सोमवार को जब मैं अस्पताल पहुंची, तो मां ने इशारों में बताया कि उसके साथ रविवार की रात गलत काम हुआ है. रात में मेरे घर जाने के बाद आईसीयू में 3 से 4 लोग घुस गए और मेरी मां के साथ इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया.

जांच के लिए की थी पैरवी
राष्ट्रीय महिला आयोग ने महिला कोविड मरीज से कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की घटना की समयबद्ध जांच की पैरवी की थी. राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने बिहार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा था कि वे इस मामले का संज्ञान लें और जिला पुलिस अधिकारियों एवं अस्पताल को उचित दिशा-निर्देश दें. आयोग ने एक बयान में कहा कि महामारी के दौरान अस्पतालों में महिलाओं के साथ हो रहे अपराध को लेकर वह चिंतित हैं.

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क्या कहना था अस्पताल प्रबंधन का?
अस्पताल प्रबंधन ने इस पूरे मामले को बेबुनियाद और झूठा बताया है. अस्‍पताल प्रशासन ने दावा किया था कि इस महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. वह बार-बार मेडिकल उपकरणों को निकाल देती है. जिस वार्ड में महिला का इलाज हो रहा है, वहां और भी कई मरीज भर्ती हैं. जैसा आरोप लगाया जा रहा है, वैसा कुछ वहां हो ही नहीं सकता.

अस्पताल प्रबंधन की ओर से पुलिस की जांच में हरसंभव सहयोग करने का दावा किया गया है. महिला की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा 1 लाख 60 हजार रुपये का माफ भी कर दिया गया था. फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की छानबीन में जुटी हुई है और मजिस्ट्रेट भी जिला प्रशासन के निर्देश पर अपने स्तर से जांच कर रहे हैं.

दर्ज किया गया है केस
राजधानी पटना में एक निजी अस्पताल में जिस कोरोना पीड़िता से दुष्कर्म की कोशिश का आरोप गया था, उसकी मौत हो गई है. अब मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मां की मौत के बाद बेटी ने इसे मर्डर करार देते हुए शास्त्रीनगर थाने में केस दर्ज कराया है. मृतका की बेटी के बयान पर धारा 166 बी, 354 और 136 धारा के तहत केस दर्ज किया गया है.

आंगनबाड़ी सेविका थी मृतका
जानकारी के अनुसार, मृतका आंगनबाड़ी सेविका थी और यह परिवार मूल रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा का रहने वाला है. बता दें कि मृतका की मौत के बाद निजी अस्पताल को बंद करवाने को लेकर सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया जा रहा है.

दोबारा शुरू हुई छानबीन
बेटी के आवेदन पर मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने छानबीन दोबारा शुरू कर दी है. बेटी के बयान को उस वक्त अस्पताल में मौजूद कर्मियों के बयान से मिलान किया जा रहा है. साथ ही पुलिस अस्पताल के सीसीटीवी को भी खंगाल रही है. पुलिस द्वारा छानबीन में पता चला है कि घटना वाली रात आईसीयू में 10 कर्मी तैनात थे. उनसे पूछताछ की जा रही है.

वहीं, पुलिस ने उस रात वार्ड में भर्ती मरीजों का पता और मोबाइल नंबर भी अस्पताल प्रशासन से लिया है. ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके. मिल रही जानकारी के अनुसार बदसलूकी और गलत इंजेक्शन देने के आरोप की अलग-अलग टीम बनाकर जांच कराई जाएगी.

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Last Updated : May 22, 2021, 1:31 PM IST
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