पटना: प्रदेश में 17 फरवरी से 3 मार्च के बीच 15 दिनों का आयुष्मान पखवाड़ा चल रहा है. इस दौरान 2011 के सामाजिक आर्थिक जनगणना के अनुसार जो लोग भी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभार्थी हैं, उनका गोल्डन कार्ड बनाया जाना है. गोल्डन कार्ड से 5 लाख तक का इलाज ऐसे लाभार्थियों का निशुल्क होना है. ऐसे में अगर राजधानी पटना के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच की बात करें तो, प्रदेश भर में पीएमसीएच पिछले कुछ महीनों से आयुष्मान योजना के लाभार्थियों की सूची में लगातार टॉप पर रह रहा है.
ये भी पढ़ें: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की स्वास्थ्य विभाग के कई कार्यक्रमों की शुरुआत
लाभार्थियों का गोल्डन कार्ड
पीएमसीएच के आयुष्मान योजना के नोडल पदाधिकारी डॉ. अजय अरुण ने बताया कि आयुष्मान योजना के लिए जो लाभार्थी हैं, उनमें से मात्र अभी तक 18% का ही गोल्डन कार्ड बन पाया है. ऐसे में सरकार की तरफ से आयुष्मान पखवाड़ा चलाया जा रहा है और लक्ष्य रखा गया है कि शत प्रतिशत लाभार्थियों का गोल्डन कार्ड बनाया जाए.
"सरकार का यह प्रयास है कि जो लोग भी आयुष्मान योजना के तहत लाभार्थी हैं, उनके साथ कभी ऐसी स्थिति ना उत्पन्न हो कि पैसे के अभाव में इलाज ना हो पा रहा हो. पीएमसीएच में आयुष्मान योजना का नोडल अधिकारी बने मुझे अभी 6 महीना ही हो रहे हैं और जब से नोडल अधिकारी बना हूं, तब से मेरा प्रयास है कि अधिक से अधिक आयुष्मान योजना के लाभार्थी यहां से लाभान्वित हो. पिछले तीन-चार महीनों से आयुष्मान योजना के तहत मरीजों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने और सबसे अधिक इस योजना पर काम करने के मामले में पीएमसीएच लगातार टॉप पर रह रहा है"- डॉ. अजय अरुण, नोडल पदाधिकारी
तकनीकी दिक्कत के कारण प्रॉब्लम
डॉ. अजय अरुण ने कहा कि जनवरी के महीने में 218 आयुष्मान योजना के लाभार्थी यहां से लाभान्वित हुए हैं और उनका निशुल्क इलाज हुआ है. लेकिन फरवरी के माह में आयुष्मान योजना के तहत अस्पताल में काफी कम काम हुए हैं और इसके पीछे सर्वर बहुत बड़ा कारण है. सर्वर में तकनीकी दिक्कत के कारण अभी कुछ प्रॉब्लम चल रहा है, जिसे कुछ दिनों में दुरुस्त कर दिया जाएगा.
ये भी पढ़ें: पटना के एक गोदाम में लगी आग, मौके पार तीन दमकल पहुंची
"पीएमसीएच में पिछले एक साल में लगभग 1500 से अधिक मरीज आयुष्मान योजना से लाभान्वित हो चुके हैं. पीएमसीएच में कोई मरीज एंट्री करता है तो रजिस्ट्रेशन काउंटर पर ही एक व्यक्ति बैठा होता है, जो यह जानकारी जुटाता है कि क्या मरीज आयुष्मान योजना के तहत लाभार्थी है या नहीं. अगर मरीज आयुष्मान योजना के तहत लाभार्थी है और उसका गोल्डन कार्ड नहीं बना है तो, निशुल्क अस्पताल में गोल्डन कार्ड बनता है और उसका इलाज होता है और अगर किसी मरीज का गोल्डन कार्ड घर पर ही छूट गया रहता है तो, राशन कार्ड या अन्य पहचान पत्र से डिटेल लेकर गोल्डन कार्ड जेनरेट कर दिया जाता है"- डॉ. अजय अरुण, नोडल पदाधिकारी
लाभार्थियों के लिए होता है निशुल्क
नोडल पदाधिकारी ने कहा कि कि अस्पताल में सार्वजनिक-निजी मोड पर एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड जैसे कुछ जांच होते हैं. जिसके लिए मरीज से कुछ नॉमिनल चार्जेस लिए जाते हैं. लेकिन आयुष्मान योजना के लाभार्थियों के लिए यह सब निशुल्क होता है. मरीज जब अस्पताल से डिस्चार्ज होते हैं तो, उन्हें अगले कुछ दिनों के लिए दवा भी निशुल्क दी जाती है.