पटना: राजधानी पटना में नगर निगम नाले की उड़ाही का काम 15 फरवरी से शुरू करने जा रहा है. बड़ी बात यह है कि इस बार नालों की सफाई मशीनों से और रोबोट से कराने की तैयारी की जा रही है. बड़े नाला और अंडर पास नाले की सफाई मशीनरी और रोबोट करेगा. छोटे बड़े नालों की सफाई पर निगम प्रशासन लगभग 6 से 8 करोड़ों रुपए खर्च होने का अनुमान तय किया है. निगम प्रशासन ने मई महीने में सभी बड़े ,छोटे नालों की सफाई का काम पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है.
2019 की तरह पटना शहर में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न ना हो. जिसको लेकर पटना नगर निगम अब हर साल नालों की सफाई पर विशेष ध्यान दे रखा है. मानसून आने से पहले सभी बड़े छोटे-नालों की सफाई निगम प्रशासन की तरफ से हर साल की जा रही है. 2020 की बात करें तो मार्च महीने में नालों की सफाई का कार्य शुरू हुआ था, लेकिन 2021 में 15 फरवरी से नाला उड़ाही का कार्य शुरू करने का फैसला लिया है.
इसको लेकर 31 जनवरी को स्टैंडिंग कमेटी की बैठक हुई थी. बैठक में मेयर ने फैसला लिया था कि 15 फरवरी से शहर के सभी बड़े और छोटे नालों की सफाई का कार्य शुरू किया जाना चाहिए. मई महीने में इन सभी नालों की सफाई पूरी कर ली जाए. इसका लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जिसको लेकर निगम प्रशासन लगातार कार्यों में लगा हुआ है. सभी नालों की सफाई के लिए मिशनरी की तैयारी की जा रही है.
पटना में कुल 535 नाले
बता दें कि पटना में नालों की संख्या की बात करें तो कुल 535 हैं, जिनमें 9 बड़े नाले हैं. 14 मीडियम नाले और 172 छोटे नाले हैं जो 39 संपा उससे जुड़े हुए हैं. सभी नालों का पानी संप हाउस द्वारा शहर के बाहर छोटी नदियों में प्रभावित किया जाता है.
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मेयर सीता साहू ने दिए आदेश
पटना नगर निगम की मेयर सीता साहू ने आदेश दिया है कि शहर के सभी बड़े नालों के साथ-साथ अन्य सभी छोटे नालों, नालियों, मैनहोल, कैचपिट आदि की उड़ाही का काम भी मई तक पूरा कर लेने का भी लक्ष्य रखा है. नगर निगम अंतर्गत सभी 9 बड़े नालों सर्पेंटाइन नाला, योगीपुर नाला, मंदीरी नाला, बाकरगंज नाला, आनंदपुरी नाला, कुर्जी नाला, बाईपास नाला (कंकड़बाग क्षेत्र), बाईपास नाला (नूतन राजधानी क्षेत्र) एवं सैदपुर नाले की उड़ाही का कार्य एजेंसी के माध्यम से कराने का का फैसला लिया गया है. हालांकि अभी एजेंसी का चयन नहीं हो पाया है इसलिए अब इन सभी नालों की सफाई भी निगम प्रशासन अपने कर्मियों द्वारा सुपर सकर, पोकलेन मशीनों के अलावे रोबोट के जरिये कराने का फैसला लिया है.
क्या कहते हैं स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य इंद्रदीप चंद्रवंशी
नाला उड़ाई को लेकर स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य इंद्रदीप चंद्रवंशी बताते हैं कि 2019 में पटना शहर में जो जलजमाव हुआ था. वो निगम के लिए बहुत ही चिंताजनक विषय रहा था. और हम लोगों ने भी देखा कि हमारी तरफ से क्या कुछ कमी रह गई थी. उन बिंदुओं पर हम लोग अब काम कर रहे है. उन्होंने कहा कि पटना शहर में जगह-2 सड़कों को खोदाई कर दी गई थी. जिसकी वजह से नालों की सफाई सही समय पर नहीं हो पाई थी. शहर में जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी.
इस बार सभी विभागों से तालमेल बैठे इसके लिए निगम प्रशासन के अधिकारी नगर आयुक्त लगातार अन्य विभागों से भी संपर्क कर रहे हैं. अभी कुछ दिन पहले ही पथ निर्माण विभाग, बिजली विभाग, के अलावे बुडको के अधिकारियों के साथ बैठक हुई है. उस बैठक में नाला सफाई में किसी तरह का बाधा ना आए इस पर सभी विभागों से निगम की सहमति बन गई है.
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जानकारी के लिए बता दें कि 1968 के बाद पटना शहर में कोई नालों का निर्माण नहीं हो पाया है. जनसंख्या की बात करें तो पटना में 20 लाख से अधिक आबादी हो गई है. जिसका घनत्व 11 सो पर स्क्वायर किलोमीटर हैं. जानकारों की माने तो पटना की बनावट तस्तरी की भांति है, जो जलजमाव का कारण कारण बन जाता हैं.