पटनाः बिहार के पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation Seized tea stall) ने एक बार फिर से अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर ग्रेजुएट चायवाली (Graduate Chaiwali Priyanka Gupta) के नाम से मशहूर प्रियंका गुप्ता का चाय का स्टाल जब्त कर लिया है. नगर निगम के इस अभियान से प्रियंका पूरी तरह टूट चुकी हैं और अब वह अपना व्यापार बंद करने का विचार कर रही हैं. इससे पहले भी जब नगर निगम के इस अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर ग्रेजुएट चाय वाली का स्टॉल जब्त किया गया था, तब उनकी मुलाकात लालू यादव से हुई थी और लालू यादव से मुलाकात के बाद नगर निगम ने उनके स्टाल को वापस कर दिया था, लेकिन एक बार फिर से पटना नगर निगम की कार्रवाई में प्रियंका का स्टाल जब्त करके पाटलिपुत्र अंचल कार्यालय में रख लिया गया है.
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प्रियंका गुप्ता ने सुनाया दुखड़ाः इस घटना के बाद प्रियंका ने वीडियो जारी कर अपना दुखड़ा सुनाया है, स्टॉल की संचालिका प्रियंका गुप्ता ने कहा कि बिहार में महिलाओं के लिए स्वावलंबी बनना गुनाह है. प्रियंका पटना नगर निगम की इस कार्रवाई से बुरी तरह आहत हुई हैं और अब वह अपने फ्रेंचाइजी को बंद करने की तैयारी कर रही हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में प्रियंका ने बताया कि बीते 5 वर्षों से वह सुनती आ रही हैं कि राजधानी पटना में वेंडिंग जोन बनेगा लेकिन अब तक नहीं बन पाया है. नगर निगम ने जो जगह वेंडिंग जोन के लिए चयनित किया उन जगहों के आस पास ठेला लगाने पर ठेला नगर निगम द्वारा उठा लिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बार-बार ठेला रिलीज कराने में हजारों रुपये खर्च हो रहे हैं और वह अब पूरी तरह टूट चुकी है.
"सरकार लड़कियों के स्वावलंबन की बड़ी बड़ी बातें करती है लेकिन धरातल पर ऐसा कुछ होता नहीं है. अब मैं समझ चुकी हूं कि बिहार में सरकार की तरफ से भी लड़कियों के बारे में सिर्फ यही सोचा जाता है कि वह शादी ब्याह और चूल्हा चौकी के लिए ही बनी हैं. मेरा ठेला पाटलिपुत्र अंचल ने एक बार फिर से जब्त कर लिया है और पानी टंकी के पास ठेला ले जाकर रख दिया गया है, मुझे इसको रिलीज कराने के लिए उन्हें कम से कम 2 से 5000 रुपये खर्च करने पड़ेंगे"- प्रियंका गुप्ता, ग्रेजुएट चायवाली
सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं लियाः प्रियंका ने कहा कि वह सरकार से जानना चाहती है कि अगर कोई लड़की स्वावलंबी बनना चाहती है और अपना ठेला लगाना चाहती है तो पटना में कहां लगाएगी. सरकार की कोई भी योजनाओं का उन्होंने लाभ नहीं लिया है. वह बस इतना चाहती है कि उनका स्टॉल ठीक-ठाक चले और इसे चलाने के लिए पटना में कोई वाजिब जगह मिले. प्रियंका ने बताया कि वह पटना नगर निगम की इस कार्रवाई से पूरी तरह टूट चुकी हैं और अब उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि वह वापस लौट कर घर जाएं, काम बंद कर दें या क्या करें.