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पटना: जल जमाव से नगर निगम ने दिलाई मुक्ति, नगर आयुक्त ने कहा- सभी विभागों का मिला साथ

पटना को जल जमाव से मुक्ति दिलाने के लिए बुडको द्वारा सभी 42 स्थायी और 21 अस्थायी संप हाउस को लगातार चलाया गया. बिजली कटने पर डीजी सेट के माध्यम से संप हाउस को चलाया गया. संप हाउस के लगातार चलने के कारण कम से कम समय में शहर से जल निकासी का काम पूरा कर लिया गया.

water logging patna
जल जमाव हटाने की कोशिश
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Published : May 29, 2021, 10:55 PM IST

पटना: मानसून आने से पहले चक्रवाती तूफान यास (cyclone yaas) की वजह से हुई भारी बारिश के चलते शहर में जल जमाव की स्थिति बन गई थी. जल जमाव होते ही हर तरफ नगर निगम की खिंचाई शुरू हो गई थी. नगर निगम ने बुडको और अन्य एजेंसियों के साथ सामंजस्य की बदौलत पटना के अधिकतर क्षेत्र को जल जमाव से मुक्त करा दिया.

यह भी पढ़ें- Yaas Cyclone: इन जिलों में नहीं टला संकट, तेज हवाओं के साथ वज्रपात और बारिश का अलर्ट

पटना को जल जमाव से मुक्ति दिलाने के लिए बुडको द्वारा सभी 42 स्थायी और 21 अस्थायी संप हाउस को लगातार चलाया गया. बिजली कटने पर डीजी सेट के माध्यम से संप हाउस को चलाया गया. संप हाउस के लगातार चलने के कारण कम से कम समय में शहर से जल निकासी का काम पूरा कर लिया गया.

गौरतलब है कि पहाड़ी, सैदपुर और योगीपुर संप पर शहर की जल निकासी सबसे ज्यादा निर्भर करती है. सभी संप हाउस पर अधिकारी और कर्मी अलर्ट रहे और काम लगातार जारी रहा. बुडको के एमडी रमन कुमार और नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा द्वारा लगातार क्षेत्र और संप हाउस का निरीक्षण किया गया. संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए. इसके साथ ही वर्षा के दौरान पेड़, पोल आदि गिरने से बाधित सड़कों को भी सुगम करने की त्वरित कार्रवाई की गई.

इन क्षेत्रों में हुआ था जलजमाव
पटना नगर निगम में कंकड़बाग अंचल अंतर्गत पीसी कॉलोनी, संजय गांधी नगर, भागवत नगर, बांकीपुर अंचल अंतर्गत राजेंद्र नगर, बकरी मंडी, जनक किशोर रोड, पाटलिपुत्र अंचल अंतर्गत इंद्रपुरी, राजवंशी नगर, जजेज आवास, पाटलिपुत्र कॉलोनी, अजीमाबाद अंचल अंतर्गत बिस्कोमान कॉलोनी, गुलजारबाग हाट आदि क्षेत्र को जल जमाव से मुक्त किया गया. अंदरूनी इलाकों में विभिन्न क्षमता के पंप के माध्यम से और आवश्यकतानुसार कच्चा नाला काटकर जल निकासी की वैकल्पिक व्यवस्था की गई, जिससे कम से कम समय में क्षेत्रों को जल जमाव से मुक्त करने में सफलता मिली.

Patna police
नाले पर बने खटाल को हटाते पुलिस कर्मी.

शहर में नहीं होगा जल जमाव
पटना नगर निगम द्वारा मानसून पूर्व ही जल जमाव संभावित क्षेत्रों को चिह्नित कर वैकल्पिक व्यवस्था की तैयारी कर ली गई. इसका परिणाम रहा कि भारी वर्षा के पश्चात भी न्यूनतम समय में अधिकतर क्षेत्रों को जल जमाव मुक्त कर लिया गया. अब शहर में जल जमाव न हो इसके लिए नगर निगम द्वारा नाला उड़ाही की तैयार रणनीति के अंतर्गत तीन चरणों में (मानसून पूर्व, मानसून के दौरान और मानसून पश्चात) किया जाता है.

वर्तमान में मध्य चरण के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्र में नाला उड़ाही का काम किया जा रहा है. वर्षा के दौरान खुले नाले में जमे कचरे के ढेर विभिन्न जगहों पर इकट्ठा होकर पानी के बहाव को अवरुद्ध करते हैं. विशेष तौर पर संप हाउस के आउटफॉल नालों पर लगी ग्रेटिंग के पास ठोस अपशिष्ट के फंस जाने की वजह से जल प्रवाह बाधित होता है.

पटना नगर निगम द्वारा ऐसे तमाम स्थानों पर चिन्हित कर नाला उड़ाही का कार्य लगातार किया जा रहा है. वर्षा के दौरान सभी अंचलों में टीमों (फट्टा गैंग) का गठन किया गया है जिनके द्वारा मेनहोल और छोटे नालों में एकत्रित कचरे को लगातार साफ किया जाता है ताकि पानी का निर्बाध बहाव सुनिश्चित हो.

नाले पर बने खटाल हटाए गए
पटना नगर निगम द्वारा सम्पूर्ण क्षेत्र में डोर टू डोर कचरा संग्रहण की सेवा दी जा रही है फिर भी कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा नियमों और सरकार के दिशा-निर्देश की अनदेखी करते हुए खुले मैदान और खुले नालों में कजरा डंप किया जाता है. यही वजह है कि लगातार नाला उड़ाही के बावजूद कई नालों की उपरी सतह पर प्लास्टिक के थैले, बोतल, थर्माकोल आदि पाए जाते हैं.

वहीं, लगातार अभियान चलाकार नालों को अतिक्रमण मुक्त रखने की कार्रवाई भी की जाती, लेकिन पुलिस बल और निगम की टीम के जाते ही दोबारा वे स्थान अतिक्रमित हो जाते हैं. अतिक्रमण की वजह से नाले जाम हो जाते हैं, जिससे जल जमाव की समस्या उत्पन्न होती है. इसी कड़ी में शनिवार को शास्त्रीनगर में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाकार नालों के उपर बने खटाल हटाए गए. इन खटाल संचालकों द्वारा अक्सर गोबर आदि को नालों में डंप कर दिया जाता है, जिससे नाले में पानी का बहाव अवरुद्ध होता है.

यह भी पढ़ें-Cyclone Yaas Effect: अस्पताल में जलजमाव से इलाज प्रभावित, निगम प्रशासन ने मशक्कत के बाद निकाला पानी

पटना: मानसून आने से पहले चक्रवाती तूफान यास (cyclone yaas) की वजह से हुई भारी बारिश के चलते शहर में जल जमाव की स्थिति बन गई थी. जल जमाव होते ही हर तरफ नगर निगम की खिंचाई शुरू हो गई थी. नगर निगम ने बुडको और अन्य एजेंसियों के साथ सामंजस्य की बदौलत पटना के अधिकतर क्षेत्र को जल जमाव से मुक्त करा दिया.

यह भी पढ़ें- Yaas Cyclone: इन जिलों में नहीं टला संकट, तेज हवाओं के साथ वज्रपात और बारिश का अलर्ट

पटना को जल जमाव से मुक्ति दिलाने के लिए बुडको द्वारा सभी 42 स्थायी और 21 अस्थायी संप हाउस को लगातार चलाया गया. बिजली कटने पर डीजी सेट के माध्यम से संप हाउस को चलाया गया. संप हाउस के लगातार चलने के कारण कम से कम समय में शहर से जल निकासी का काम पूरा कर लिया गया.

गौरतलब है कि पहाड़ी, सैदपुर और योगीपुर संप पर शहर की जल निकासी सबसे ज्यादा निर्भर करती है. सभी संप हाउस पर अधिकारी और कर्मी अलर्ट रहे और काम लगातार जारी रहा. बुडको के एमडी रमन कुमार और नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा द्वारा लगातार क्षेत्र और संप हाउस का निरीक्षण किया गया. संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए. इसके साथ ही वर्षा के दौरान पेड़, पोल आदि गिरने से बाधित सड़कों को भी सुगम करने की त्वरित कार्रवाई की गई.

इन क्षेत्रों में हुआ था जलजमाव
पटना नगर निगम में कंकड़बाग अंचल अंतर्गत पीसी कॉलोनी, संजय गांधी नगर, भागवत नगर, बांकीपुर अंचल अंतर्गत राजेंद्र नगर, बकरी मंडी, जनक किशोर रोड, पाटलिपुत्र अंचल अंतर्गत इंद्रपुरी, राजवंशी नगर, जजेज आवास, पाटलिपुत्र कॉलोनी, अजीमाबाद अंचल अंतर्गत बिस्कोमान कॉलोनी, गुलजारबाग हाट आदि क्षेत्र को जल जमाव से मुक्त किया गया. अंदरूनी इलाकों में विभिन्न क्षमता के पंप के माध्यम से और आवश्यकतानुसार कच्चा नाला काटकर जल निकासी की वैकल्पिक व्यवस्था की गई, जिससे कम से कम समय में क्षेत्रों को जल जमाव से मुक्त करने में सफलता मिली.

Patna police
नाले पर बने खटाल को हटाते पुलिस कर्मी.

शहर में नहीं होगा जल जमाव
पटना नगर निगम द्वारा मानसून पूर्व ही जल जमाव संभावित क्षेत्रों को चिह्नित कर वैकल्पिक व्यवस्था की तैयारी कर ली गई. इसका परिणाम रहा कि भारी वर्षा के पश्चात भी न्यूनतम समय में अधिकतर क्षेत्रों को जल जमाव मुक्त कर लिया गया. अब शहर में जल जमाव न हो इसके लिए नगर निगम द्वारा नाला उड़ाही की तैयार रणनीति के अंतर्गत तीन चरणों में (मानसून पूर्व, मानसून के दौरान और मानसून पश्चात) किया जाता है.

वर्तमान में मध्य चरण के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्र में नाला उड़ाही का काम किया जा रहा है. वर्षा के दौरान खुले नाले में जमे कचरे के ढेर विभिन्न जगहों पर इकट्ठा होकर पानी के बहाव को अवरुद्ध करते हैं. विशेष तौर पर संप हाउस के आउटफॉल नालों पर लगी ग्रेटिंग के पास ठोस अपशिष्ट के फंस जाने की वजह से जल प्रवाह बाधित होता है.

पटना नगर निगम द्वारा ऐसे तमाम स्थानों पर चिन्हित कर नाला उड़ाही का कार्य लगातार किया जा रहा है. वर्षा के दौरान सभी अंचलों में टीमों (फट्टा गैंग) का गठन किया गया है जिनके द्वारा मेनहोल और छोटे नालों में एकत्रित कचरे को लगातार साफ किया जाता है ताकि पानी का निर्बाध बहाव सुनिश्चित हो.

नाले पर बने खटाल हटाए गए
पटना नगर निगम द्वारा सम्पूर्ण क्षेत्र में डोर टू डोर कचरा संग्रहण की सेवा दी जा रही है फिर भी कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा नियमों और सरकार के दिशा-निर्देश की अनदेखी करते हुए खुले मैदान और खुले नालों में कजरा डंप किया जाता है. यही वजह है कि लगातार नाला उड़ाही के बावजूद कई नालों की उपरी सतह पर प्लास्टिक के थैले, बोतल, थर्माकोल आदि पाए जाते हैं.

वहीं, लगातार अभियान चलाकार नालों को अतिक्रमण मुक्त रखने की कार्रवाई भी की जाती, लेकिन पुलिस बल और निगम की टीम के जाते ही दोबारा वे स्थान अतिक्रमित हो जाते हैं. अतिक्रमण की वजह से नाले जाम हो जाते हैं, जिससे जल जमाव की समस्या उत्पन्न होती है. इसी कड़ी में शनिवार को शास्त्रीनगर में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाकार नालों के उपर बने खटाल हटाए गए. इन खटाल संचालकों द्वारा अक्सर गोबर आदि को नालों में डंप कर दिया जाता है, जिससे नाले में पानी का बहाव अवरुद्ध होता है.

यह भी पढ़ें-Cyclone Yaas Effect: अस्पताल में जलजमाव से इलाज प्रभावित, निगम प्रशासन ने मशक्कत के बाद निकाला पानी

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