पटना: प्रदेश के नगर निकायों के सफाई कर्मी जलापूर्ति योजना के कर्मी और अन्य प्रकार के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी (Fourth Grade Employee On Strike In Patna) अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बने हुए हैं. मंगलवार को हड़ताल के चौथे दिन भी सभी कर्मियों का धरना प्रदर्शन जारी रहा. हड़ताल की वजह से पटना नगर निगम में सफाई की व्यवस्था काफी प्रभावित हो गई है. पटना की सड़कों पर कचरे का अंबार लग गया है.
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सफाईकर्मियों की हड़ताल के कारण शहर में कचरे का अंबार: हालांकि नगर निगम (Patna Municipal Corporation ) द्वारा रात के समय सफाई निरीक्षकों को लेकर कुछ सफाई कर्मियों द्वारा शहर के प्रमुख जगहों से कचरा उठाया जा रहा है लेकिन लगभग 3500 से अधिक सफाई कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण सफाई व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो गई है. लगातार तीन दिनों से कचरा का उठाव नहीं होने की वजह से शहर में 3 मीट्रिक टन से अधिक कचरा जमा हो गया है.
लोगों को हो रही परेशानी: पटना शहर में प्रतिदिन 1100 से 1200 टन कचरा निकलता है. सड़क पर कचरा अधिक होने से सड़कें संकीर्ण हो गई है. वहीं दूसरी तरफ दुर्गंध से लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. खाद्य पदार्थों के कचरे 3 दिनों से नहीं उठाए जाने के कारण सड़ रहे हैं.
हड़ताली 4 कर्मियों पर कार्रवाई: नगर निगम के आयुक्त अनिमेष पराशर का कहना है कि सफाई व्यवस्था को सुचारू रखने का उन्होंने निर्देश दिया है. निगम के सफाई कर्मियों और एजेंसी द्वारा बहाल कर्मियों के सहयोग से कूड़ा उठाव किया जा रहा है. दैनिक वेतन भोगी कर्मी हड़ताल पर हैं. सफाई के लिए सभी अंचलों में टीम का गठन किया गया है जो दिन रात सफाई व्यवस्था पर नजर बनाए हुए हैं. सभी क्षेत्रों में कुल 26 टीमें तैनात की गई हैं. इसके अलावा सफाई कार्य में बाधा पहुंचाने वाले चार कर्मियों पर कार्रवाई करते हुए उनके ऊपर थाने में मामला दर्ज कराया गया है.
"पटना नगर निगम में कचरा उठाने के लिए 1140 गाड़ियां हैं जिनमें से 414 गाड़ियां कचरा उठाने का काम कर रही है. दिन-रात टीम लगी हुई है और एक्स्ट्रा मेहनत करके जो सफाई ड्यूटी पर हैं वह काम कर रहे हैं. शहर को साफ रखने की कोशिश कर रहे हैं."- अनिमेष पराशर,आयुक्त, नगर निगम
"एक महीना पहले सरकार को हड़ताल पर जाने की सूचना दे दी थी लेकिन इस दिशा में सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं की गयी. अपनी मांगों को लेकर अब तक तीन बार हड़ताल कर चुके हैं. यह चौथी हड़ताल है. पिछले पर कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद हड़ताल टूटी थी लेकिन कोर्ट ने कहा था कि 4 हफ्ते में कर्मचारियों से बात कर उनकी मांगों पर समाधान निकाले. इस पर कुछ नहीं हुआ."- जितेंद्र कुमार, प्रवक्ता, कर्मचारी संघ
"पिछले कई वर्षों से हम लोग नौकरी को स्थाई करने की मांग कर रहे हैं. नगर निगम में जब भी परमानेंट नौकरी दी गई है तो पहले दैनिक मजदूर के रूप में बहाल किया गया है. फिर बाद में उन्हें स्थाई बनाया गया है. पिछली बार जिस आश्वासन पर हड़ताल खत्म कराया गया था वह आश्वासन अब तक पूरा नहीं हुआ है. ऐसे में विवश होकर हम सभी हड़ताल पर हैं और जब तक मांगे पूरी नहीं होती हड़ताल जारी रहेगी."- चंदन कुमार, कर्मचारी, जलापूर्ति निगम
"हमारी स्थायी करने की मांग है. इसके अलावा ₹11000 के वेतन पर साइन कराया जाता है और 7 से ₹8000 दिया जाता है यह गलत है. हमें पूरा वेतन दिया जाए, समान काम के बदले समान वेतन लागू हो. महीने में पूरे 30 दिन काम लिया जाता है और 26 दिन का ही वेतन दिया जाता है. ऐसे में यदि 4 दिन अतिरिक्त काम लिया जा रहा है तो इसका वेतन भी अलग से मिलना चाहिए."- टुनटुन पासवान, सफाई कर्मी