पटना: शहर की आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार 12 लाख से ऊपर हो गई है. यानी हर साल शहर की आबादी बढ़ती जा रही है .बावजूद इसके पटना शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने का सपना दिखाने वाले पटना नगर निगम ने अपने वार्षिक बजट में कटौती कर दी है. इस वजह से पिछले साल नगर निगम ने जिन कार्यों की घोषणा की थी अब वो फाइलों में दफन होने की कगार पर पहुंच गईं हैं. इस बार पटना नगर निगम ने जो वार्षिक बजट पेश किया है, वो मात्र 15 सौ करोड़ रुपए का ही है. ऐसे में पुराने कार्य कैसे पूरे हो पाएंगे, निगम के पास इसका जबाब नहीं है.
ये भी पढ़ें- खतरे में मोक्षदायिनी फल्गु , शव दाह और नाले का गंदा पानी कर रहा नदी को प्रदूषित
राज्य सरकार से राजस्व नहीं मिलने से कटौती
दरअसल, राज्य सरकार से मिलने वाला राजस्व नहीं मिलने की वजह से 2021-22 के बजट में कटौती कर दी गई है. ऐसे में जनप्रतिनिधियों के सामने बहुत बड़ी चुनौती है .क्योंकि अगले साल नगर निकाय का चुनाव भी होना है. सवाल इस बात का है कि जब पटना की जनसंख्या साल-दर-साल बढ़ रही है तो फिर बजट क्यों घटता जा रहा है. सवाल ये भी है कि निगम प्रशासन कैसे शहर को सुंदर बना पाएगा? हालांकि नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य बताते हैं कि इस बार जितनी भी योजना पर निगम काम कर रहा है, उन योजनाओं को निगम समय पर पूरा कर लेगा.
ये भी पढ़ें- आप राजधानी में हैं फिर भी सुरक्षित नहीं हैं! अपराधियों ने घेरकर युवक को मार दी गोली
कम बजट से पुरानी योजनाएं अधर में !
नगर निगम के स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य आशीष सिन्हा ने बताया कि मेयर द्वारा 2021-22 के लिए 1499 करोड़ 85 लाख का जो बजट पेश हुआ है, इस बजट से निगम अपने आंतरिक स्रोत के माध्यम से शहर का विकास कर सकेगा. इस बार निगम द्वारा निर्माण कार्य को लेकर जितनी भी घोषणाएं हुई हैं, उसे सही समय पर पूरा कराना अब उनका मकसद बन गया है. उन्होंने साफ कहा कि सरकार से उन्हें कोई आर्थिक मदद नहीं मिल पाती है.
ये भी पढ़ें- भारी भरकम बजट फिर भी फंड के लिए तरस रहा पटना नगर निगम, ये है रोड़ा
निगम अपनी आय से पूरे करेगा काम?
नगर निगम द्वारा पिछले जितने भी बजट पेश हुए हैं उसमें निगम प्रशासन को आय का स्रोत दिखता था. सरकार से उम्मीद भी रहती थी कि सरकार मदद करेगी. लेकिन सरकार की तरफ से निगम को कोई आर्थिक सहायता नहीं मिलने की वजह से बहुत सी योजना धरातल पर नहीं उतर सकीं. इस बार निगम अपने आंतरिक स्रोत के माध्यम से बहुत सी योजनाओं का कार्य समय पर पूरा करेगा. ऐसी संभावना हमें इस बजट से दिख रही है.
ये भी पढ़ें- दूसरी योजनाओं की तरह अधर में लटक गई पटना नगर निगम की साइकिल योजना
नगर निगम के द्वारा संचालित योजनाएं (पिछला वित्त वर्ष)
- व्यवसायिक इमारतें: नगर निगम ने 3 स्थानों पर मॉल व मल्टीकंपलेक्स के निर्माण की योजना बनाई थी इसके लिए पिछले 2 बजट में 298 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है. लेकिन अब तक काम नहीं हो सका.
- किफायती आवास: राजधानी में निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए किफायती आवास के निर्माण की योजना तैयार की गईं, इस पर 377 करोड़ रुपए खर्च होना था. यह योजना भी ठंडे बस्ते में चली गई.
- आधारभूत संरचना का विकास: नगर निगम में कॉलोनी मैं स्मार्ट रोड व ड्रीम इस परियोजना का कंसेप्ट लाया था इस पर 2806 करोड़ रुपए खर्च होने थे पर नगर विकास विभाग से पैसा नहीं मिलने की वजह से या भी योजना अधर में लटकी हुई है.
2021-22 बजट में इन योजना पर सहमति (वर्तमान)
- जलापूर्ति योजना: इस साल हर घर नल का जल पर निगम प्रशासन 215 करोड़ रुपए खर्च करेगा. इसके तहत ओवरहेड टैंक, हाई यील्ड बोरिंग जलापूर्ति पाइप लाइन को बिछाने की योजना.
- प्रदूषण नियंत्रण: इस वित्तीय वर्ष में पटना नगर निगम प्रदूषण नियंत्रण पर 204 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना तैयार की है.
- नली-गली पक्कीकरण योजना: मुख्यमंत्री कच्ची गली नली पक्की करण योजना को समाप्त होने के बाद राजधानी क्षेत्र की कच्ची नाली गली पक्की करण के लिए नई योजना शुरू की गई है. इस पर 110 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.
अब देखने वाली बात ये होगी कि निगम द्वारा जितनी भी योजना अधर में लटकी हुई है. उन योजनाओं को निगम प्रशासन कैसे पूरा करवा पाता है, और कैसे शहर को स्मार्ट बना पाता है.