पटना: पूर्व आरजेडी विधान पार्षद आजाद गांधी को अब साढ़े पांच साल तक जेल में बिताना होगा. विभिन्न धाराओं के तहत पटना की एमपी-एमएलए कोर्ट ने ये सजा सुनाई है. उन पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव कार्यालय में न केवल हंगामा किया, बल्कि वहां मौजूद अधिकारियों से मारपीट भी की थी. ये मामला 361/2007 से जुड़ा है.
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कोर्ट की बेहद तल्ख टिप्पणी: सजा सुनाने के दौरान अदालत ने पूर्व एमएलसी को लेकर बेहद ही तल्ख टिप्पणी की है. कोर्ट ने उनकी तुलना किसी दुर्दांत अपराधी से करते हुए कहा कि एक जन प्रतिनिधि सदन में बैठकर कानून बनाता है लेकिन उन्होंने ऐसा कृत्य किया है, जिसे माफ नहीं किया जा सकता है, क्योंकि उनकी वजह से एक एडीएम और तीन कार्यपालक दंडाधिकारी प्रभावित हुए थे.
क्या है मामला?: विशेष अदालत के न्यायाधीश संगम सिंह ने आईपीसी की धारा 353, 323 और 34 के तहत आजाद गांधी को दोषी ठहराया है. उन पर आरोप है कि साल 2007 में आजाद गांधी और उनके साथ आए लोगों ने पटना समाहरणालय में चुनाव अधिकारी के साथ मारपीट की थी. साथ ही सरकारी काम में भी बाधा डाला.
विधान परिषद से सदस्य रह चुके हैं आजाद: आजाद गांधी राष्ट्रीय जनता दल के नेता हैं. वह पटना स्नातक सीट से विधान पार्षद रह चुके हैं. हालांकि 2020 में हुए चुनाव में जेडीयू प्रत्याशी नीरज कुमार के हाथों 8252 मतों से उनको शिकस्त मिली थी. आजाद गांधी आरेजडी के अलावे जनता दल यूनाइटेड और कांग्रेस में भी रह चुके हैं.