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बिहार में बाढ़ का तांडव, बेगूसराय में नाव पर जिंदगी, देखें डराने वाली तस्वीरें - Flood In Begusarai - FLOOD IN BEGUSARAI

BEGUSARAI FLOOD: बिहार के बेगूसराय में गंगा नदी इन दिनों कहर बरपा रही है. बाढ़ की तबाही से करीब आठ प्रखंड के 76 हजार लोग प्रभावित है. कई गांव टापू बन गए है, लोगों के लिए नाव ही एक मात्र सहारा हैं. करीब 151 स्कूल को 25 सितंबर तक बंद कर दिया गया हैं. देखें बाढ़ की डरावनी तस्वीरें.

BEGUSARAI FLOOD
बेगूसराय में बाढ़ (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 23, 2024, 11:14 AM IST

Updated : Sep 23, 2024, 11:53 AM IST

बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय में गंगा नदी सैकड़ों गांव के लिए कहर बन गई है. बाढ़ से लाखों लोगों का जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बलिया, मटिहानी, शामहो, साहेबपुरकमाल, तेघरा, बछवाड़ा प्रखंड सहित नगर निगम के कई क्षेत्र में गंगा का पानी प्रवेश करने से बाढ़ आ गई है. प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन के द्वारा राहत व्यवस्था के कई दावे तो किए जा रहे हैं लेकिन अधिकाश इलाकों के पीड़ित इससे संतुष्ट नहीं हैं. लोग कह रहे हैं कि प्रशासन की ओर से कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है, वो अपने घर के छत पर रहने को मजबूर हैं.

गंगा का बढ़ता जलस्तर बना कहर: बाढ़ से बदहाल होती स्थिति में कई जगह पीड़ितों के द्वारा राहत व्यवस्था को लेकर हंगामा भी किया गया. गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण मुख्य रूप से मटिहानी प्रखंड अंतर्गत कुल छह पंचायत में हाहाकार मचा हुआ है. वहीं बलिया प्रखंड अंतर्गत छह पंचायत बढ़ते जलस्तर से प्रभावित हैं, जिसमें तुलसी टोल, मीरअलीपुर पंचायत आदि में स्थिति भयावह है.

बेगूसराय में बाढ़ से जनजीवन अस्त व्यस्त (ETV Bharat)

151 सरकारी स्कूलों को किया गया बंद: कहीं मवेशी के लिए चारा एक बड़ी समस्या बनी हुई है. तो कई इलाकों में बाढ़ के कारण संपर्क टूट चुका है. नाव के पर्याप्त संख्या में नहीं होने से लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं. इसी कड़ी में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए 151 सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया गया है.

इन पंचायतों में घुसा बाढ़ का पानी: साहेबपुर कमाल प्रखंड अंतर्गत कुल दो पंचायत जिसमें कमला स्थान और समस्तीपुर पंचायत बाढ़ की चपेट में है. जबकि शाम्हो प्रखंड अंतर्गत सभी तीन पंचायत प्रभावित हैं. उधर बछवाड़ा प्रखंड अंतर्गत तीन पंचायत और तेघड़ा प्रखंड अंतर्गत कुल चार पंचायत बाढ़ से प्रभावित हैं. खास बात यह है कि बाढ़ की चपेट में नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या-5 डुमरी और नगर-निगम क्षेत्र के कमरूद्दीनपूर आदि भी प्रभावित हैं.

flood in Begusarai
लोग पानी में रहने को मजबूर (ETV Bharat)

पीड़ितों ने लगाया प्रशासन पर लापरवाही का आरोप: बाढ़ पीड़ित छीतरौर गांव की एक महिला ने अपना दर्द सुनाते हुए कहा कि बाढ़ को लेकर काफी परेशान हैं. जैसे तैसे अपनी जिंदगी गुजार रही है. महिला ने बताया कि अब तक उन लोगों को सुविधा के नाम पर सरकार और प्रशासन की तरफ से कुछ भी मुहैया नहीं कराया गया है. बाढ़ आए दस दिन बीत गए पानी के कारण उनका पैर सड़ रहा है, लेकिन कोई दवा की व्यवस्था नहीं है.

"आने जानें के लिए दो चार नाव हैं, लेकिन हमे इसकी सुविधा भी नहीं मिलती है. बाढ़ की इस घड़ी हमे देखने और हमरा दर्द सुनने कोई एमएलए और एमपी अब तक नहीं आए हैं. बाढ़ के कारण बच्चे की पढ़ाई-लिखाई चौपट हो गई है. नाव के कारण अपने नातीन का इंटर में एडमिशन कराने नहीं जा सकी. यहां पर चिकित्सक, पशु चिकित्सक सहित अन्य सुविधाएं नदारद है."- ऋतु देवी, बाढ़ पीड़ित

flood in Begusarai
पानी में डूबा सारा सामान (ETV Bharat)

बाढ़ के बीच कैसे हो रहा जीवन यापन: जिले के कुल आठ प्रखंड बाढ़ की चपेट मे हैं. लोग या तो गांव से पलायन कर चुके हैं, या फिर गांव में ही रहकर जैसे-तैसे जीवन यापन कर रहे हैं. कुछ लोग घर की छत और ऊंचे स्थान पर अपना ठिकाना बनाए हुए हैं. कुछ लोग बांध और अन्य सरकारी भवनों में रहने को विवश हैं. बाढ़ की स्थिति से न सिर्फ आम इंसान बल्कि मवेशियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

flood in Begusarai
जान जोखिम में डालकर हो रहा आवागमन (ETV Bharat)

गाय के लिए नहीं बचा है चारा: निशु देवी ने बताया कि बाढ़ के पानी के कारण सभी नल डूब चुके हैं. दूसरी ओर जाकर लोगों के सबमर्सिबल से पीने का पानी लाना पड़ता है. नगर निगम क्षेत्र वॉर्ड नंबर 18 के रहने वाले बाढ़ पीड़ितों ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि पीने का पानी नहीं है. गाय के लिए चारा भी नहीं है. प्रशासन कोई मदद नहीं कर रही है. अब तक कोई भी अधिकारी उन लोगों को देखने नहीं आया है.

flood in Begusarai
नाव बना ग्रामीणों का सहारा (ETV Bharat)

क्या कहते हैं कांग्रेस के जिला अध्यक्ष: मटिहानी प्रखंड क्षेत्र में गंगा के रौद्र रूप के बाद आई विपदा के संबंध में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अभय कुमार उर्फ सार्जन सिंह ने कहा कि मटिहानी प्रखंड के लगभग सभी पंचायत बाढ़ के पानी में डूब गयी है. मटिहानी प्रखंड के लभरचक में लगभग हर घर में पानी घुसा हुआ है. लोगों को शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है. अबतक प्रशासन का कोई अधिकारी नहीं आया है.

"मटिहानी प्रखंड क्षेत्र का कोई भी हिस्सा नहीं बचा है, जहां लोग मवेशी के लिए चारा की व्यवस्था कर सके. प्रशासन को सबसे पहले मवेशियों के चारे की व्यवस्था करनी चाहिए. सरकार ने जनता को अपने भाग्य भरोसे छोड़ दिया है. मेरी मांग है कि मटिहानी क्षेत्र को बाढ़ ग्रस्त इलाका घोषित करें यहां खाने और पानी की व्यवस्था की जाए." -अभय कुमार सिंह, जिला अध्यक्ष, कांग्रेस

flood in Begusarai
पक्के मकान में भी घुसा पानी (ETV Bharat)

बाढ़ पीड़ितों के लिए खास सुविधाओं का दावा: प्रशासन का दावा है कि नगर निगम क्षेत्र में जहां बाढ़ है वहां तीन निजी नावों का परिचालन शुरू किया गया है. प्रभावित क्षेत्रों के अनुमंडल पदाधिकारी, बीडीओ, सीओ और अन्य पदाधिकारियों को क्षेत्र में मौजूद रहकर स्थिति पर निगरानी बनाये रखने के निर्देश है. आवश्यता अनुसार प्रभावित ग्रामीणों के बीच सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा गया है. नाव, कम्युनिटी किचन, शुद्ध पानी, दवा, राहत सामग्री, मवेशी का चारा और प्लास्टिक आदि सुविधाएं उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

flood in Begusarai
बाढ़ के पानी में नहा रहे बच्चें (ETV Bharat)

गंगा के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी: बाढ़ के संबंध में बेगूसराय के डीएम तुषार सिंगला ने शनिवार को बताया कि गंगा के जलस्तर के बढ़ने से नदी किनारे पड़ने वाले प्रखंड और उसके गांव बाढ़ की चपेट में हैं. जिला में कुल आठ प्रखंड बाढ़ की चपेट में है. पिछले कुछ दिनों से कुछ जगहों पर गंगा का जलस्तर डेंजर लेबल को क्रॉस किया है. गंगा का जो सबसे हाई सीएफएल 43.52 के लगभग होता है. उससे अभी पानी कम है, लेकिन गंगा का पानी उसी स्तर पर पहुंच रहा है.

flood in Begusarai
सड़कों पर लगा पानी (ETV Bharat)

197 निबंधित नाव का परिचालन: डीएम ने बताया कि बाढ़ के मद्देनजर स्थानीय मुखिया और सभी स्तर के प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा कम्युनिटी किचन, स्वच्छ जल, पशु चारा और नाव की व्यवस्था की है. शनिवार को गंगा का जलस्तर 43.41 मीटर रहा है. कुल आठ अंचलों मे 76 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. जिनके लिए 197 निबंधित नाव का परिचालन किया जा रहा है.

flood in Begusarai
पानी में डूबे फूस के घर (ETV Bharat)

"राहत और बचाव कार्य के लिए एसडीआरएफ की व्यवस्था चार अंचलों में की गई है. बाढ़ ग्रस्त इलाकों में जो भी आम जरुरते हैं उसको पूरा करने का आदेश अधिकारियों को दिया गया है. इसके आलावा 151 बाढ़ प्रभावित इलाको में आने वाले सभी सरकारी स्कूलों को 25 सितंबर तक बंद करने का आदेश दिया गया हैं."-तुषार सिंगला, डीएम, बेगूसराय

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गंगा का बढ़ता जलस्तर बना कहर: बाढ़ से बदहाल होती स्थिति में कई जगह पीड़ितों के द्वारा राहत व्यवस्था को लेकर हंगामा भी किया गया. गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण मुख्य रूप से मटिहानी प्रखंड अंतर्गत कुल छह पंचायत में हाहाकार मचा हुआ है. वहीं बलिया प्रखंड अंतर्गत छह पंचायत बढ़ते जलस्तर से प्रभावित हैं, जिसमें तुलसी टोल, मीरअलीपुर पंचायत आदि में स्थिति भयावह है.

बेगूसराय में बाढ़ से जनजीवन अस्त व्यस्त (ETV Bharat)

151 सरकारी स्कूलों को किया गया बंद: कहीं मवेशी के लिए चारा एक बड़ी समस्या बनी हुई है. तो कई इलाकों में बाढ़ के कारण संपर्क टूट चुका है. नाव के पर्याप्त संख्या में नहीं होने से लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं. इसी कड़ी में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए 151 सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया गया है.

इन पंचायतों में घुसा बाढ़ का पानी: साहेबपुर कमाल प्रखंड अंतर्गत कुल दो पंचायत जिसमें कमला स्थान और समस्तीपुर पंचायत बाढ़ की चपेट में है. जबकि शाम्हो प्रखंड अंतर्गत सभी तीन पंचायत प्रभावित हैं. उधर बछवाड़ा प्रखंड अंतर्गत तीन पंचायत और तेघड़ा प्रखंड अंतर्गत कुल चार पंचायत बाढ़ से प्रभावित हैं. खास बात यह है कि बाढ़ की चपेट में नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या-5 डुमरी और नगर-निगम क्षेत्र के कमरूद्दीनपूर आदि भी प्रभावित हैं.

flood in Begusarai
लोग पानी में रहने को मजबूर (ETV Bharat)

पीड़ितों ने लगाया प्रशासन पर लापरवाही का आरोप: बाढ़ पीड़ित छीतरौर गांव की एक महिला ने अपना दर्द सुनाते हुए कहा कि बाढ़ को लेकर काफी परेशान हैं. जैसे तैसे अपनी जिंदगी गुजार रही है. महिला ने बताया कि अब तक उन लोगों को सुविधा के नाम पर सरकार और प्रशासन की तरफ से कुछ भी मुहैया नहीं कराया गया है. बाढ़ आए दस दिन बीत गए पानी के कारण उनका पैर सड़ रहा है, लेकिन कोई दवा की व्यवस्था नहीं है.

"आने जानें के लिए दो चार नाव हैं, लेकिन हमे इसकी सुविधा भी नहीं मिलती है. बाढ़ की इस घड़ी हमे देखने और हमरा दर्द सुनने कोई एमएलए और एमपी अब तक नहीं आए हैं. बाढ़ के कारण बच्चे की पढ़ाई-लिखाई चौपट हो गई है. नाव के कारण अपने नातीन का इंटर में एडमिशन कराने नहीं जा सकी. यहां पर चिकित्सक, पशु चिकित्सक सहित अन्य सुविधाएं नदारद है."- ऋतु देवी, बाढ़ पीड़ित

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पानी में डूबा सारा सामान (ETV Bharat)

बाढ़ के बीच कैसे हो रहा जीवन यापन: जिले के कुल आठ प्रखंड बाढ़ की चपेट मे हैं. लोग या तो गांव से पलायन कर चुके हैं, या फिर गांव में ही रहकर जैसे-तैसे जीवन यापन कर रहे हैं. कुछ लोग घर की छत और ऊंचे स्थान पर अपना ठिकाना बनाए हुए हैं. कुछ लोग बांध और अन्य सरकारी भवनों में रहने को विवश हैं. बाढ़ की स्थिति से न सिर्फ आम इंसान बल्कि मवेशियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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जान जोखिम में डालकर हो रहा आवागमन (ETV Bharat)

गाय के लिए नहीं बचा है चारा: निशु देवी ने बताया कि बाढ़ के पानी के कारण सभी नल डूब चुके हैं. दूसरी ओर जाकर लोगों के सबमर्सिबल से पीने का पानी लाना पड़ता है. नगर निगम क्षेत्र वॉर्ड नंबर 18 के रहने वाले बाढ़ पीड़ितों ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि पीने का पानी नहीं है. गाय के लिए चारा भी नहीं है. प्रशासन कोई मदद नहीं कर रही है. अब तक कोई भी अधिकारी उन लोगों को देखने नहीं आया है.

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नाव बना ग्रामीणों का सहारा (ETV Bharat)

क्या कहते हैं कांग्रेस के जिला अध्यक्ष: मटिहानी प्रखंड क्षेत्र में गंगा के रौद्र रूप के बाद आई विपदा के संबंध में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अभय कुमार उर्फ सार्जन सिंह ने कहा कि मटिहानी प्रखंड के लगभग सभी पंचायत बाढ़ के पानी में डूब गयी है. मटिहानी प्रखंड के लभरचक में लगभग हर घर में पानी घुसा हुआ है. लोगों को शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है. अबतक प्रशासन का कोई अधिकारी नहीं आया है.

"मटिहानी प्रखंड क्षेत्र का कोई भी हिस्सा नहीं बचा है, जहां लोग मवेशी के लिए चारा की व्यवस्था कर सके. प्रशासन को सबसे पहले मवेशियों के चारे की व्यवस्था करनी चाहिए. सरकार ने जनता को अपने भाग्य भरोसे छोड़ दिया है. मेरी मांग है कि मटिहानी क्षेत्र को बाढ़ ग्रस्त इलाका घोषित करें यहां खाने और पानी की व्यवस्था की जाए." -अभय कुमार सिंह, जिला अध्यक्ष, कांग्रेस

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पक्के मकान में भी घुसा पानी (ETV Bharat)

बाढ़ पीड़ितों के लिए खास सुविधाओं का दावा: प्रशासन का दावा है कि नगर निगम क्षेत्र में जहां बाढ़ है वहां तीन निजी नावों का परिचालन शुरू किया गया है. प्रभावित क्षेत्रों के अनुमंडल पदाधिकारी, बीडीओ, सीओ और अन्य पदाधिकारियों को क्षेत्र में मौजूद रहकर स्थिति पर निगरानी बनाये रखने के निर्देश है. आवश्यता अनुसार प्रभावित ग्रामीणों के बीच सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा गया है. नाव, कम्युनिटी किचन, शुद्ध पानी, दवा, राहत सामग्री, मवेशी का चारा और प्लास्टिक आदि सुविधाएं उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

flood in Begusarai
बाढ़ के पानी में नहा रहे बच्चें (ETV Bharat)

गंगा के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी: बाढ़ के संबंध में बेगूसराय के डीएम तुषार सिंगला ने शनिवार को बताया कि गंगा के जलस्तर के बढ़ने से नदी किनारे पड़ने वाले प्रखंड और उसके गांव बाढ़ की चपेट में हैं. जिला में कुल आठ प्रखंड बाढ़ की चपेट में है. पिछले कुछ दिनों से कुछ जगहों पर गंगा का जलस्तर डेंजर लेबल को क्रॉस किया है. गंगा का जो सबसे हाई सीएफएल 43.52 के लगभग होता है. उससे अभी पानी कम है, लेकिन गंगा का पानी उसी स्तर पर पहुंच रहा है.

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सड़कों पर लगा पानी (ETV Bharat)

197 निबंधित नाव का परिचालन: डीएम ने बताया कि बाढ़ के मद्देनजर स्थानीय मुखिया और सभी स्तर के प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा कम्युनिटी किचन, स्वच्छ जल, पशु चारा और नाव की व्यवस्था की है. शनिवार को गंगा का जलस्तर 43.41 मीटर रहा है. कुल आठ अंचलों मे 76 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. जिनके लिए 197 निबंधित नाव का परिचालन किया जा रहा है.

flood in Begusarai
पानी में डूबे फूस के घर (ETV Bharat)

"राहत और बचाव कार्य के लिए एसडीआरएफ की व्यवस्था चार अंचलों में की गई है. बाढ़ ग्रस्त इलाकों में जो भी आम जरुरते हैं उसको पूरा करने का आदेश अधिकारियों को दिया गया है. इसके आलावा 151 बाढ़ प्रभावित इलाको में आने वाले सभी सरकारी स्कूलों को 25 सितंबर तक बंद करने का आदेश दिया गया हैं."-तुषार सिंगला, डीएम, बेगूसराय

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Last Updated : Sep 23, 2024, 11:53 AM IST
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