पटना : गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वाले परिवारों की ग्रामीण महिलाओं को धुएं से निजात दिलाने के लिए प्रधानमंत्री ने मई 2016 में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (Pradhan Mantri Ujjwala Yojana)की शुरुआत की थी. उसके तहत महिलाओं को मुफ्त गैस का कनेक्शन देने की शुरुआत तो कर दी गई, लेकिन पिछले 6 महीने में घरेलू गैस के दामों में लगातार बढ़ोतरी (Continuous increase in domestic gas prices) होने से वे ग्रामीण महिलाएं गैस नहीं खरीद पा रही हैं.
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गैस के दाम बढ़ने से फिर से धुएं वाली जिंदगी जीने को बेबस : गैस के दाम बढ़ने से वे महिलाएं फिर से लकड़ी के चूल्हे पर खाना बना रही हैं, फिर से धुएं की जिंदगी गुजारने को विवश हैं. मसौढ़ी अनुमंडल में उज्जवला गैस योजना का एक लाख से अधिक मुफ्त में कनेक्शन तो मिल गया था लेकिन अब फिर से लकड़ी का चूल्हा जलाने बेबसी है. ईटीवी भारत की टीम जब गांव- गांव में इस योजना की जांच पड़ताल करने पहुंची तो ग्रामीण महिलाओं ने कहा कि हम लोग रोज कमाने खाने वाली हैं, पहले घर के लिए चावल आटा खरीदें या 1150 रुपये का गैस लें, अब हमसे नहीं हो पाएगा. प्रधानमंत्री की यह उज्जवला योजना दिखावा है.
अनुमंडल में बंटे थे एक लाख ले अधिक कनेक्शन : प्रधानमंत्री उज्जवला गैस योजना का मकसद अधूरा दिख रहा है. पटना के ग्रामीण इलाकों में, खासतौर पर मसौढ़ी अनुमंडल की बात करें तो मसौढ़ी में तकरीबन 35 हजार से अधिक मुफ्त कनेक्शन दिए गए थे. धनरूआ में तकरीबन 52 हजार मुफ्त कनेक्शन मिले थे, इसके अलावा पुनपुन में 11 हजार महिलाओं को मुफ्त कनेक्शन मिले थे लेकिन इन दिनों घरेलू गैस के दामों में बढ़ोतरी कारण वे महिलाएं अब लकड़ी के चूल्हे पर फिर से खाना बना रही हैं और धुएं में जिंदगी गुजारने को विवश हैं.
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