पटना: जहां एक ओर पूरा विश्व कोरोना से जूझ रहा है और वहीं दूसरी ओर भारत में भी कोरोना वायरस काफी तेजी से अपना पैर फैला रहा है. संक्रमण के शुरुआती दिनों में ही एहतियात के तौर पर भारत में यात्री ट्रेनों का परिचालन पूर्णतया ठप कर दिया गया था.
23 मार्च से लागू लॉकडाउन के 70 दिनों बाद कुछ ट्रेनों को चलाने की मंजूरी दी गई, लेकिन इनकी संख्या काफी कम है जो स्पेशल ट्रेन के रूप में चल रही है. सभी मेल एक्सप्रेस और रूटीन ट्रेनों का परिचालन नहीं होने से रेलवे को काफी नुकसान हो रहा है. और अगर पटना जंक्शन की बात करें तो 23 मार्च के बाद से करोड़ों का अब तक नुकसान हो चुका है.
ट्रेनों का परिचालन नहीं होने से काफी नुकसान
सामान्य और रूटीन ट्रेनों का परिचालन न होने से पटना जंक्शन को हो रहे घाटे के बारे में जब स्टेशन के निदेशक नीलेश कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पटना जंक्शन से प्रतिमाह 15 से 17 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन होता है. ट्रेनों का परिचालन न होने से पटना जंक्शन को करोड़ों का नुकसान हो रहा है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि लॉकडाउन के समय से अब तक पटना जंक्शन को 50 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है.
पटना जंक्शन से चल रही मात्र 9 जोड़ी ट्रेनें
पटना जंक्शन के निदेशक नीलेश कुमार ने बताया कि वर्तमान समय में पटना जंक्शन से मात्र 9 जोड़ी ट्रेन ही चल रही है. पूर्व में 11 जोड़ी ट्रेनें चल रही थी, लेकिन कुछ दिनों से 2 जोड़ी झारखंड जाने वाली ट्रेन रद्द हो गई है. उन्होंने बताया कि यह सभी ट्रेनें स्पेशल ट्रेन के रूप में चल रही हैं.
ट्रेनों में बहुत कम हो रही भीड़
नीलेश ने कहा कि अभी भी ट्रेनों में यात्रियों की संख्या उत्साहजनक नजर नहीं आ रही है. कुछ ट्रेनें हैं जैसे- अजीमाबाद एक्सप्रेस, संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस और कुर्ला सुपरफास्ट इन ट्रेनों में यात्रियों की संख्या अच्छी खासी नजर आ रही है. मगर बाकी अन्य ट्रेनों में बिल्कुल भी उत्साहवर्धक भीड़ नहीं है. पटना जंक्शन की जो स्थिति नजर आ रही है, उससे पता चलता है कि लोग अब बाहर जाने से कतरा रहे हैं.