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पटना में जातिगत राजनीतिक पोस्टरों की भरमार, नेताओं ने टिकट की आस में शुरू की जातिगत गोलबंदी - Caste in political posters

राजधानी पटना में विभिन्न दलों द्वारा लगाए राजनीतिक पोस्टरों में कही भी विकास कार्यों पर वोट मांगने की चर्चा नहीं है. दरअसल विधानसभा चुनाव 2020 के मद्देनजर सभी पार्टियों में हलचल बढ़ गई है. वहीं गठबंधन दलों में सीट बंटवारा होने से पहले सभी दलों के नेता विकास छोड़ जातिगत गोलबंदी करना शुरू कर दिए हैं.

पटना
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Published : Sep 8, 2020, 5:16 PM IST

Updated : Sep 8, 2020, 6:14 PM IST

पटना: भले ही देश-प्रदेश के नेता विकास को अपना मुख्य एजेंडा बताते हैं. वहीं इससे इतर वो राजनीतिक गणित के अनुकूल गाहे-बगाहे जातिगत हित साधने से भी चुकते नहीं है. कुछ ऐसा ही नजारा इन दिनों पटना में देखने को मिल रहा है. बता दें कि सभी दल के नेताओं द्वारा पटना के विभिन्न चौक-चौराहों को जातिगत पोस्टरों से पाट दिया गया है.

राजधानी पटना में विभिन्न दलों द्वारा लगाए राजनीतिक पोस्टरों में कही भी विकास कार्यों पर वोट मांगने की चर्चा नहीं है. दरअसल विधानसभा चुनाव 2020 के मद्देनजर सभी पार्टियों में हलचल बढ़ गई है. पहले सभी दल के नेताओं ने अपने पार्टी द्वारा किए गए विकास पर वोट मांगा. वहीं गठबंधन दलों में सीट बंटवारा होने से पहले सभी दलों के नेता विकास छोड़ जातिगत गोलबंदी करना शुरू कर दिए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पोस्टरों में विकास कार्यों की चर्चा नहीं
गौरतलब है कि चुनाव में टिकट की आस लगाए नेता अपने पोस्टरों में प्रमुखता से जाति को दिखा रहे हैं. दरअसल राजधानी पटना के सभी चौराहों पर नेताओं द्वारा जातिगत पोस्टर लगाया गया है. वहीं इन पोस्टरों में कहीं भी विकास कार्यों की चर्चा नहीं है.

पटना: भले ही देश-प्रदेश के नेता विकास को अपना मुख्य एजेंडा बताते हैं. वहीं इससे इतर वो राजनीतिक गणित के अनुकूल गाहे-बगाहे जातिगत हित साधने से भी चुकते नहीं है. कुछ ऐसा ही नजारा इन दिनों पटना में देखने को मिल रहा है. बता दें कि सभी दल के नेताओं द्वारा पटना के विभिन्न चौक-चौराहों को जातिगत पोस्टरों से पाट दिया गया है.

राजधानी पटना में विभिन्न दलों द्वारा लगाए राजनीतिक पोस्टरों में कही भी विकास कार्यों पर वोट मांगने की चर्चा नहीं है. दरअसल विधानसभा चुनाव 2020 के मद्देनजर सभी पार्टियों में हलचल बढ़ गई है. पहले सभी दल के नेताओं ने अपने पार्टी द्वारा किए गए विकास पर वोट मांगा. वहीं गठबंधन दलों में सीट बंटवारा होने से पहले सभी दलों के नेता विकास छोड़ जातिगत गोलबंदी करना शुरू कर दिए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पोस्टरों में विकास कार्यों की चर्चा नहीं
गौरतलब है कि चुनाव में टिकट की आस लगाए नेता अपने पोस्टरों में प्रमुखता से जाति को दिखा रहे हैं. दरअसल राजधानी पटना के सभी चौराहों पर नेताओं द्वारा जातिगत पोस्टर लगाया गया है. वहीं इन पोस्टरों में कहीं भी विकास कार्यों की चर्चा नहीं है.

Last Updated : Sep 8, 2020, 6:14 PM IST
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