पटना: राजधानी स्थित पटना हाई स्कूल 100 साल का हो गया है. आगामी 4 अगस्त को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू इसके शताब्दी समारोह में हिस्सा लेने आ रहे हैं. साल 1919 में स्थापित और देश के सबसे पुराने शैक्षणिक संस्थानों में पटना हाई स्कूल का नाम रहा है, जो अपने 100वें साल में प्रवेश कर चुका है.
4 अगस्त को आएंगे उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू 4 अगस्त को पटना हाई स्कूल के शताब्दी समारोह में हिस्सा लेने आने वाले हैं. पटना हाई स्कूल के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक 1912 में नए प्रांतों में बिहार और उड़ीसा के बनने के 7 साल बाद पटना हाई स्कूल की स्थापना की गई थी. शुरुआत में यहां ज्यादातर नौकरशाहों के बच्चे पढ़ा करते थे, जो पटना सचिवालय या अन्य सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले अधिकारी हुआ करते थे. इसे पटना इंग्लिश हाई स्कूल के रूप में स्थापित किया गया था. गौरतलब है कि मध्य पटना के गर्दनीबाग में विशाल क्षेत्र में फैले इस विद्यालय की सबसे पुरानी बिल्डिंग आकार E में है.
2 जुलाई 1919 को हुई थी स्थापना
समय-समय पर इस स्कूल में कई तरह के बदलाव देखने को मिले हैं. आजादी के बाद इस स्कूल के नाम से इंग्लिश शब्द हटा दिया गया था. वर्ष 2008 में इसका नाम बदलकर फिर से शहीद राजेंद्र प्रसाद सिंह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कर दिया गया था. लेकिन अभी भी यह पटना हाई स्कूल के नाम से ही लोकप्रिय है. जिसकी स्थापना 2 जुलाई 1919 को हुई थी.
छात्र-छात्राओं को किया जाएगा सम्मानित
बताया जाता है कि राजेंद्र प्रसाद सिंह इसी विद्यालय के मैट्रिक के छात्र थे. वह उन सात युवकों में से एक थे, जो अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान पटना सचिवालय में गोलीबारी के दौरान शहीद हो गए थे. इसलिए इस विद्यालय का नाम बिहार सरकार ने बदलकर उनके सम्मान में उनके नाम पर ही रख दिया. शताब्दी समारोह में इस विद्यालय के सबसे अधिक उम्र के पूर्व छात्र और छात्राओं को सम्मानित किया जाएगा. देश के गृह सचिव राजीव गौबा, सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद, अब्दुल बारी सिद्दिकी और कई शीर्ष सरकारी अधिकारी इस विद्यालय के छात्र रहे हैं.