पटनाः हाइकोर्ट (Patna High Court) ने पुलिस की भू माफिया के साथ कथित रूप से मिलीभगत और अवैध रूप से मकान ध्वस्त करने के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया. 4 जनवरी 2023 को फैसला सुनाया जाएगा. इससे पहले जस्टिस संदीप कुमार ने सजोगा देवी की याचिका पर सुनवाई की. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने याचिकाकर्ता को घटना की वीडियो को पेनड्राइव में राज्य सरकार के अधिवक्ता और प्रतिवादियों को देने का निर्देश दिया था.
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अराजकता फैलेगीः पहले हुई सुनवाई में पूर्वी पटना के एसपी, पटना सिटी के सीओ और अगमकुआं थाना के एसएचओ के साथ इस घटना में गए पुलिस अधिकारियों कोर्ट में उपस्थित हो कर अपनी स्थिति स्पष्ट की थी. कोर्ट ने कहा था कि बिना किसी न्यायिक या अर्द्धन्यायिक आदेश के मकान तोड़ा जाना अवैध है. अगर इसी तरह पुलिस कार्रवाई करेगी, तो अराजकता फैलेगी.
कोर्ट की कड़ी टिप्पणीः पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अवैध रूप से मकान ध्वस्त करने पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि जब ऐसे ही पुलिस काम करेगी, तो सिविल कोर्ट बंद कर दिया जाए. कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से इस बात से इंकार किया गया था कि इस घटना में बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया. उन्होंने कोर्ट को घटना की तस्वीरें भी दिखाई गई. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पुलिस के मनमाने रवैए पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि क्या यहां भी बुलडोजर चलेगा.
गिरफ्तारी पर रोक लगायी थीः पुलिस थाने में पैसा दे कर मनमाना काम करवाए जा सकते हैं. क्या सारी ताकत पुलिस को मिल गई है. पूर्व की सुनवाई में कोर्ट को बताया गया कि भू माफिया की शह पर याचिकाकर्ता व उसके परिवार वालों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है. कोर्ट ने इस प्राथमिकी पर कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश देते हुए उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का आदेश दिया था.