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NIOS Dled : 'ईटीवी भारत को शुक्रिया, आखिरकार हम जीत गए'

पटना हाई कोर्ट ने बिहार सरकार को यह आदेश दिया है कि इन शिक्षकों की डिग्री पूरी तरह मान्य है और वो भी शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं. पटना हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों के लिए बिहार सरकार को 4 हफ्ते का मौका देने का आदेश दिया है.

patna high court verdict on nios-deled case
पटना हाईकोर्ट के फैसले से एनआईओएस शिक्षकों में खुशी की लह
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Published : Jan 21, 2020, 12:31 PM IST

Updated : Jan 24, 2020, 11:36 AM IST

पटना: बिहार के दो लाख से ज्यादा एनआईओएस शिक्षकों के लिए बड़ी खबर है. पिछले कई महीनों से डिग्री की मान्यता के लिए परेशान इन शिक्षकों को पटना हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. पटना हाईकोर्ट ने उनकी डिग्री को मान्यता देते हुए बिहार सरकार को आदेश दिया है कि इन शिक्षकों को भी प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया में भाग लेने का मौका दिया जाए. इससे एनआईओएस शिक्षकों में खुशी की लहर है.

ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाई थी खबर
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग से डीएलएड करने वाले बिहार के ढाई लाख शिक्षक काफी परेशान थे. सरकार ने एनसीटीई का हवाला देते हुए यह आदेश जारी किया था कि यह शिक्षक बिहार में चल रही प्राथमिक शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकते हैं. क्योंकि इनकी डिग्री मान्य नहीं है. सबसे पहले इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था.

पहले दिन से ईटीवी भारत लगातार इस खबर को लेकर अपने दर्शकों को अपडेट बता रहे हैं. जब बिहार सरकार ने इनके डिग्री को मान्यता नहीं दी तो शिक्षकों ने पटना हाई कोर्ट का रुख किया. जिसके बाद आज पटना हाईकोर्ट ने इनके पक्ष में फैसला सुनाया.

पटना से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

करीब 14 लाख शिक्षकों को फायदा
पटना हाई कोर्ट ने बिहार सरकार को यह आदेश दिया है कि इन शिक्षकों की डिग्री पूरी तरह मान्य है और वो भी शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं. पटना हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों के लिए बिहार सरकार को 4 हफ्ते का मौका देने का आदेश दिया है. ताकि यह प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया के लिए अप्लाई कर सकें.

बता दें कि बिहार में फिलहाल करीब एक लाख शिक्षकों के पदों के लिए नियोजन की प्रक्रिया चल रही है. पटना हाईकोर्ट के इस फैसले से ना सिर्फ बिहार के बल्कि देशभर के करीब 14 लाख शिक्षकों को फायदा होगा. जिन लोगों ने एनआईओएस से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन की डिग्री ली है.

पटना: बिहार के दो लाख से ज्यादा एनआईओएस शिक्षकों के लिए बड़ी खबर है. पिछले कई महीनों से डिग्री की मान्यता के लिए परेशान इन शिक्षकों को पटना हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. पटना हाईकोर्ट ने उनकी डिग्री को मान्यता देते हुए बिहार सरकार को आदेश दिया है कि इन शिक्षकों को भी प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया में भाग लेने का मौका दिया जाए. इससे एनआईओएस शिक्षकों में खुशी की लहर है.

ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाई थी खबर
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग से डीएलएड करने वाले बिहार के ढाई लाख शिक्षक काफी परेशान थे. सरकार ने एनसीटीई का हवाला देते हुए यह आदेश जारी किया था कि यह शिक्षक बिहार में चल रही प्राथमिक शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकते हैं. क्योंकि इनकी डिग्री मान्य नहीं है. सबसे पहले इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था.

पहले दिन से ईटीवी भारत लगातार इस खबर को लेकर अपने दर्शकों को अपडेट बता रहे हैं. जब बिहार सरकार ने इनके डिग्री को मान्यता नहीं दी तो शिक्षकों ने पटना हाई कोर्ट का रुख किया. जिसके बाद आज पटना हाईकोर्ट ने इनके पक्ष में फैसला सुनाया.

पटना से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

करीब 14 लाख शिक्षकों को फायदा
पटना हाई कोर्ट ने बिहार सरकार को यह आदेश दिया है कि इन शिक्षकों की डिग्री पूरी तरह मान्य है और वो भी शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं. पटना हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों के लिए बिहार सरकार को 4 हफ्ते का मौका देने का आदेश दिया है. ताकि यह प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया के लिए अप्लाई कर सकें.

बता दें कि बिहार में फिलहाल करीब एक लाख शिक्षकों के पदों के लिए नियोजन की प्रक्रिया चल रही है. पटना हाईकोर्ट के इस फैसले से ना सिर्फ बिहार के बल्कि देशभर के करीब 14 लाख शिक्षकों को फायदा होगा. जिन लोगों ने एनआईओएस से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन की डिग्री ली है.

Intro:बिहार के दो लाख से ज्यादा एनआईओएस शिक्षकों के लिए बड़ी खबर है। पिछले कई महीनों से डिग्री की मान्यता के लिए परेशान इन शिक्षकों को पटना हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। पटना हाईकोर्ट ने उनकी डिग्री को मान्यता देते हुए बिहार सरकार को आदेश दिया है कि इन शिक्षकों को भी प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया में भाग लेने के लिए मौका दिया जाए।


Body:नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग से डी एल एड करने वाली बिहार के ढाई लाख शिक्षक पर परेशान हो गए थे जब देखो और सरकार ने एनसीटीई का हवाला देते हुए यह आदेश जारी किया था कि यह शिक्षक बिहार मैं चल रही प्राथमिक शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकते हैं क्योंकि इनकी डिग्री मान्य नहीं है। सबसे पहले इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। पहले दिन से हुई थी कि भारत लगातार इस खबर को लेकर अपने दर्शकों को अपडेट बता रहे हैं जब बिहार सरकार ने इनके डिग्री को मान्यता नहीं दी तो इन पंडित शिक्षकों में पटना हाई कोर्ट का रुख किया और आखिरकार आज पटना हाईकोर्ट ने इनकी बातें मानते हुए बिहार सरकार को या आदेश दिया है कि इन शिक्षकों की डिग्री पूरी तरह मान्य है और यह भी शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं।
पटना हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों के लिए बिहार सरकार को 4 हफ्ते का मौका देने का आदेश दिया है ताकि यह प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया के लिए अप्लाई कर सकें। बता दें कि बिहार में फिलहाल करीब एक लाख शिक्षकों के पदों के लिए नियोजन की प्रक्रिया चल रही है।
पटना हाईकोर्ट के इस फैसले से ना सिर्फ बिहार के बल्कि देशभर के करीब 1400000 शिक्षकों को फायदा होगा जिन लोगों ने एनआईओएस से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन की डिग्री ली है।


Conclusion:इस फैसले के बारे में याचिकाकर्ताओं के वकील पुरुष कुमार मिश्रा ने पूरी जानकारी दी। इधर पीड़ित शिक्षकों ने ईटीवी भारत का आभार जताया है और कहा कि पहले दिन से ही अपने भारत इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित करता रहा है।

प्रिंस कुमार मिश्रा याचिकाकर्ता के वकील
पप्पू कुमार याचिकाकर्ता शिक्षक
Last Updated : Jan 24, 2020, 11:36 AM IST
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