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मक्का खरीद मामला: पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को किया जवाब तलब - महेंद्र यादव की जनहित याचिका

हाई कोर्ट को याचिकाकर्ता ने बताया कि कोसी क्षेत्र समेत बिहार के कई हिस्सों में मक्का उगाने वाले किसान फसलों की न्यूनतम दर भी नहीं मिल पाने के कारण काफी बेहाल हैं. साथ ही पिछले वर्ष की तुलना में मक्के का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने के बाद भी राज्य सरकार तैयार फसलों की खरीददारी के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है.

पटना
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Published : Jul 3, 2020, 9:53 PM IST

पटना: राज्य में मक्के की फसल को उसके न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी नहीं खरीदने के मामले में पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब तलब किया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खण्डपीठ ने महेंद्र यादव की जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की.

बता दें कि हाई कोर्ट को याचिकाकर्ता ने बताया कि कोशी क्षेत्र समेत बिहार के कई हिस्सों में मक्का उगाने वाले किसान फसलों की न्यूनतम दर भी नहीं मिल पाने के कारण काफी बेहाल हैं. साथ ही पिछले वर्ष की तुलना में मक्के का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने के बाद भी राज्य सरकार तैयार फसलों की खरीददारी के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है.

एक सप्ताह बाद होगी अगली सुनवाई
याचिकाकर्ता महेंद्र यादव ने हाई कोर्ट को आगे बताया कि मक्के की तैयार फसल के समुचित भंडारण की व्यवस्था नहीं की गई है. वहीं, सरकारी खरीद के अभाव में कोशी और सीमांचल में बड़े फैमाने पर फसलों की कटाई रुकी हुई है. उन्होंने बताया कि नेपाल से आने वाली नदियां उफान पर हैं. साथ ही बाढ़ आने पर पानी फैलने से हजारों टन फसल बर्बाद होने का खतरा बना है. वहीं, इस मामले में अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी.

पटना: राज्य में मक्के की फसल को उसके न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी नहीं खरीदने के मामले में पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब तलब किया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खण्डपीठ ने महेंद्र यादव की जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की.

बता दें कि हाई कोर्ट को याचिकाकर्ता ने बताया कि कोशी क्षेत्र समेत बिहार के कई हिस्सों में मक्का उगाने वाले किसान फसलों की न्यूनतम दर भी नहीं मिल पाने के कारण काफी बेहाल हैं. साथ ही पिछले वर्ष की तुलना में मक्के का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने के बाद भी राज्य सरकार तैयार फसलों की खरीददारी के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है.

एक सप्ताह बाद होगी अगली सुनवाई
याचिकाकर्ता महेंद्र यादव ने हाई कोर्ट को आगे बताया कि मक्के की तैयार फसल के समुचित भंडारण की व्यवस्था नहीं की गई है. वहीं, सरकारी खरीद के अभाव में कोशी और सीमांचल में बड़े फैमाने पर फसलों की कटाई रुकी हुई है. उन्होंने बताया कि नेपाल से आने वाली नदियां उफान पर हैं. साथ ही बाढ़ आने पर पानी फैलने से हजारों टन फसल बर्बाद होने का खतरा बना है. वहीं, इस मामले में अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी.

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