ETV Bharat / state

छात्रों को समय पर नहीं मिल पा रही डिग्री, चीफ जस्टिस ने कुलपतियों को हलफनामा देने को कहा

बिहार के विश्वविद्यालयों में सत्र लेट होने के साथ ही छात्रों को डिग्री मिलने में भी देरी हो रही है. इसी को लेकर हाईकोर्ट में दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस से कड़ा रुख अपनाते हुए कुलपतियों को अगली सुनवाई में हलफनामा दायर (High Court directs to file affidavit) करने का निर्देश दिया है. इसमें स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है कि ऐसा क्यों हो रहा है.

छात्रों को डिग्री मिलने में देरी पर हाईकोर्ट सख्त
छात्रों को डिग्री मिलने में देरी पर हाईकोर्ट सख्त
author img

By

Published : Nov 5, 2022, 10:28 AM IST

पटनाः बिहार में विश्वविद्यालयों में छात्रों को डिग्रियां समय से नहीं मिल पा रही है. इस कारण छात्रों को नुकसान हो रहा है. इसी को लेकर पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा छात्रों को डिग्री निर्गत करने में हो रहे विलम्ब पर कड़ा रुख (High court strict on delaying to deliver degree) अपनाया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने कुलपतियों को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है. इसमें स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है कि ऐसा क्यों हो रहा है.


ये भी पढ़ेंः बिहार के दर्जनभर विश्वविद्यालयों का सेशन लेट, बहुतों को नौकरी मिली लेकिन सर्टिफिकेट अटका

हलफनामा दायर नहीं करने पर भरना होगा जुर्मानाः चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने विवेक राज की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य के सभी सम्बंधित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को अगली सुनवाई में हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया. इस मामलें पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद की जाएगीकोर्ट ने स्पष्ट किया कि जो कुलपति हलफनामा दायर नहीं करेंगे,उन पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. यह धनराशि उनके व्यक्तिगत वेतन से काटा जाएगा. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शाश्वत ने बताया कि राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा छात्रों की परीक्षा ली जाती है. एक तो इन विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक सत्र ऐसे भी विलम्ब से चल रहे है. परीक्षाएं भी निर्धारित समय पर नहीं ली जा रही है. इसके बाद डिग्री भी समय पर नहीं दिया जा रहा है. इससे छात्रों का भविष्य दाव पर लगा है.

डिग्रियां समय पर नहीं मिलने पर छात्रों को हो रहा नुकसानः अधिवक्ता शाश्वत ने कोर्ट को बताया कि परीक्षाएं लेने और रिजल्ट देने के बाद भी ये विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों को डिग्रियां देने में विलम्ब करते हैं. इससे जहां छात्रों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. वहीं इन छात्रों के भविष्य पर भी बुरा असर पड़ता है. विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश या नौकरियों में डिग्री मांगी जाती हैं, लेकिन डिग्री नहीं होने के कारण उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश या नौकरियों से वंचित रह जाना पड़ता हैं. इसलिए ये आवश्यक है कि छात्रों को सम्बंधित विश्वविद्यालय प्रशासन समय पर डिग्री उपलब्ध कराएं.

पटनाः बिहार में विश्वविद्यालयों में छात्रों को डिग्रियां समय से नहीं मिल पा रही है. इस कारण छात्रों को नुकसान हो रहा है. इसी को लेकर पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा छात्रों को डिग्री निर्गत करने में हो रहे विलम्ब पर कड़ा रुख (High court strict on delaying to deliver degree) अपनाया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने कुलपतियों को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है. इसमें स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है कि ऐसा क्यों हो रहा है.


ये भी पढ़ेंः बिहार के दर्जनभर विश्वविद्यालयों का सेशन लेट, बहुतों को नौकरी मिली लेकिन सर्टिफिकेट अटका

हलफनामा दायर नहीं करने पर भरना होगा जुर्मानाः चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने विवेक राज की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य के सभी सम्बंधित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को अगली सुनवाई में हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया. इस मामलें पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद की जाएगीकोर्ट ने स्पष्ट किया कि जो कुलपति हलफनामा दायर नहीं करेंगे,उन पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. यह धनराशि उनके व्यक्तिगत वेतन से काटा जाएगा. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शाश्वत ने बताया कि राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा छात्रों की परीक्षा ली जाती है. एक तो इन विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक सत्र ऐसे भी विलम्ब से चल रहे है. परीक्षाएं भी निर्धारित समय पर नहीं ली जा रही है. इसके बाद डिग्री भी समय पर नहीं दिया जा रहा है. इससे छात्रों का भविष्य दाव पर लगा है.

डिग्रियां समय पर नहीं मिलने पर छात्रों को हो रहा नुकसानः अधिवक्ता शाश्वत ने कोर्ट को बताया कि परीक्षाएं लेने और रिजल्ट देने के बाद भी ये विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों को डिग्रियां देने में विलम्ब करते हैं. इससे जहां छात्रों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. वहीं इन छात्रों के भविष्य पर भी बुरा असर पड़ता है. विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश या नौकरियों में डिग्री मांगी जाती हैं, लेकिन डिग्री नहीं होने के कारण उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश या नौकरियों से वंचित रह जाना पड़ता हैं. इसलिए ये आवश्यक है कि छात्रों को सम्बंधित विश्वविद्यालय प्रशासन समय पर डिग्री उपलब्ध कराएं.

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.