पटना: राजधानी पटना (Patna) के राजीव नगर (Rajeev Nagar) में आवास बोर्ड की जमीन पर कब्जे के मामले में पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने राजीव नगर में रहने वाले सेवानिवृत्त एसपी कुमार अमर सिंह के घर को आवास बोर्ड द्वारा खाली कराने के नोटिस पर रोक लगाई है.
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आवास बोर्ड द्वारा 10 सितंबर को अमर सिंह का घर अब खाली नहीं कराया जा सकेगा. दरअसल, इसके लिए दीघा कृषि भूमी अवास बचाओ संघर्ष समिति द्वारा लगातार आंदोलन किया जा रहा है. समिति संघर्ष द्वारा शुक्रवार को भी एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन राजीव नगर में किया गया था. राजीव नगर के लोग आवास बोर्ड और स्थानीय पुलिस के रवैए से आक्रोशित हैं.
इलाके के लोगों ने दो दिन पहले आक्रोश मार्च निकाला था और आवास बोर्ड व राजीव नगर थाना पुलिस के विरुद्ध नाराजगी जताई थी. स्थानीय लोगों ने बताया कि धरना के माध्यम से आवास बोर्ड और पुलिस विभाग के अधिकारियों को आगाह किया गया कि हमारी परीक्षा बार-बार लेने का प्रयास न करें.
दीघा कृषि भूमी अवास बचाओ संघर्ष समिति का एक दिवसीय धरना कार्यकारी अध्यक्ष लालटुना झा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ. दीघा विधायक डॉक्टर संजीव चौरसिया ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा सभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हम लगातार उपमुख्यमंत्री से बातचीत कर रहे हैं. समस्या के हर पहलू पर ध्यान केंद्रित कर हल कराया जाएगा.
बता दें कि राजीव नगर में करीब चार दशक से जमीन विवाद चल रहा है. बिहार राज्य आवास बोर्ड ने यहां करीब 1 हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था. आवास बोर्ड ने प्रति कट्ठा 2200 रुपए की दर से किसानों के लिए मुआवजा निर्धारित किया था. कई किसानों ने मुआवजा राशि लेने से इनकार कर दिया और जमीन बेचनी शुरू कर दी थी.
जल्द ही दीघा-आशियाना रोड के पश्चिम स्थित 400 एकड़ और पूरब स्थित 600 एकड़ जमीन पर कॉलोनियां बस गईं. राज्य सरकार ने विवाद सुलझाने के लिए पूरब की 600 एकड़ भूमि को नियमित कर दिया, जबकि पश्चिम की 400 एकड़ पर विवाद चल रहा है.
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