पटना: नवादा के डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में जांच में हो रही देर पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने बिहार सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने राज्य सरकार को दो सप्ताह में पूरे मामले में जानकारी देने का आदेश दिया है. इस मामले में अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.
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मंगलवार को प्रभात कुमार मुन्ना की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की. याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट चक्रपाणि ने कोर्ट को बताया कि संबंधित डीएफओ पर पहले भी आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस दर्ज हुआ था.
मिल मालिकों के साथ सांठगांठ का है आरोप
चक्रपाणि ने कोर्ट को बताया कि डीएफओ पर स्थानीय मिल मालिकों के साथ साठगांठ करने का आरोप है. कुछ ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि डीएफओ की मिलीभगत से नवादा के वन क्षेत्र से बहुमूल्य पेड़ों को काटा जा रहा है और उसका अवैध व्यापार होता है.
ग्रामीणों पर दर्ज हुए फर्जी केस
चक्रपाणि ने बताया कि ग्रामीणों के आरोप पर बिहार के प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने एक जांच दल गठित करने का आदेश दिया था. इस जांच दल ने क्या जांच की, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. जिन ग्रामीणों ने डीएफओ पर आरोप लगाया था, उनपर बाद में एक साथ कई फर्जी केस दर्ज किए गए. इसके चलते गांव के लोग अब डीएफओ के खिलाफ शिकायत करने से डरते हैं.
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