पटना: पटना हाईकोर्ट में मंगलवार को एनआईओएस से डीएलएड करने वाले शिक्षकों के मामले की सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने इस मामले में एनसीटीई और बिहार सरकार को नोटिस जारी करते हुए 2 हफ्ते में जवाब मांगा है. पटना हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान छात्रों के वकील ने हाईकोर्ट से कहा कि जब यह डिग्री दी गई थी उस समय ही शिक्षकों को डिग्री अमान्य होने की बात क्यों नहीं बताई गई.
शिक्षकों के वकील की दलील
दरअसल, शिक्षकों के वकील ने कहा कि शिक्षकों को कोर्स के समय यह क्यों नहीं बताया गया कि यह कोर्स कितने महीने का है. जब एनआइओएस और देश की संसद में कोर्स को 2 साल का बताकर डिग्री दी गई तो अब अचानक अमान्य क्यों? बिहार सरकार ने इसे 18 महीने का बताते हुए अमान्य कैसे करार दिया.
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बिहार प्राथमिक शिक्षक नियोजन में भाग लेने देने की मांग
शिक्षकों ने कोर्ट से आग्रह किया है कि उन्हें बिहार प्राथमिक शिक्षक नियोजन में भाग लेने की अनुमति दी जाए. मामले की जानकारी देते हुए पप्पू कुमार ने बताया कि पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन और बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है. साथ ही इस मामले में जवाब भी मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी.