पटनाः बिहार के पटना हाईकोर्ट ने आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक राजीव रंजन की नियुक्ति की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. रणधीर कुमार की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने इस तरह की जनहित याचिकाओं पर सख्त रुख अपनाते हुए याचिकाकर्ता पर पचास हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया है.
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याचिकाकर्ता पर पचास हजार का अर्थदंड ः कोर्ट ने 50 हजार की धनराशि आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक को 15 दिनों के भीतर देने का निर्देश याचिकाकर्ता को दिया है. कोर्ट ने ये पूरी तरह स्पष्ट किया कि यदि ये अर्थदंड की राशि 15 दिनों के भीतर नहीं दिया जायेगा, तो इस अर्थदंड में 15 हजार रुपये की बढ़ोतरी होगी. याचिकाकर्ता ने आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक राजीव रंजन की नियुक्ति को जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी थी.
परीक्षा नियंत्रक के वकील ने दी ये सफाईः याचिका में कोर्ट को बताया गया था कि इनकी नियुक्ति अवैध है. इनके नियुक्ति में अनियमितताएं बरती गई हैं, साथ ही प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है. वहीं आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक की ओर से अधिवक्ता सत्यम शिवम सुंदरम कोर्ट के समक्ष पक्षों को प्रस्तुत किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति पूर्णतः वैध है. इनकी नियुक्ति में प्रक्रिया का पूरी तरह पालन किया गया है.
फर्जी याचिका पर कोर्ट ने अपनाए कड़े रूखः कोर्ट ने इस तरह स्वार्थ पर आधारित और गलत जनहित याचिकायों के दायर करने पर काफी कड़ा और गंभीर रुख अपनाया. कोर्ट ने इस जनहित याचिका को ख़ारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर पचास हजार रुपये का भारी भरकम अर्थदंड लगाया है. ये राशि याचिकाकर्ता को आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक राजीव रंजन को बतौर क्षतिपूर्ति देना है. अगर 15 दिनों के भीतर अर्थदंड की राशि नहीं दी जाती, तो उसमें 15 हजार रुपये की धनराशि और बढ़ा दी जाएगी.