पटना : राज्य में पंचायतों के कार्यकाल का विस्तार नहीं होने के मामले पर आज पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने राज्य में वर्तमान पंचायतों के अवधि विस्तार को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ताओं को मामले को राज्य सरकार के समक्ष रखने की छूट दी. वहीं, हाईकोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है.
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चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने की सुनवाई
याचिकाकर्ता धर्मेंद्र कुमार गुप्ता व अन्य याचिकाओं पर चीफ जस्टिस संजय करोल खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए हस्तक्षेप करने से इनकार किया. बता दें कि वर्तमान पंचायतों का कार्यकाल आगामी 15 जून को पूरा हो जाएगा.
याचिकाकर्ता धर्मेंद्र कुमार गुप्ता के वकील जगन्नाथ सिंह ने कहा कि कि पंचायत चुनाव नहीं करवाने की वजह से भारत के संविधान के अनुच्छेद 243(ई) व बिहार पंचायत राज एक्ट, 2006 की धारा 14 व 124 के अनुसार पंचायत का पांच वर्ष का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा.
कोरोना महामारी के मामले पर की सुनवाई
पटना हाईकोर्ट में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) को लेकर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की. इस दौरान ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (ESIC) को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने अस्पताल प्रशासन को ये बताने को कहा कि क्या वे अस्पताल का संचालन स्वयं कर सकते हैं. अभी इस अस्पताल का संचालन आर्मी और राज्य सरकार के सहयोग से ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल द्वारा किया जा रहा है.
अगली सुनवाई 24 जून को
कोर्ट ने कोरोना की आने वाली तीसरी लहर के मद्देनजर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया. ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल, बिहटा की डीन सौम्या चक्रवर्ती ने बताया कि वे राज्य सरकार व आर्मी के अधिकारियों से विचार विमर्श कर हलफनामा दायर करेंगी. इस मामले पर अगली सुनवाई 24 जून को होगी.